झारखंड: दलगत आधार पर नहीं होगा नगर निकाय चुनाव, कैबिनेट ने 24 प्रोपोजल पर लगायी मुहर
झारखंड में नगर निकाय चुनाव दलगत आधार पर नहीं होगा। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलावर को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में कुल 24 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
- कर्मचारियों का हाउस रेंट अलाउंस (HRA) बढ़ाने पर स्वीकृति
रांची। झारखंड में नगर निकाय चुनाव दलगत आधार पर नहीं होगा। सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंगलावर को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में कुल 24 प्रस्तावों पर मुहर लगी।
निकायों में निर्वाचित वार्ड सदस्य अपने बीच से डिप्टी मेयर चुनेंगे
प्रदेश में निकाय चुनावों को दलगत आधार पर नहीं कराने का निर्णय लिया गया है। पुरानी व्यवस्था फिर से लागू होगी, जो 2011 में प्रभावी थी। मेयर का चुनाव सीधे होगा, जबकि डिप्टी मेयर का चयन वार्ड पार्षद करेंगे। वार्ड पार्षदों का निर्वाचन होने के बाद इसके लिए अलग से तिथि निर्धारित कर चुनाव कराया जायेगा। कैबिनेट ने नगरपालिका संशोधन अधिनियम को स्वीकृति प्रदान कर दी है। स्टेट में संपत्ति की गणना का आधार भी बदल जायेगा। नगर निकायों में प्रोपर्टी टैक्स का निर्धारण अब सर्किल दर के आधार पर होगा। कामर्शियल भवनों के लिए टैक्स की दर सामान्य से दोगुना होगा।
स्टेट गवर्नमेंट के पास होगी मेयर को हटाने की शक्ति
नगरपालिका संशोधन अधिनियम के अनुसार स्टेट गवर्नमेंट के मेयर को हटा सकती है। अगर मेयर अथवा अध्यक्ष लगातार तीन से अधिक बैठकों में बिना पर्याप्त कारण के अनुपस्थत रहते हैं।जानबूझकर अपने कर्तव्यों की अनदेखी करते हैं, तो उन्हें राज्य सरकार हटा सकेगी। शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम होने की स्थिति में भी अथवा किसी आपराधिक मामले में छह माह से अधिक फरार होने अथवा दोषी करार होने के बाद बाद राज्य सरकार उनसे स्पष्टीकरण पूछेगी। समुचित अवसर देने के बाद आदेश पारित कर हटा सकेगी। एक बार हटाये गये अध्यक्ष व मेयर को पूरे कार्यकाल के दौरान फिर से अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन की पात्रता नहीं होगी।
निकायों की आमदनी बढ़ेगी
नियमावली में संशोधन के साथ ही राज्य के शहरी क्षेत्रों में प्रोपर्टी टैक्स की गणना का आधार बदल जायेगा। अभी तक एआरवी (एनुअल रेंटल वैल्यू) के आधार पर प्रोपर्टी टैक्स की वसूली की जा रही थी, जिसमें सड़कों के आधार पर प्रोपर्टी की कीमत लगाई गई थी। नई व्यवस्था में सर्किल रेट से निर्धारित संपत्ति की कीमत के आधार पर प्रोपर्टी टैक्स की गणना होगी।इससे आम उपभोक्ताओं को कम कर देना होगा और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को अधिक टैक्स देना होगा। जिसकी जितनी कमाई होगी, उससे उतनी राशि वसूली जायेगी। भले ही दोनों संपत्ति एक ही गली, एक ही इलाके में क्यों नहीं हो। पूर्व की व्यवस्था में दरों के निर्धारण की कोई स्पष्ट सीमा नहीं थी, लेकिन नई व्यवस्था में इसे एक साथ अथवा दो साल में बदलने का प्रविधान किया जायेगा।
मेडिकल कॉलेजों में कंट्रेक्टर पर नियुक्त होंगे डॉक्टर
झारखंड में एक जिला-एक उत्पाद योजना लागू होगी। सेंट्रल गवर्नमेंट की महत्वपूर्ण योजना वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत राज्य में अगले पांच वर्षों में 275 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके माध्यम से जिला आधारित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किये जायेंगे। इस योजना के तहत राज्य सरकार 110 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार 165 करोड़ रुपये खर्च करेगी। योजना पहले ही राज्य योजना प्राधिकृत समिति से पास हो चुकी थी। अब मेडिकल कालेजों में कंट्रेक्टर के आधार पर प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति की जा सकेगी। प्रोफेसर को एकमुश्त 2.5 लाख रुपये और सहायक प्रोफेसर को एकमुश्त दो लाख रुपये मिलेंगे।
पुनरीक्षित वेतनमान नहीं ले रहे कर्मियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी
राज्य में छठा वेतनमान ले रहे कर्मियों का महंगाई भत्ता 164 से बढ़ाकर 189 प्रतिशत कर दिया गया है। इस प्रकार 25 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है। दूसरी ओर, पंचम वेतनमान ले रहे कर्मियों के महंगाई भत्ते को 312 प्रतिशत से बढ़ाकर 356 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसे कर्मियों के लिए महंगाई भत्ता 44 फीसद बढ़ा है। इसी प्रकार इन कर्मियों के मकान किराया भत्ता में भी बढ़ोतरी को स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे सरकार के ऊपर 116 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आयेगा।
झारखंड कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव के संबंध में जानकारी देते हुए कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि कर्मियों का महंगाई भत्ता (DA) 25 परसेंट से अधिक हो गया है। इस वजह से HRA । HRA में यह बढ़ोतरी एक जुलाई, 2021 की तिथि से मान्य होगा कैबिनेट ने छठा वेतनमान पानेवाले अपुनरीक्षित कर्मियों का महंगाई भत्ता 164 से बढ़ाकर 189 परसेंट करने पर मंजूरी दी है। इसका लाभ पेंशनधारियों और पारिवारिक पेंशनधारियों को भी समान रूप से मिलेगा। पंचम वेतनमान पानेवाले कर्मियों का महंगाई भत्ता भी 312 प्रतिशत से बढ़ाकर 356 प्रतिशत कर दिया गया है. दोनों ही मामलों में कर्मियों को एक जुलाई, 2021 से लाभ देय होगा।
10 लाख रुपये सर्किल रेट के मकान पर देने होंगे 750 रुपये
नये प्रावधान के अनुसार आवासीय निर्माण के लिए सर्किल रेट का 0.075 प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में देय होगा। वहीं, गैर आवासीय प्रॉपर्टी के लिए 0.15 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। यानी एक हजार रुपये प्रति वर्गफीट के सर्किल रेट वाले क्षेत्र में एक हजार वर्गफीट पर किये गये निर्माण का सर्किल रेट 10 लाख रुपये हुआ।10 लाख रुपये का 0.075 प्रतिशत यानी 750 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में देना होगा। जबकि, इसी जगह पर किये गये गैर आवासीय संपत्ति के लिए 0.15 प्रतिशत यानी 1500 रुपये प्रॉपर्टी टैक्स लगेगा।