धनबाद: IIT ISM में हाईमास्ट लाइट की जांच के दौरान जाम हुई ट्राली, 90 फीट उंचाई पर पूरी रात लटका रहा इंजीनियर
आईआईटी आईएसएम के लोअर ग्राउंड की हाई मास्ट लाइट के निरीक्षण के दौरान फंसे साइट इंचार्ज वह इंजीनियर प्रीतम कुमार 100 फीट उंची पोल पर पूरी रात लटके रहे। रांची से फायर बिग्रेड़ की हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म गाड़ी शुक्रवार की सुबह छह बजे धनबाद पहुंची। रांची से आई तीन सदस्यीय टीम ने हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से साइट इंचार्ज को नीचे उतारा।
- रांची से आया हाइड्रोलिक प्लेटफार्म तो बची जान
धनबाद। आईआईटी आईएसएम के लोअर ग्राउंड की हाई मास्ट लाइट के निरीक्षण के दौरान फंसे साइट इंचार्ज वह इंजीनियर प्रीतम कुमार 100 फीट उंची पोल पर पूरी रात लटके रहे। रांची से फायर बिग्रेड़ की हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म गाड़ी शुक्रवार की सुबह छह बजे धनबाद पहुंची। रांची से आई तीन सदस्यीय टीम ने हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म की मदद से साइट इंचार्ज को नीचे उतारा।
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बताया जाता है कि आईआईटी के लोअर ग्राउंड में गुरुवार की रात 11 बजे लगाई जा रही थी। हाई मास्ट लाइट की जांच करते समय साइट इंचार्ज मोटर ट्रॉली की मदद से ऊपर गये। ट्रॉली 90 फीट की ऊंचाई पर जाम हो गई। काफी प्रयास के बाद भी ट्रॉली में कोई गतिविधि नहीं हुई।धनबाद फार बिग्रेड की टीम रात 12 बजे मौके पर पहुंची, लेकिन संसाधन के अभाव में रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं चलाया जा सका। इसके बाद रांची स्टेट फायर अफसर से संपर्क किया गया। रांची से हाइड्रोलिक वाहन को रात में ही रवाना किया गया। एक टीम वाहन लेकर सुबह छह बजे सीधे आईआईटी लोअर ग्राउंड पहुंची, जहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर साइट इंचार्ज प्रीतम कुमार को सकुशल उतारा गया।
झारखंड में सिर्फ रांची में ही है हाइड्रोलिक प्लेटफार्म
धनबाद टाउन में 10 मंजिला बिल्डिंग तक खड़ी हो गई है। आिआइटी आइएसएम कैंपस में तो 15-15 मंजिला हास्टल हैं। धनबाद में फायर डिपार्टमेंट के पास एक भी हाइड्रोलिक प्लेटफार्म नहीं है। ऐसे में अगर कभी दुर्भाग्यपूर्ण ऊंची बिल्डिंह पर आग लगने की घटना होती है, तो रेस्क्यू के लिए कोई संसाधन नहीं होगा। झारखंड में सिर्फ राजधानी रांची में ही फायर विभाग के पास हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है।