नेवी जवान सूरज दूबे मर्डर केस की जांच के लिए बनी हाई लेवल कमेटी, डिफेंस मिनिस्टर से मिले पलामू MP
डिफेंस मिनिस्टरी ने पलामू निवासी नौसैनिक सूरज कुमार दुबे को चेन्नई से किडनैप कर पालघर में जिंदा जलाये जाने के मामले की जांच के लिए हाइ लेवल कमेटी गठित की है। यह जानकारी मंगलवार को पलामू एमपी विष्णु दयाल राम ने मंगलवार को दी।
- वीडी राम ने होम मिनिस्टर को पत्र लिखा सीबीआइ जांच की मांग
नई दिल्ली। डिफेंस मिनिस्टरी ने पलामू निवासी नौसैनिक सूरज कुमार दुबे को चेन्नई से किडनैप कर पालघर में जिंदा जलाये जाने के मामले की जांच के लिए हाइ लेवल कमेटी गठित की है। यह जानकारी मंगलवार को पलामू एमपी विष्णु दयाल राम ने मंगलवार को दी।
श्री राम ने बताया कि नेवी जवान का किडनैप कर जिंदा जलाये जाने के मामले में सीबीआइ जांच की मांग को लेकर उन्होंने नई दिल्ली में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह से मुलाकात की है। डिफेंस मिनिस्टर ने अविलंब मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। साथ ही मामले की जांच को लेकर हाईलेवल कमेटी बनाने की बात कही।
बीडी राम के स्मार पत्र में डिटेल
पलामू एमपी ने डिफेंस मिनिस्टर को ज्ञापन सौंपकर पूरे मामले की डिटेल जानकारी दी है।ज्ञापन में उल्लेख है कि सूरज दो जनवरी को छुट्टी पर अपने घर आये थे।पलामू से वह 30 जनवरी को अपने कार्यस्थल कोयंबटूर जाने के लिए निकले थे। चेन्नई पहुंचने के बाद उन्होंने परिजनों को इसकी जानकारी दी थी। इसके बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा। बाद में एक फरवरी को सूरज दुबे के परिजनों ने पलामू चैनपुर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
चेन्नई से किडनैप कर पालघर में जलाया
पुलिस जांच से मोबाइल नंबर ट्रैक करने पर सूरज का लास्ट लोकेशन मेट्रो स्टेशन मीनमबक्कम चेन्नई 60016 दिखा। वहीं अन्य लोकल इंक्वायरी में पता चला कि श्रीधर नामक टैक्सी ड्राइवर ने सूरज दुबे को एनएसजी कैंप ओटेरी पुलिस स्टेशन के पास छोड़ा था। इसके तीन दिन बाद महाराष्ट्र के पालघर जिले के वेलजीपाड़ा जंगल में सूरज दुबे लगभग 90 परसेंट से ज्यादा जली अवस्था में पाये गये। बाद में मुंबई के नेवी हॉस्पीटल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
महाराष्ट्र पुलिस की नाकामी
सूरज ने मौत से पूर्व पुलिस को दिये बयान में बताया था कि 30 जनवरी को चेन्नई हवाई अड्डे के बाहर लगभग 11बजे आर्म्स से लैश तीन लोगों ने सफेद एसयूवी गाडी से उन्हें अगवा कर कथित तौर पर 10 लाख की फिरौती मांगी थी। सूरज ने पैसे देने में असमर्थता जताई। इसके बाद अपहर्ताओं ने तीन दिनों तक उन्हे बंदी बनाकर रखा। इसके बाद जली हुई अवस्था में वे महाराष्ट्र के पालघर स्थित जंगल से में मिले।अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि चेन्नई से 1500 किलोमीटर दूर वह महाराष्ट्र के पालघर कैसे पहुंच गये। महाराष्ट्र पुलिस ने उनकी खोज में कोई रुचि क्यों नहीं दिखाई। एमपी बीडी राम के अनुसार सूरज दुबे की मौत महाराष्ट्र पुलिस की नाकामी को बयां कर कई संदेह को पैदा करती है। एमपी ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने होम मिनिस्टर अमित शाह को भी पत्र लिखा है। मामले की सीबीआइ या हाईलेवलजांच कर इस दोषियों को कठोर से कठोर सजा दिलाने की मांग की है।