बिहार: रोडरेज के चलते हुई हुई थी इंडिगो एयरलाइंस स्टेशन मैनेजर रुपेश की मर्डर, ऋृतुराज ने मारी थी गोली
बिहार की राजधानी पटना एयरपोर्ट पर तैनात इंडिगो एयरलाइंस के अफसर रुपेश कुमार सिंह की मर्डर का पर्दाफाश करने लेने का दावा किया है। पटना पुलिस के अनुसार रूपेश की मर्डर रोडरेज को लेकर हुई थी। पुलिस मर्डर के मुख्य आरोपी आदर्श नगर रोड नंबर दो निवासी मनोरंजन के बेटे ऋृतुराज को दबोच लिया है।
- पटना पुलिस का दावा, थ्योरी पेश की
पटना। बिहार की राजधानी पटना एयरपोर्ट पर तैनात इंडिगो एयरलाइंस के अफसर रुपेश कुमार सिंह की मर्डर का पर्दाफाश करने लेने का दावा किया है। पटना पुलिस के अनुसार रूपेश की मर्डर रोडरेज को लेकर हुई थी। पुलिस मर्डर के मुख्य आरोपी आदर्श नगर रोड नंबर दो निवासी मनोरंजन के बेटे ऋृतुराज को दबोच लिया है। पटना एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेस में मामले के खुलासा का दावा करते हुए पूरी जांच प्रक्रिया का डिटेल जानकारी दिया।
एसएसपी पुलिस ने मुख्य आरोपी ऋतराज पुत्र मनोरंजन को आरकेनगर में उसके घर से अरेस्ट किया गया। पुलिस ने ऋतुराज को मीडिया के सामने भी पेश किया। उसने कैमरों के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। घटना में शामिल रहे तीन अन्य सहयोगी अब भी फरार हैं। आरोपी के पास से हेलमेट, घटना के समय बाइक पर लगी नंबर प्लेआट, घटना के वक्त पहनी हुई ब्लैक जैकेट, जूता, घड़ी, जूता और 13 नवम्बर के दिन के पटना के सभी प्रमुख अखबार पुलिस ने बरामद किये हैं।
दो बाइकों पर आये थे चार क्रिमिनल
एसएसपी ने बताया कि रूपेश को छह गोलियां लगी थीं। सभी गोलियां रुपेश को दाहिनी तरफ ही लगी थीं। उन्होंने कहा कि ऋृतुराज ने ही रूपेश को गोलियां मारी थीं। इस मामले में पुलिस ऋृतुराज के तीन और साथियों की खोज में लगी है।ये तीनों भी पटना के ही रहने वाले हैं।एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि रुपेश को गोली मारने के लिए चार क्रिमिनल दो बाइकों पर सवार होकर आये थे। इनमें से एक बाइक बजाज पल्सर, जबकि दूसरी बाइक टीवीएस अपाचे थी। वारदात को अंजाम देने के बाद क्रिमिनल बेली रोड से होकर आर ब्लॉवक-दीघा रोड होकर दीघा की तरफ जाकर महेशनगर, इंद्रपुरी, राजीवनगर नाला, आशियाना-दीघा रोड से दोबारा बेली रोड होते हुए रुकनपुरा तक गये थे। इसके बाद पुलिस को इनके भागने का रूट पता नहीं चल सका।
एयरपोर्ट के रास्तेध में 29 नवंबर के आसपास हुई थी रोडरेज की घटना
बकौल एसएसपी मुख्य आरोपी ऋतराज ने पुलिस को बताया है कि वर्ष 2020 की 29 नवंबर के आसपास रोडरेज की घटना हुई थी। उस दिन एयरपोर्ट के रास्तेध में एक मोड़ पर रूपेश की गाड़ी से उसका एक्सीपडेंट होते-होते बचा था। एक्सीेडेंट के बाद रूपेश और आरोपी के बीच में विवाद हुआ था। आरोपी का कहना है कि उस दिन रूपेश ने उसे पीट दिया था। आरोपी के पास चोरी की बाइक थी इसलिए वह चुपचाप वहां से चला गया। लेकिन इसके बाद उसने रूपेश की गाड़ी के पीछे अपनी बाइक लगा ली। उसने एयरपोर्ट तक उसका पीछा किया और उनकी गाड़ी का नंबर याद कर लिया। आरोपी ने बताया कि घटना के तीन-चार दिन बाद फिर उसने रूपेश की गाड़ी देखी। वह तुरंत गाड़ी के पीछे लग गया और उस स्थानन तक गया जहां तक गाड़ी गई। उसके बाद कई दिनों तक ऋतुराज ने रूपेश की रेकी की।
रूपेश के डेली रूटीन की जानकारी लेकर की मर्डर की प्लानिंग
