बिहार: गवर्नमेंट ने 759 नए पद किए सृजित, एमएलए का वेतन-भत्ता फिर बढ़ा , कैबिनेट ने 40 प्रोपोजल को दी मंजूरी
बिहार गवर्नमेंट ने विभिन्न डिपार्टमेंट में 759 नए पद सृजित किए हैं। इसके लिए शीघ्र ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी। एमएलए, एक्स एमएलए, एमएलएसी व एक्स एमएलसी को मिलने वाले वेतन, भत्ता और पेंशन आदि की सुविधा में बढ़ोत्तरी की गई है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
पटना। बिहार गवर्नमेंट ने विभिन्न डिपार्टमेंट में 759 नए पद सृजित किए हैं। इसके लिए शीघ्र ही नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी। एमएलए, एक्स एमएलए, एमएलएसी व एक्स एमएलसी को मिलने वाले वेतन, भत्ता और पेंशन आदि की सुविधा में बढ़ोत्तरी की गई है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
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मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने मीडिया को बताया कि कैबिनेट की बैठक में 40 प्रस्तावों पर मंजूरी मिली है। सर्वाधिक 534 पद योजना एवं विकास विभाग के तहत अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के तहत कनीय क्षेत्रीय अन्वेषक के पद सृजित किए गए हैं। नियुक्ति के बाद 534 प्रखंडों में एक-एक अन्वेषकों की तैनाती होगी। इसके अलावा बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय हेतु अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आठ पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
किस विभाग में कितने पद
बिहार के 11 सदर अस्पतालों में ओटी असिस्टेंट के 44 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। बिहार के 37 न्याय मंडलों में 37 आफिस इंचार्ज एवं 37 टेक्निकल असिस्टेंट सह को-आर्डिनेटर समेत 74 स्थाई पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
14 अतिरिक्त टेक्निकल पदों के सृजन की स्वीकृति
ब्रजकिशोर नारायण सिंह राजकीय पालिटेक्निक गोपालगंज एवं सीतामढ़ी पालिटेक्निक संस्थान के लिए 14 अतिरिक्त टेक्निकल पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। सचिवालय एवं निदेशालय में पदस्थापित पदाधिकारियों को घरेलू सहायता भत्ता भुगतान की स्वीकृति दी गई है। बिहार विधान मंडल सदस्यों के वेतन भत्ता पेंशन नियमावली में संशोधन किया गया है।
कनीय अभियंता के चार नये पदों का सृजन
बिहार खेल विश्वविद्यालय राजगीर के प्रशासनिक कार्यों के लिए कुल 31 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। खनिज विकास पदाधिकारी के नौ पद, सहायक निदेशक के तीन पद, उपनिदेशक के 11 पद एवं अपर निदेशक के दो पद पर बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी नियुक्ति की स्वीकृति दी गई है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के तहत कनीय अभियंता के चार नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
प्रति इंस्टीच्युट 12 अतिरिक्त पद
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर इंजीनियरिंग कालेज बेगूसराय में केमिकल इंजीनियरिंग, नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज चंडी में एरोनाटिकल इंजीनियरिंग एवं शेर शाह इंजीनियरिंग कालेज सासाराम में माइनिंग इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के लिए प्रति संस्थान 12 अतिरिक्त पद के सृजन यानी 36 शैक्षणिक पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। राजकीय पालिटेक्निक बरौनी एवं मुंगेर में फायर टेक्नोलाजी एंड सेफ्टी पाठ्यक्रम में 14 शैक्षणिक पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई।
एमएलए को लगभग 25 हजार महीने का फायदा होगा
वेतन, भत्ता और पेंशन वृद्धि होने के बाद एमएलए व एमएलसी को कुल मिलाकर लगभग 25 हजार महीने का फायदा होगा।एमएलए को सालाना चार लाख का रेलवे कूपन मिलेगा। वाहन खरीदने के लिए 25 लाख तक का लोन भी मिलेगा।
पथ निर्माण विभाग में कंट्रेक्ट इंजीनियर को नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता
अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने कहा कि संविदा पर कार्यरत अभियंताओं को उनके हर एक साल के अनुभव के लिए पांच अंकों का वेटेज मिलेगा। यह अधिकतम 25 अंक होगा। वहीं, 100 में 75 अंकों की लिखित परीक्षा ली जाएगी। इसको लेकर बिहार अभियंत्रण सेवा वर्ग-2 की भर्ती नियमावली 2019 में संशोधन किया गया है। यह भी फैसला लिया गया कि 5.50 लाख प्रतिमाह पर मुख्य विमान चालक की नियुक्ति संविदा पर की जाएगी।
पीडीएस में तौल की ऑनलाइन निगरानी
जनवितरण प्रणाली में लोगों को दिये जाने वाले अनाज की तौल की ऑनलाइन मॉनिटरिंग होगी। अब कोई भी कम तौल करेगा तो तुरंत पकड़ा जाएगा। इसको लेकर खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने पांच वर्षों के लिए रेंटल बेसिस पर ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक तराजू की व्यवस्था की है। इसके लिए 110 करोड़ 54 लाख की स्वीकृति दी गई है।
आधारभूत संरचना विकास को 3356 करोड़
राज्य के सात विभागों के लिये कुल 3356 करोड़ 95 लाख रुपये बिहार आकस्मिकता निधि से निकालने की मंजूरी दी गई। इनमें पथ निर्माण विभाग को 929 करोड़, ऊर्जा विभाग को 843 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिये 706 करोड़, उद्योग विभाग को 232 करोड़, ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए 389 करोड़, जल संसाधन विभाग को 190 करोड़ तथा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग को 234 करोड़ की अग्रिम निकासी की मंजूरी दी गई है। इसी प्रकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में विद्यार्थियों को देने के लिए 200 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी योजना की राशि घटी
केंद्र प्रायोजित स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत मुजफ्फरपुर और बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी योजना पर अनुमानित राशि को घटा दिया गया है। मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी के लिए पांच अक्टूबर 2017 के निर्णय जिसमें 1580 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी जिसे अब 982 करोड़ कर दिया गया है। इसी तर्ज पर बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी के लिए 27 अप्रैल 2018 में स्वीकृत 1517 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति को घटाकर 978 करोड़ कर दिया गया है।
17 औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए 466 करोड़
राज्य के 17 औद्योगिक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए 466 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इनमें फतुहा औद्योगिक क्षेत्र को 63.37 करोड़, समस्तीपुर को 9.95 करोड़, मुजफ्फरपुर के मरारपुर को 17.91 करोड़, बरियारपुर को 67.83 करोड़, पानापुर को नौ करोड़, विशुनपुर को 37.60 करोड़ और महावल को 8.10 करोड़, वैशाली के हाजीपुर को 28.71 करोड़, पूर्णिया के मरंगा को 79.44 करोड़, गया के गुरारू को 10.20 करोड़, गया को 6,86 करोड़, दरभंगा के नवानगर को 40.64 करोड़, पाटलीपुत्र आईटी इन्क्यूबेशन सेंटर के विकास को 26.55 करोड़, पटना के बीएसएफसी भवन में स्टार्टअप व्यापार केंद्र के विकास को 29.38 करोड़, इन्वेस्टमेंट प्रमोशन कॉम्प्लेक्स पटना को 5.47 करोड़ तथा पूर्णिया और मुजफ्फरपुर में खादी मॉल के विकास को 16.11 करोड़ की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट ने राज्य में एक नये इथेनॉल प्लांट स्थापित करने और एक के विस्तार पर सहमति दी है। मेसर्स मुजफ्फरपुर बायो फ्लूयस प्राइवेट लिमिटेड इंडस्ट्रीयल पार्क मुरारपुर में मोतीपुर शुगर मील मुजफ्फरपुर को 100 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता के प्लांट के लिए 141 करोड़ पूंजी निवेश पर वित्तीय प्रोत्साहन की सशर्त स्वीकृति दी गई। इसी प्रकार मेसर्स वेस्टवेल बायोरिफाइनीज प्राइवेट लिमिटेड गोपालगंज को क्षमता विस्तार को लेकर सहमति दी गई है।