कांग्रेस के संगठन में होंगे बड़े बदलाव, हटेंगे कई महासचिव,सचिव व पीसीसी चीफ
देश के पांच स्टेट के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी टीम में बदलाव करने की तैयारी में है। पार्टी अध्यक्ष ने कई प्रदेशों में नये सचिवों की नियुक्ति कर इसके संकेत भी दे दिये हैं।
नई दिल्ली। देश के पांच स्टेट के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी टीम में बदलाव करने की तैयारी में है। पार्टी अध्यक्ष ने कई प्रदेशों में नये सचिवों की नियुक्ति कर इसके संकेत भी दे दिये हैं।
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कांग्रेस में यह फेरबदल संगठन चुनाव और अगले विधानसभा चुनाव के लिए अहम साबित होगा। कांग्रेस में कई पद लंबे समय से खाली है। वहीं, कई नेता एक से ज्यादा जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में पार्टी अध्यक्ष इन पदों पर नियुक्ति के साथ आवश्यक फेरबदल कर सकती हैं। पार्टी में छात्र संगठन एनएसयूआई के साथ कई प्रदेशों में प्रभारियों की नियुक्ति काफी लंबे समय से नहीं हो पाई है। एनएसयूआई के पूर्णकालिक प्रभारी का पद दो साल से खाली है।
एनएसयूआई की अध्यक्ष की होगी स्थाई नियुक्ति
एनएसयूआई की अध्यक्ष रुचिका गुप्ता ने दिसंबर 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद कोई स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष के साथ विधानसभा में नेता विपक्ष का पद भी संभाल रहे हैं।पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के पास लोकसभा में पार्टी के नेता की जिम्मेदारी हैं। बंगाल में पूर्णकालिक प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति भी काफी दिनों से नहीं हुई है। जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने के बाद दिसंबर 2021 में चेला कुमार को पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
आधा दर्जन स्टेट में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति
पांच राज्यों में हार पर चर्चा के लिए 14 मार्च को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी संगठन में फेरबदल का मुद्दा प्रमुखता के साथ उठा था। बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में पार्टी अध्यक्ष को संगठन को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक व व्यापक संगठनात्मक बदलाव के लिए अधिकृत किया है।अब सोनिया गांधी कई महासचिव व सचिवों को नियुक्ति करेंगी। बिहार, यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल व एमपी में नये प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी है।
पार्टी में संगठन चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में बड़ा बदलाव नये अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही होगा। संगठन में इस बदलाव के जरिए पार्टी के नये अध्यक्ष की नई टीम का खाका काफी हद तक तैयार हो जायेगा।