हजारीबाग के रूपेश पांडेय मर्डर केस को CBI ने किया टेकओवर, बरही में भीड़ की पिटाई से हुई थी मौत
हजारीबाग के बरही में भीड़ की हिंसा का शिकार बने रूपेश पांडेय मर्डर केस को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। सीबीआइ ने इस मामले में अधिकृत तौर पर एफआइआर भी दर्ज कर लिया है।
रांची। हजारीबाग के बरही में भीड़ की हिंसा का शिकार बने रूपेश पांडेय मर्डर केस को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। सीबीआइ ने इस मामले में अधिकृत तौर पर एफआइआर भी दर्ज कर लिया है।
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सीबीआइ ने दर्ज किया दो FIR
हजारीबाग के बरही में छह फरवरी को मां सरस्वती की प्रतिमा विसर्जन जुलूस देखने पहुंचे रूपेश पांडेय नामक युवक की मर्डर मामले में बरही पुलिस स्टेशन में दोनों तरफ से दर्ज दोनों FIR को सीबीआइ ने टेकओवर कर लिया है। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ की पटना स्थित एसीबीमें दोनों केस दर्ज हैं। इनमें बरही थाना कांड संख्या 59/2022 के सभी 27 नामजद व अन्य अज्ञात तथा कांड संख्या 63/2022 के 87 नामजद व अन्य अज्ञात को आरोपित बनाया गया है। कांड संख्या 59/22 में दर्ज केस के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ की पटना स्थित विशेष अपराध ब्यूरो के इंस्पेक्टर प्रशांत यादव बनाये गये हैं। वहीं, दूसरे कांड 63/22 में दर्ज केस के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ पटना के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह कुशवाहा बनाये गये हैं।
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यह सीबीआइ में दर्ज दोनों FIR
FIR नंबर एक
बरही पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 59/2022 के नईटांड़ पिपराघोघर निवासी शिकायतकर्ता रूपेश पांडेय के चाचा अनिल कुमार पांडेय थे। उनका आरोप था कि छह फरवरी की शाम पांच बजे रूपेश पांडेय को उसके मित्र दिवाकर कुमार चौधरी, हिमांशु कुमार ने फोन कर बरही के दुलमाहा में सरस्वती पूजा देखने के लिए बुलाया था। वहां पहुंचने पर मुख्य आरोपित मोहम्मद असलम अंसारी उर्फ पप्पू मियां के इशारे पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रूपेश पांडेय को पटक-पटककर बेरहमी से मार दिया था। के पर ही उसकी मौत हो गई थी। इस केस में बनाये गये नेम्ड आरोपितों में मो. असलम अंसारी, मो. अमिश, मो. कैफ, मो. गुफरान, मो. चांद, मो. ओसमा, मो. अहताम, मो. जाहिद, मो. सोनू, मो. शहबाज, मो. फैजल, मो. चांद, मो. अमन, मो. आसिफ, मो. जासिद, मो. रिजवान, मो. सलमान, मो. इरफान, मो. सलमान, मो. छोटे, मो. इश्तेखार, मो. तैय्यब, मो. सादिक, मो. इकबाल, मो. हसन, मो. अनीश और मो. साहेब व अन्य अज्ञात आरोपी है।
FIR नंबर दो
दूसरे पक्ष की ओर से बरही पुलिस स्टेशन में कांड संख्या 63/22 में दर्ज FIR में हजारीबाग के बरही पुलिस स्टेशन एरिया के दुलमाहा गांव निवासी मोहम्मद गयूर शिकायतकर्ता हैं। उन्होंने 87 नामजद व अन्य अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी, इसे सीबीआइ ने टेकओवर किया है। इसमें आरोप है कि बड़ी संख्या में लोग घटना के बाद छह फरवरी की शाम 7.30 बजे दुलमाहा के मुस्लिम मुहल्ले में घुसकर घरों में आगजनी की तथा ईंट व पत्थर चलाए। भीड़ ने नारेबाजी के साथ घरों में तोड़ फोड़ की। सीबीआई की दर्ज प्राथमिकी में गुलशन यादव, हिमांशु यादव, त्रिवेणी यादव, सागर राम, सुखदेव साव, मोहन साव, दीपक साव, सुधीर साव, संतोष साव, मोहन प्रजापति, नंद किशोर गुप्ता, कमल शंकर पंडित, मनु कुमार यादव, राहुल राम, ऋषि पासवान, लोकेश राम, विक्की पासवान, जगेश्वर पासवान, सिंटू पासवान, गुरदेव कुमार गुप्ता, अरविंद कुमार, अर्जुन पंडित, गोविंद पंडित, सरयू पासवान, छोटू पांडेय, रंजीत पांडेय, गुरदेव साव, नंदो, सीताराम, चंदन सिंह, पिंटू केशरी, भीम केसरी, लोकेश राम, राहुल राम, संतोष पंडित, विनोद साव, बंटी रजक, शंकर पंडित, कैलाश ठाकुर, बादल सोनी, अभय सोनी, पवन केशरी, अनूप साव, प्रकाश साव, विरेंद्र रजक, अनुज साव, मनोज साव, रोबिन कर्णदेव, सुखदेव साव, सुधीर राम, सुनील राम, राजेश साव, अंशु कुमार भगत, कमल शंकर, बिनोद यादव, मेघलाल यादव, सुरेश साव, संजय साव, राजेश कुमार गुप्ता, पिंटू कुमार चंद्रवंशी, राजेश साव, अभिषेक पांडेय, छोटी पांडेय, लोकेश राम, छोटू राम, दिलीप यादव, सुबोध पांडेय, जितेंद्र पांडेय, चिन पांडेय, रसी चंद्रवंशी, सोनू चंद्रवंशी, बबलू राम, उपेंद्र पांडेय, संदीप पांडेय, संजय साव, थापा राणा, रोहित केशरी, राजा भगत, संदीप केशरी, बंटी भगत, शुभम केशरी, पवन कुमार केशरी, अभिषेक केशरी, टिंकू केशरी और राजवीर केशरी को आरोपी बनाया गया है।
बरही में फरवरी माह में सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई थी रूपेश की मर्डर
रूपेश की मर्डर के खिलाफ झारखंड में इस घटना के बाद लंबे समय तक सामाजिक और राजनीतिक तौर पर विरोध प्रदर्शन हुए। पीड़ित परिवार की याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआइ को जांच करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश पर अब सीबीआइ ने केस दर्ज कर ली है। सीबीआइ ने बरही पुलिस स्टेशन में दर्ज दोनों मामलों का टेकओवर कर लिया है। अब नए सिरे से इसकी जांच करेगी।
हजारीबाग के बरही में फरवरी माह में सरस्वती पूजा विसर्जन जुलूस देखने के लिए घर से बाहर निकले रूपेश पांडेय की मर्डर भीड़ की हिंसा में हो गई थी। इसके बाद एरिया में राजनीतिक और सामाजिक तौर पर विरोध प्रदर्शन के माध्यम से न्याय के लिए फरियाद की जाने लगी। लोकल पुलिस की गतिविधियों से परिजनों और रूपेश पांडेय के पक्ष के लोगों को निराशा होने लगी थी। इस बीच, मामले में बरही पुलिस स्टेशन में दो FIR दर्ज की गईं। पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट परिजनों न्याय की उम्मीद लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। मामले की सीबीआइ जांच की मांग की। हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंपी है।