कोल इंडिया में 11वें JBCCI की प्रतिनिधित्व को लेकर इंटक के तीनों गुटों की दावेदारी, कोल मिनिस्टरी ने लेबर मिनिस्टरी मांगी जानकारी

कोल इंडिया में 11वें JBCCI में प्रतिनिधित्व को लेकर इंटक के तीनों गुटों की दावेदारी से विवाद हो गया है। मामले में कोल मिनिस्टरी के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को  पत्र भेजकर इंटक के बारे में स्थिति साफ करने का आग्रह किया है।

कोल इंडिया में 11वें JBCCI की प्रतिनिधित्व को लेकर इंटक के तीनों गुटों की दावेदारी, कोल मिनिस्टरी ने लेबर मिनिस्टरी मांगी जानकारी
  • कोल मिनिस्टरी ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालाय से पूछा इंटक के तीनों गुट में से कौन है असली गुट 

कोलकाता। कोल इंडिया में 11वें JBCCI में प्रतिनिधित्व को लेकर इंटक के तीनों गुटों की दावेदारी से विवाद हो गया है। मामले में कोल मिनिस्टरी के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को  पत्र भेजकर इंटक के बारे में स्थिति साफ करने का आग्रह किया है।
सोर्सेज का कहना है कि लेब मिनिस्टरी की ओर से अगले वीक तक कोल मिनिस्टरी को जवाब भेज दिये जाने की संभावना है। दिल्ली हाई कोर्ट में पेंडिंग मुकदमा संख्या 447 / 2017 ही JBCCI में शामिल होने की राह में सबसे बड़ी अड़चन है।

यह है मामला
कोल मिनिस्टरी ने छह मई को सीआइएल को पत्र लिखकर 11वीं JBCCI गठन की अनुमति देते हुए इंटक विवाद पर कोर्ट के आदेश एवं देश के श्रम कानून के तहत निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोल इंडिया व कोल मिनिस्टरी से पहले ही 10 मई को इंटक रेड्डी गुट ने कोल सेकरेटरी को पत्र लिख कर अपने को असली इंटक घोषित करने के लिए JBCCI में प्रतिनिधित्व का दावा कर दिया।तिवारी गुट ने 10 मई को ही कोल इंडिया चेयरमैन व 12 मई को कोल सेकरटेरी को लेटर लिख कर अपने गुट का दावा पेश किया। तीसरे गुट ददई दुबे गुट ने 15 मई को कोल सेकरेटरी को पत्र भेजकर 11वीं JBCCI में अपनी दावेदारी पेश की। तीनों गुट अपने को असली एवं बाकी दोनों गुटों को फर्जी बताया है।

कोल मिनिस्टरी इंटक में गुटीय विवाद में पड़ने से बचते हुए लेबर मिनिस्टरी ने लेबर मिनिस्टरी डिटेल मांगी है। उल्लेथखनीय है कि लेबर मिनिस्ट्री द्वारा वर्ष 2017 चार जनवरी को जारी पत्र के आलोक में कोयला मिनिस्टरी ने कोल इंडिया के सभी कमेटियों से इंटक को बाहर रखने का आदेश जारी किया था।श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंडर सेक्रेटरी पीजे सुंदर राजन ने इंटक के तीनों गुट को एक पत्र लिखा. जिसमें कहा कि इंटक के विवाद एवं कोर्ट में पेडिंग मुकदमों का जब तक फैसला नहीं हो जाता, तब तक इंटक देश के सभी द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय कमेटियों में शामिल नहीं होगी। इस पत्र के साथ-साथ ददई गुट के महामंत्री एनजी अरुण के विरोध पत्र के आलोक में कोल मिनिस्टरी ने वर्ष 2017 की 11 जनवरी को सीआइएल ने इंटक को सभी कमेटियों से बाहर करने का निर्देश दिया। इसके बाद कोल इंडिया ने सभी कमेटियों से इंटक को बाहर करने का आदेश जारी कर दिया।

क्या है मुकदमा संख्या 447/2017
इंटक की रेड्डी गुट ने लेबर मिनिस्ट्री द्वारा वर्ष 2017 की चार जनवरी को जारी पत्र को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में डब्ल्यूपी (सी) संख्या 447/2017 दायर किया। कोर्ट में यह याचिका अभी तक पेंडिंग है। ऐसे में लेबर मिनिस्ट्री का आदेश तब तक लागू रहेगा, जब तक दिल्ली हाई कोर्ट उक्त रिट याचिका पर कोई फैसला नहीं सुना देती।