झारखंड में कर्मचारियों-पेशनर्स के महंगाई भत्ता में भारी बढ़ोतरी, जुलाई से ही लागू, कैबिनेट की बैठक में 19 प्रोपोजल पर मुहर
झारखंड गवर्नमेंट ने कर्मचारियों और पेशनर्स को बड़ा तोहफा दिया है। लाखों कर्मचारियों और पेशनर्स क महंगाई भत्ता में 17 से 28 परसेंट बढ़तोरी कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी एक जुलाई 2021 से लागू भी कर दी गई है। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की मंजूरी दी गयी।
रांची। झारखंड गवर्नमेंट ने कर्मचारियों और पेशनर्स को बड़ा तोहफा दिया है। लाखों कर्मचारियों और पेशनर्स क महंगाई भत्ता में 17 से 28 परसेंट बढ़तोरी कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी एक जुलाई 2021 से लागू भी कर दी गई है। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की मंजूरी दी गयी।
कैबिनेट में 19 प्रोपोजल को मंजूरी दी है। प्रधान सचिव कैबिनेट वंदना दादेल ने प्रोजेक्ट भवन में मीडिया को मंत्रिपरिषद के निर्णयों की जानकारी दी। महंगाई भत्ता बढ़ाने पर राज्य सरकार सालाना 1000 करोड़ रुपये व्यय करेगी। राज्य सरकार के कर्मियों को दिनांक 1 जनवरी 2016 से प्रभावी पुनरीक्षित वेतनमान (सातवें केंद्रीय वेतनमान) में 1 जुलाई, 2021 के प्रभाव से महंगाई भत्ता दरों में अभिवृद्धि की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट की अन्य फैसले
झारखंड पशुपालन सेवा के पशुचिकित्सा पदाधिकारियों/पशुचिकित्सकों (राजपत्रित) की विभागीय परीक्षा के संदर्भ में पशुचिकित्सा पदाधिकारियों/पशुचिकित्सकों (राजपत्रित) की विभागीय परीक्षा से संबंधित विषयों (लेखा, विकास, कंप्यूटर, हिंदी उच्च-स्तर एवं जनजातीय भाषा) के पाठ्क्रमों को झारखंड पशुपालन सेवा (भर्ती, प्रोन्नति एवं अन्य सेवा शर्तें), नियमावली, 2013 में समाविष्ट किए जाने की स्वीकृति दी गई।
आठ कारा कर्मियों को उच्च न्यायालय के आदेश पर नियमित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति।
पूर्व से संचालित केंद्र प्रायोजित 'अंब्रेला समेकित बाल विकास सेवाएं योजनान्तर्गत केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों/उप-अवयवों को केंद्र सरकार के निर्णय के आलोक में दिनांक- 31 मार्च, 2022 तक अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई।
झारखंड राज्य विधि आयोग की कार्यावधि दिनांक 14.11.2019 से 13.11.2021 तक बढ़ी।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा की जा रही ऊर्जा क्रय के विरुद्ध सब्सिडी की राशि विभागीय बजट से कोषागार के माध्यम से डीवीसी एवं एनटीपीसी को सीधे भुगतान करने की स्वीकृति दी गई।
कैबिनेट ने आठ वर्षों के बाद परिवहन सेवा शुल्कों में डेढ़ से दो गुना तक की बढ़ोतरी की है। परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव से सरकार के खजाने में दो सौ करोड़ रुपये से अधिक राशि आयेगी। स्टांप सरचार्ज ड्यूटी में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। विभिन्न प्रकार की स्टांप ड्यूटी बढ़ने से सरकार के खाते में 200 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि इसके साथ ही राज्य सरकार ने विभिन्न विलेखों के लिए पूर्व में निर्धारित 110 प्रतिशत अतिरिक्त मुद्रांक शुल्क की वसूली को बंद करने का निर्णय लिया है। नई व्यवस्था में बांड पेपर के लिए न्यूनतम सौ रुपये से दो सौ रुपये तक का भुगतान करना होगा। भारतीय मुद्रांक अधिनियम 1899 में संशोधन करने तथा बिहार मनोरंजन ड्यूटी कोर्ट फीस और मुद्रांक अधिकार अधिनियम 1948 की धारा 5 को निरस्त किया गया। झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2021 को भी मंजूरी दी गई।
श्रीनाथ विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 की घटनोत्तर स्वीकृति दी गई।झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से बरलंगा-नेमरा-पिरगुल-कसमार (बहादुरपुर एनएच-23 पर)-कसमार-खैराचातर- पश्चिम बंगाल सीमा पथ पर) पथ (कुल लंबाई 27.608 किलोमीटर) को 2 लेन पेव्ड सोल्डर में चौड़ीकरण/मजबूतीकरण/पुनर्निर्माण कार्य के लिए रुपये 176 करोड़ 70 लाख 31 हजार मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई।दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत विकेंद्रीकृत वितरित उत्पादन कार्यक्रम (ऑफ ग्रिड) के तहत 230 से बढ़कर 246 गांवों में सोलर पीवी माइक्रोग्रिड एवं सोलर स्टैंड अलोन सिस्टम से बिजली पहुंचाई जायेगी। गांव बढ़ने के कारण लागत 104.86 करोड़ से बढ़ाकर 109 करोड़ करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
डीवीसी और एनटीपीसी को हर माह 280 करोड़ का होगा भुगतान
डीवीसी और एनटीपीसी से खरीदी गई बिजली का हर महीने सीधे राज्य सरकार के कोषागार से भुगतान किया जायेगा। झारखंड बिजली वितरण निगम को अनुदान के एवज में किए जाने वाले भुगतान के बदले सरकार यह राशि देगी। दोनों कंपनियों से प्रतिदिन कुल 1200 मेगावाट बिजली खरीदी जाती है। डीवीसी को 150 करोड़ और एनटीपीसी को 130 करोड़ रुपये का भुगतान हर महीने हो सकेगा। बकाया संबंधित पेमेंट पर अलग प्रक्रिया अपनाई जायेगी। सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण शुल्क लागू करने एवं कॉशन मनी बढ़ाने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में नामांकन के बाद अब तक केवल 50 रुपये कॉशन मनी लिया जाता था। इसे बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। कॉशन मनी प्रशिक्षण संपन्न होने के बाद वापस लौटा दिया जाता है।