धनबाद: प्रदूषण के खिलाफ यूथ लीडरशिप की पहल, CEED का वर्कशॉप
सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने स्वच्छ और स्वस्थ हवा से जुड़े विषय पर शहर के युवाओं और छात्रों के लिए एक शनिवार को एक ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया। इसका मुख्य उद्देश्य था युवाओं को वायु प्रदूषण से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक करना और उनमें समाधान आधारित दृष्टिकोण को विकसित करना है।
धनबाद। सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने स्वच्छ और स्वस्थ हवा से जुड़े विषय पर शहर के युवाओं और छात्रों के लिए एक शनिवार को एक ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया। इसका मुख्य उद्देश्य था युवाओं को वायु प्रदूषण से जुड़े मुद्दों के प्रति जागरूक करना और उनमें समाधान आधारित दृष्टिकोण को विकसित करना है।
देश की जनसंख्या में युवाओं की संख्या अधिक है और वे जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं, इसीलिए सीड ने स्वच्छ हवा से जुड़े अभियान में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और उन्हें ठोस परिवर्तन के प्रति सक्षम बनाने के लिए यूथ लीडरशिप की पहल शुरू की है। इस पहल के आरम्भिक दौर में एक महीने तक कई रचनात्मक गतिविधियां जैसे, छात्रों के लिए पोस्टर डिजाइन प्रतियोगिता और कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है ताकि उनमें स्वच्छ हवा के प्रति जागरूकता और जिम्मेवारी की भावना पैदा की जा सके।
धनबाद से शुरूआत
यूथ लीडरशिप से जुडी पहल की शुरुआत अभी धनबाद से की जा रही है। धनबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनसीएपी) की नॉन-अटेन्मेंट सिटीज (वैसे शहर जो वायु गुणवत्ता के मानक को हासिल नहीं कर पाए हैं) के अंतर्गत आता है। एनसीएपी के तहत धनबाद में एक स्वच्छ वायु कार्य योजना को तैयार किया गया है। अब यह कार्यान्वयन के चरण में है। यह प्लान एनफोर्समेंट एजेंसियों के लिए स्पष्ट जिम्मेदारी और समय-सीमा को परिभाषित करता है, जिस पर सिविल सोसाइटी संगठनों, रिसर्च थिंक-टैंक, शिक्षाविदों और नागरिक समूहों जैसे स्टेकहोल्डर्स के बीच जागरूकता और सामूहिक प्रयास बेहद जरूरी है।
युवाओं को जोड़ने पर जोर
यूथ लीडरशिप पहल के उद्देश्यों के बारे में सीड में सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने कहा-इस अभियान में 13-24 उम्र के बीच उन किशोरों एवं युवाओं को जोड़ा जा रहा है, जो स्वच्छ हवा के लिए कुछ करने का जुनून रखते हैं। एक बेहतर समाज में योगदान करने के इच्छुक हैं। इस कार्यक्रम का व्यापक उद्देश्य है, युवाओं में क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और वायु प्रदूषण के विषय पर संवेदनशील बनाना, समाधान आधारित दृष्टिकोण के साथ वायु प्रदूषण के उपायों पर ज्ञान साझा करना और उन्हें जनजागरण से जुड़ा नेतृत्व का अवसर देना आदि। निश्चय ही स्वच्छ हवा से जुड़ी लोगों की मांगों और आकांक्षाओं को पूरा करने में युवा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
समाज में बदलाव ला सकते हैं युवा
सीड की पहल का समर्थन करते हुए रिद्धिमा पांडे (13 वर्षीय प्रमुख एनवायरनमेंटल एक्टिविस्ट, जिन्हें वर्ष 2020 के लिए बीबीसी की 100 प्रेरक और प्रभावशाली महिलाओं की प्रतिष्ठित सूची में शामिल किया गया है)ने कहा कि हम युवाओं पर इस धरती और आने वाली पीढ़ियों को बचाने की एक बड़ी जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण महत्वपूर्ण ऐसे ज्वलंत मुद्दे हैं, जिनका दुनिया सामना कर रही है। बढ़ते वायु प्रदूषण ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी को जन्म दिया है, इसलिए हमें एक स्पष्ट दृष्टि के साथ एकजुट होने और सामूहिक रूप से काम करने की जरूरत है। स्वच्छ और स्वस्थ हवा सुनिश्चित करने के सार्थक प्रयासों में युवा निश्चित रूप से परिवर्तन की प्रक्रिया का नेतृत्व कर सकते हैं और समाज में बदलाव ला सकते हैं।
50 से अधिक स्टूडेंट्स की भागीदारी
मौके पर बोलते हुए झारखंड पब्लिक स्कूल, धनबाद के प्रिंसिपल सुरजीत सेन ने कहा-वास्तव में सीड की यह पहल सराहनीय और सामयिक है।र हम इसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं। युवा चेंज एजेंट हैं, जिन्होंने अपनी ऊर्जा और साहस के साथ बड़े बदलावों को सम्भव बनाया है। वायु प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर लोगों के बीच जागरूकता फ़ैलाने और समाज में सार्थक बदलाव लाने के लिए जो ऊर्जा और ताकत चाहिए, वह युवाओं में मौजूद है। वर्कशॉप को रूही कुमार (क्लाइमेट एक्टिविस्ट) ने भी संबोधित किया। इसमें झारखंड पब्लिक स्कूल, संत जेवियर स्कूल (धनसार), मदर टेरेसा स्कूल (सिंदरी), बालिका उच्च विद्यालय, दीक्षा हाईस्कूल, उत्क्रमित उच्च विद्यालय, झारखंड इंटर कॉलेज, बीएमआईएल हाईस्कूल आदि स्कूलों के 50 से अधिक छात्रों ने भागीदारी की।