बिहार:बीजेपी के पांच व जेडीयू ने के तीन पुराने चेहरे को नीतीश कैबिनेट में नहीं मिली जगह, ज्ञानू ने विरोध में खोला मरोचा

सीएम नीतीश कुमार  की 31 सदस्यीय कैबिनेट में जेडीयू व बीजेपी के कई पुराने चेहरो के जगह नहीं मिली है। बीजेपी ने बदलाव के तहत पिछली सरकार में मंत्री रहे पांच पुराने नेताओं को जगह नहीं दी है

बिहार:बीजेपी के पांच व जेडीयू ने के तीन पुराने चेहरे को नीतीश कैबिनेट में नहीं मिली जगह, ज्ञानू ने विरोध में खोला मरोचा

पटना। सीएम नीतीश कुमार  की 31 सदस्यीय कैबिनेट में जेडीयू व बीजेपी के कई पुराने चेहरो के जगह नहीं मिली है। बीजेपी ने बदलाव के तहत पिछली सरकार में मंत्री रहे पांच पुराने नेताओं को जगह नहीं दी है। जेडीयू के तीन एक्स मिनिस्टर भी खाली हाथ रह गये। बीजेपी ने बड़ा फैसला लेते हुए सबसे पहले एक्स डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को स्टेट की पॉलिटिक्स से दूर कर राज्यसभा भेज दिया। यह दलाव का क्रम आगे भी जारी रखा।

सुशासन बाबू के प्रेशर में बीजेपी
बीजेपी ने गया से लगातार सातवीं बार जीते डॉ. प्रेम कुमार को कोई भाव नहीं दिया है। पिछली बार वे कृषि मंत्री थे। पटना साहिब से छठी बार जीते विधायक नंदकिशोर यादव को भी मंत्री नहीं बनाया गया है। ये नीतीश सरकार में पथ निर्माण व स्वास्थ्य महकमे संभाल चुके हैं। बेनीपट्टी एमएलए विनोद नारायण झा पिछली सरकार में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री थे, लेकिन इस बार भाजपा ने उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रहे बांका के एमएलए राम नारायण मंडल व सहकारिता मंत्री रहे मधुबन एमएलए राणा रणधीर भी कैबिनेट में जाने से वंचित रह गये। एक्स सीएम डॉ.जगन्नाथ मिश्र के पुत्र नीतीश मिश्र को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पायी है। पहली बार जदयू के टिकट पर झंझारपुर से जीते नीतीश मिश्रा ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद वे जदयू को छोड़ कर भाजपा में चले गये। इस बार भी वे झंझारपुर से जीते हैं।

जेडीयू के लीडर जिन्हें नहीं मिली जगह
1995 से आलमनगर सीट से लगातार जीत दर्ज कराने वाले नरेंद्र नारायण यादव भी इस बार मंत्री नहीं बन पाये।  ये पूर्व में योजना एवं विकास विभाग के अलावा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रह चुके हैं। जदयू ने कल्याणपुर एमएलए महेश्वर हजारी को भी मिनिस्टर नहीं बनाया है। पिछली सरकार में ये भवन निर्माण मंत्री थे। रुपौली सीट से कई बार एमएलए रह चुकी बीमा भारती पिछली सरकार में गन्ना उद्योग मंत्री थीं। इस बार इन्हें भी मंत्रिमंडल में तवज्जो नहीं दी गई है। सूचना व जनसंपर्क मंत्री रहे नीरज कुमार भी को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है। 
MLA ज्ञानेंद्र ने फूंका बगावत का बिगुल
कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर बीजेपी के बाढ़ एमएलए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने पार्टी को सीनियर नेताओं की अनदेखी करने के लिए परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। डिप्टी सीएम पद पर सवर्णों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने साथ 15 एमएलए होने का दावा किया है।ज्ञानू ने कहा है कि बीजेपी ने दो-दो उप Deputy CM  बनाया लेकिन सवर्ण समाज को एक भी पद नहीं दिया।ज्ञानू ने पार्टी नेतृत्व को चेतावनी दी है। बीजेपी पर राजपूत और सवर्ण समाज के साथ सीनीयर एमएलए की अनदेखी का आरोप लगाया है। ज्ञानू ने अपने साथ 15 एमएलए के होने का दावा करते हुए कहा कि समय आने पर फैसला करेंगे। बीजेपी गंभीर परिणाम भुगतेगी।

सीनीयर की अनदेखी का आरोप
ज्ञानू ने कहा है कि कैबिनेट विस्तार में भाजपा ने जाति, क्षेत्र और छवि का ख्याल भी नहीं रखा। कैबिनेट विस्तार में क्रिमिनलों जगह दी गई है। सवर्णों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है कि भाजपा को सवर्णों का सिर्फ वोट चाहिए। सत्ता में दूसरे को तरजीह दी जा रही है। मंत्रियों की सूची देखकर लगा कि भाजपा में अनुभवी और वरिष्ठ होना गलत है। नंद किशोर यादव, विनोद नारायण झा, प्रेम कुमार और राम नारायण मंडल सरीखे नेताओं की जगह क्या तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी से पार्टी को ताकत मिलेगी?
नतीजा भुगतने की चेतावनी

मगध क्षेत्र में भूमिहारों की उपेक्षा हुई है। कैबिनेट में पूरे शाहाबाद और मगध क्षेत्र से एक भी भूमिहार को नहीं लिया है। मिथिलांचल में ललित नारायण एवं जगन्नाथ मिश्र की पहचान प्रतिष्ठा नीतीश मिश्र को मंत्री नहीं बनाकर अनदेखी की गई है। पार्टी को इसका नतीजा भुगतना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि बाढ़ विधानसभा क्षेत्र से ज्ञानू लगातार चौथी बार एमएलए चुने गये हैं। बाढ़ में आजादी के बाद दो बार से ज्यादा लगातार कोई एमएलए नहीं जीत पाया।