बिहार: पुलिस की नौकरी छोड़ पॉलिटिक्स में आने के बाद एक्स DGP गुप्तेश्वर पांडे अब अब अध्यात्म की दुनिया में
पुलिस की नौकरी छोड़ पॉलिटिक्स में इंट्री करने वालेबिहार के एक्स डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक बार फिर चर्चा है। वह अब आध्यात्म की दुनिया में प्रवेश कर गये हैं।
पटना। पुलिस की नौकरी छोड़ पॉलिटिक्स में इंट्री करने वालेबिहार के एक्स डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय एक बार फिर चर्चा है। वह अब आध्यात्म की दुनिया में प्रवेश कर गये हैं।
पुलिस अफसर से पॉलिटिकल लीडर बने गुप्तेश्वर पांडेय अब धर्म-अध्यात्म की दुनिया में प्रवेश कर कथावाचन कर रहे हैं। एक्स डीजीपी का कथावाचन करते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक पोस्टर में कथावाचक के तौर पर उनकी फोटो लगी है। लोगों को जूम ऐप के जरिए कथा वाचन के लिए जुड़ने का आमंत्रण दिया जा रहा है।
लोगों के बीच गुप्तेश्वर पांडेय अब एक नये अंदाज में दिख रहे हैं। सनातन धर्म के संत के रूप में वे पीला वस्त्र धारण कर कथा सुना रहे हैं। रामायण और गीता के श्लोक और चौपाइयों को सुनाकर वो लोगों को जीवन का महत्व बता रहे हैं। ईश्वर का महत्व और पाप तथा पुण्य की बात वो कथा के जरिए बताते दिख रहे हैं। अपने कथा के माध्यम से वो कहते हैं कि बम-बारूद, पिस्तौल रखना अपराध नहीं है, हत्या की तैयारी और हथियार जुटाना केवल हत्या का मामला नहीं होता। हत्या करने के बाद ही उसका मुकदमा दर्ज होता है।
वीडियो में सुना जा सकता है कि कथा के दौरान वो लोगों को कानून की धाराएं बड़े सलीके से समझा रहे हैं। कथा के दौरान वो कहते हैं आज के समय की कानून व्यवस्था ब्रिटिश शासन की देन है। हत्या के बाद उसका उद्देश्य देखा जाता है। अगर किसी के ऊपर पत्थर फेंका जाए और उससे अगले की मौत हो जाती है तो उसका मकसद देखा जाता है, अगर उसके पीछे का मकसद ऐसा नहीं मिला तो वो हत्या नहीं है।
उल्लेखनीय है कि गुप्तेश्वर पांडेय बिहार विधानसभा चुनाव से पहले डीजीपी पोस्ट से वीआरस दे दिया था। उन्होंने जेडीयू की सदस्यता ग्रहण की थी।अटकलें लगाई जाने लगी कि वह बक्सर से जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन इन अटकलों पर उस वक्त विराम लग गया जब बक्सर सीट बीजेपी के कोटे में जल गयी। जनता दल यू की ओर से उन्हें कहीं से टिकट नहीं मिला।