ऋतुराज ने रूपेश के डेली रूटीन के बारे में पूरी तरह जानकारी हासिल कर लेने के बाद ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर उनकी मर्डर की प्लाानिंग की। मर्डर करने से पहले भी चार बार ऋतुराज और उसके साथियों ने रूपेश की मर्डर की कोशिश की थी। लेकिन किसी न किसी अड़चन की वजह से वे इसमें कामयाब नहीं हो सके। अंत में 12 जनवरी को उन्हों ने रूपेश पर उस समय फायरिंग की जब वह पटना एयरपोर्ट से वो पुनाईचक इलाके में स्थित अपने कुसुम विला अपार्टमेंट पहुंचे थे। एसयूवी चला रहे रूपेश को जरा भी भनक नहीं थी कि हमलावर उनके पीछे आ रहे हैं। वह अपने अपार्टमेंट के गेट पर रुके थे, तभी बाइक सवार बदमाशों ने गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
जयपुर से भूगोल में बीए आनर्स है ऋतुराज
रूपेश मर्डर केस में पकड़ा गया मुख्य आरोपी ऋतुराज ने जयपुर से भूगोल में बीए आनर्स किया है। वह वहां एक बैंक में नौकरी भी कर चुका है। दिल्लीे में काल सेंटर में भी नौकरी की थी। वर्ष 2016 में वह अपने घर लौट आया था। पुलिस के अनुसार पिछले एक-डेढ़ साल से वह बाइक चोरी की घटनाओं में लिप्त था। वह अक्सर अपने साथ एक आर्म्स भी रखता था।
पहली बार गोली चलाई और कर दी मर्डर
पुलिस के मुताबिक ऋतुराज की फैमिली का ईंट-भट्ठा है। घर में कोई आर्थिक समस्याे नहीं है। लेकिन ऋतुराज बाइक चोरी जैसी घटनाओं में लिप्त हो गया। वह अक्सर अपने साथ एक आर्म्स भी रखता था लेकिन रूपेश की मर्डर उसके हाथ से हुई पहली मर्डर है। इसके पहले उसने कभी मर्डर नहीं की थी। पुलिस के मुताबिक ऋतुराज को जानकारी नहीं थी कि रूपेश इंडिगो के स्टे शन मैनेजर हैं। उनकी मर्डर के बाद मीडिया में आई रिपेार्ट्स देखकर उसे इसका पता चला। तब उसे इस बात का एहसास भी हुआ कि उसके हाथों एक ऐसे व्यडक्ति का मर्ढर हो गया है जिससे प्रदेश में हलचल मच गई है। रूपेश की हत्यास के बाद बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर उठते सवालों और मीडिया में छप रही खबरों से उसे इसके हाईप्रोफाइल केस होने का अंदाजा हुआ। इसीलिए घटना के अगले ही दिन वह रांची भाग गया। रांची जाने के बाद वह लगातार रूपेश मर्डर केस से जुड़ी खबरों पर नज़र बनाए हुए था। जब उसे लगा कि घटना की जांच ठेके-पट्टे और टेम्पोा स्टैंाड पर हुए विवाद जैसी बातों के आधार पर चल रही है तो उसे आत्मविश्वास हो गया कि वह पकड़ा नहीं जायेगा। इसके बाद वह पटना लौट आया।
फ्लैश बैक
पटना एयरपोर्ट पर तैनात इंडिगो एयरलाइंस के अफसर रुपेश कुमार सिंह की मर्डर 12 जनवरी की शाम 6.58 बजे हुई थी। ड्यूटी से लौटने के बाद पुनाईचक स्थित अपार्टमेंट के पास ही उनको गोलियों से भून दिया गया था।
रूपेश की मर्डर के बाद गर्म हो गई थी बिहार की सियासत
रूपेश की मर्डर के बाद बिहार की सियासत काफी गर्म हो गई थी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वीा यादव ने यहां तक कह दिया था कि बिहार में क्रिमिनल ही सरकार चला रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा था कि, 'यह घटना इस बात का प्रमाण है कि बिहार में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है।' बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने भी मांग की थी कि पुलिस जल्द से जल्द अपराधियों की तलाश करे और सजा दिलाए। बीजेपी के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर ने भी रूपेश मढ4र को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े कर दिए थे। विवेक ठाकुर ने यहां तक कह दिया था कि रुपेश हत्याकांड की जांच में पटना पुलिस को अगर तीन से पांच दिनों में सफलता नहीं मिलती तो मामले को तुरंत सीबीआई को दे देना चाहिए।