Jharkhand : CID ने चार साइबर क्रिमिनलों को किया अरेस्ट, लिंक भेज लालच देकर फंसाते थे जाल में

झारखंड सीआइडी की टीम ने फेक एप बनाकर लाखों की ठगी करने वाले चार साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर टीम ने मोहन साव (गिरिडीह), गोपाल सिंह (रांची ), अमर प्रताप सिंह उर्फ शुभम कुमार (रांची), सपन कुमार सिन्हा (हजारीबाग) शामिल है।

Jharkhand : CID ने चार साइबर क्रिमिनलों को किया अरेस्ट, लिंक भेज लालच देकर फंसाते थे जाल में


रांची। झारखंड सीआइडी की टीम ने फेक एप बनाकर लाखों की ठगी करने वाले चार साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट किया है। सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर टीम ने मोहन साव (गिरिडीह), गोपाल सिंह (रांची ), अमर प्रताप सिंह उर्फ शुभम कुमार (रांची), सपन कुमार सिन्हा (हजारीबाग) शामिल है।

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रिटायर पुलिस अफसर का बेटा भी पकड़ाया

आरोपी गोपाल सिंह और अमर प्रताप सिंह रिटायर्ड पुलिस अफसर का बेटा है। इन चारों को साइबर पुलिस स्टेशन में दर्ज दो केस में गई है। अरेस्ट किये गये साइबर क्रिमिनलों के पास से 11 मोबाइल फोन, 25 सिम कार्ड, 14 चेक बुक और पासबुक, 19 एटीएम कार्ड, 3 लैपटॉप, 21.55 हजार रुपये समेत कई अन्य सामान बरामद किये गये हैं। साइबर क्रिमिनलों के पास से बरामद मोबाईल, लैपटॉप में मामले से संबंधित डेटा पाया गया है। इसका प्रयोग इनके द्वारा ठगी करने के लिए प्रयास किया जाता था।
फेक एप द्वारा करते थे लोगों से ठगी
सीआइडी गिरफ्त में आये साइबर क्रिमिनल  एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एसबीआई, पीएनबी बैंक के कस्टमर्स को अपना निशाना बनाते थे। केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर कस्टमर्स को इंटरनेट बैंकिंग के फेक एंड्रॉयड एप्लीकेशन के जरिये एक फिशिंग यूआरआई का एसएमएस भेजते थे। साइबर ठगों के बारे में जानकारी सीआईडी को मिली थी। सूचना के आलोक में डीजी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर टेक्नीकल इनिविस्टीगेशन कर इसमें संलिप्त साईबर क्रिमिनलों को चिन्हित किया गया। इसके बाद  सीआईडी की टीम ने इन साइबर क्रिमिनलों को अरेस्ट कर लिया है।

साइबर क्रिमिनलों द्वारा कस्टमर्स को भेजे गये एसएमएस में कहा जाता था कि प्रिय कस्टमर्स आपका अकाउंट्स सस्पेंड  कर दिया जायेगा। कृपया अपना अपडेट करें। पैन को आधार से लिंक करने के लिए यहां http:// surl.li/ gdiig क्लिक करें। इस एसएमएस में दिये गये लिंक पर क्लिक करने पर बैंक के इंटरनेट बैंकिंग का फेक एप्लीकेशन फोन में इंस्टॉल हो जाता है। एप्लीकेशन को खोलकर अपने इंटरनेट बैंकिंग में लॉग इन करने पर साईबर क्रिमिनलों द्वारा इंटेनेट बैंकिंग से संबंधित यूजर आईडी, पासवर्ड आदि डेटा साइबर क्रिमिनल संरक्षित कर ठगी कर लेते हैं।
मोबाईल, लैपटॉप में कई डेटा मिले
पकड़े गये साइबर क्रिमिनलों के पास से बरामद मोबाईल, लैपटॉप में कांड से संबंधित कई डेटा पाये गये हैं। जिसका प्रयोग वे ठगी करने के लिए करते थे। ये साइबर क्रिमिनल पोर्नोग्राफी, डेटिंग वेबसाइट और फेसबुक पेज बनाकर उसमें एड डालकर भी ठगी करने का काम करते थे। वे इस वेबसाइट और फेसबुक पेज पर लड़के-लड़कियों से डेटिंग तथा एस्कॉर्ट सर्विस के लिए फर्जी मोबाईल नंबर डालते थे। लोग दिये गये मोबाईल पर संपर्क करते हैं तो रजिस्ट्रेशन और अन्य एडवास फिस के नाम पर उनसे ठगी कर लेते हैं।कई स्टेट की पुलिस इन साइबर क्रिमिनलों की खोज कर रही थी। ये साइबर क्रिमिनल महाराष्ट्र और केरल
सहित देश के कई स्टेट के लोगों को चुना लगा चुका है।