धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामला: SC का निर्देश, CBI को हर सप्ताह झारखंड हाई कोर्ट को देनी होगी जांच रिपोर्ट

धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह हर वीक जांच से जुड़ी रिपोर्ट झारखंड हाई कोर्ट को दें।

धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामला: SC का निर्देश, CBI को हर सप्ताह झारखंड हाई कोर्ट को देनी होगी जांच रिपोर्ट

नई दिल्ली। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सीबीआइ की ओर से जांच की प्रगति रिपोर्ट साैंपी गई। सुप्रीम कोर्ट सीबीआई को निर्देश दिया है कि वह हर वीक जांच से जुड़ी रिपोर्ट झारखंड हाई कोर्ट को दे।

मामले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से प्रत्येक सप्ताह मामले का मॉनीटर करने का आग्रह किया है। सीबीआइ की ओर से दाखिल की गई सील बंद रिपोर्ट पर चीफ जस्टिस ने कहा कि इसमें तो कुछ भी नहीं है। इसमें न तो आरोपितों की मंशा का जिक्र है और न ही कारण बताया गया है। सीबीआइ की ओर से उपस्थित हुए सॉलिसिटर जनरल मेहता ने कहा कि फिलहाल आरोपितों से पूछताछ जारी है। मामले की जांच हो रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हर हफ्ते सौंपी गई जांच की रिपोर्ट की निगरानी करेंगे।चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई स्थगित करते हुए सीबीआई को अब मामले की स्टेटस रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह झारखंड हाई कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया।सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई स्थगति कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट रांची में होगी।

चीफ जस्टिस ने देश में अधिवक्ताओं और न्यायिक पदाधिकारियों के खिलाफ बढ़ रही ऐसी घटनाओं के प्रति चिंता जताई और कहा कि इससे न्यायिक पदाधिकारी आतंकित हैं। हमें ऐसा वातावरण तैयार करना होगा जिससे अधिवक्ता और न्यायिक पदाधिकारी सुरक्षित महसूस कर सकें।


फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। वॉक के दौरान ऑटो ने धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गयी। घटना के बाद एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा रहा है कि एक ऑटो में बैठे लोग किनारे की तरफ जाकर उत्तम आनंद को धक्का मारा। इसके बाद ऑोटो सीधा कर आगे की ओर से निकल गये। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।जज उत्तम आनंद के हादसे की फोटो सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसमें साफ देखा जा सकता है कि ऑटो बीच सड़क से बायी ओर मुंडकर रोड के किनारे आता है। फिर धक्का मारने के बाद भाग निकलता है। घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद हादसे को मर्डर की साजिश के रूप में देखा जाने लगा। 

सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया

मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। डीजीपी व चीफ सेकरेटरी से रिपोर्ट तलब की गयी थी। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।

सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 टीम में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। सीबीआइ घटनास्थाल पर दो-दो बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है।  बावजूद अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है। लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनोंके बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों से टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है।