बिहार: जीतन राम मांझी ने महागठबंधन का साथ छोड़ा, JDU के साथ जायेंगे घोषणा जल्द
बिहार के एक्स सीएम हिंदुस्तानी अवामा मार्चा (हम) के प्रसिडेंट जीतन राम मांझी ने महागठबंधन का साथ छोड़ने कै फैसला किया है। पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में गुरुवार को यह फैसला किया गया।
पटना। बिहार के एक्स सीएम हिंदुस्तानी अवामा मार्चा (हम) के प्रसिडेंट जीतन राम मांझी ने महागठबंधन का साथ छोड़ने कै फैसला किया है। पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में गुरुवार को यह फैसला किया गया। महागठबंधन में Coordination Committee बनाने तथा उसके माध्यम से सभी बड़े फैसले लेने की उनकी मांग को RJD कोई तवज्जो नहीं दे रहा था। इसे देखते हुए मांझी ने 20 अगस्त को फैसला लेने का ऐलान किया था।
मांझी ने कहा कि आगे वे NDA में नीतीश कुमार के साथ जायेंगे या क्या करेंगे, इसकी घोषणा दो-तीन दिनों में कर देंगे। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मांझी का यह फैसला बेहद अहम है।जीतनराम मांझी महागठबंधन में एक समन्वय समिति चाहते थे। वे चाहते थे कि यही समिति सीट शेयरिंग से लेकर मुख्यमंत्री प्रत्याशी तक के सभी बड़े फैसले करे। लेकिन आरजेडी खुद को महागठबंधन का नेता और अपने नेता तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम कैंडिडेट बताता रहा।
जेडीयू में विलय या एनडीए में वापसी की संभावना
पार्टी की कोर कमेटी ने मांझी को आगे की रणनीति तय करने के लिए अधिकृत किया है। अब दो-तीन दिनों में वे नए रिश्तों के संबंध में ऐलान करेंगे। कहा जा रहा है कि मांझी अपनी पार्टी का JDU के साथ विलय कर सकते हैं। हालांकि, पार्टी ने इसका कोई संकेत नहीं दिया है। मांझी एनडीए वापसी भी कर सकते हैं। वैसे, उन्होंने कहा है कि दलितों के आरक्षण, प्रोन्नति में आरक्षण, समान शिक्षा, दलित उत्पीड़न एक्ट को संविधान की नौवीं सूची अनुसूची में लाने के उनके संघर्ष में जो उनका साथ देंगे, वैसे ही लोगों के साथ रहना वे पसंद करेंगे।
मांझी ने नीतीश से मांगी एमएम विधानसभा व एक एमएलसी की सीट
बताया जाता है कि जीतन राम मांझी अपनी पार्टी का जेडीयू विलय नहीं करेंगे। लेकिन एनडीए के साथ जाना फिक्स है।जीतन राम मांझी और सीएम नीतीश कुमार के बीच बातचीत जारी है। मांझी की मांग 15 विधानसभा व एक एमएलसी सीट की है। सोर्सेज का कहना है कि दोनों के बीच 10+1 (एमएलसी) सीट पर डील फाइनल हो सकती है।