झारखंड: लुगुबुरु के विकास पर 30 करोड़ खर्च करेगी सरकार,CM ने सपरिवार की पूजा अर्चना

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि बोकारो जिला स्थित लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ संताल आदिवासियों की आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा केंद्र है। यह उनके धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है। सरकार इस पवित्र धार्मिक स्थल लुगुबुरु के समग्र विकास पर 30 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सीएम कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में बोल रहे थे। 

झारखंड: लुगुबुरु के विकास पर 30 करोड़ खर्च करेगी सरकार,CM ने सपरिवार की पूजा अर्चना
  •  राज्य वासियों के लिए मांगी दुआ

बोकारो। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि बोकारो जिला स्थित लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ संताल आदिवासियों की आस्था और विश्वास का सबसे बड़ा केंद्र है। यह उनके धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा है। सरकार इस पवित्र धार्मिक स्थल लुगुबुरु के समग्र विकास पर 30 करोड़ रुपये खर्च करेगी। सीएम कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय संताल सरना धर्म महासम्मेलन में बोल रहे थे। 

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मंजूरी

जनजातीय व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए गांवों में बनेगा भवन

सीएम ने कहा कि इस राशि से यहां सौंदर्यीकरण के साथ पहाड़ तक जाने के लिए सड़क, लाइब्रेरी, शौचालय समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी। सीएम ने कहा कि आदिवासी बाहुल्य गांव में जनजातीय परंपराओं को बनाए रखने के लिए भवन बनाने की योजना सरकार बना रही है। यहां मानकी, मुंडा, परगनैत,  मांझी शासन व्यवस्था का संचालन बेहतर तरीके से हो सकेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के सभी पूजा स्थलों- सरना स्थलों की घेराबंदी की जायेगी।

गोमिया के ललपनिया स्थित लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में आयोजित 22 वा. अंतर्राष्ट्रीय सरना धर्म महासम्मेलन में माननीय मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया। @JharkhandCMO @prdjharkhand @RanchiPIB @rnuddkranchi pic.twitter.com/jZ4wNbJBRd

— DCBokaro (@BokaroDc) November 8, 2022
आदिवासियों को जागरूक और मजबूत होना होगा
सीएम ने कहा कि कम शिक्षित होने की वजह से आदिवासी समुदाय अपने हक और अधिकार से वंचित रह जाता है।आदिवासी समाज को आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक समेत हर दृष्टिकोण से मजबूत होना होगा। उन्हें अपने हक और अधिकार के लिए जागरूक होना पड़ेगा, तभी वे आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कई जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं। सभी इन योजनाओं से जुड़ें और लाभ लें।सम्मेलन को परिवहन एवं कल्याण मंत्री चंपाई सोरेन ने भी संबोधित किया।

समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन ने लुगु बुरू घंटाबाड़ी धोरोम गाढ़ की विरासत को सीएम से बचाने की अपील की। यहां डीवीसी के द्वारा प्रस्तावित 15 सौ मेगावाट हाइडल नहीं बनने देने की मांग की। समिति के सचिव लोबिन हेम्ब्रम ने आठ सूत्री मांग पत्र सीएम हेमंत सोरेन को सौंपा। बोकारो डीसी कुलदीप चौधरी ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर दिशोम गुरू शिबू सोरेन, गोमिया विधायक डॉ. लंबोदर महतो, जिला परिषद के अध्यक्ष सुनीता देवी, और लुगूबुरु घंटाबाड़ी धोरोगाढ़ आयोजन समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
सीएम ने सपरिवार की पूजा-अर्चना
सीएम ने इस अवसर पर सपरिवार लुगुबुरु घंटाबाड़ी धोरोमगाढ़, ललपनिया, बोकारो में लुगु बाबा की विधि-विधान से पूजा की। पूजा अर्चना कर उन्होंने राज्य की उन्नति -सुख -समृद्धि- शांति -सद्भाव और खुशहाली की कामना की। हेमंत ने के यहां स्थापित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।सीएम के साथ उनके पिता और झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन, सास, ससुर, बच्चे और अन्य परिजन मौजूद रहे। पाहन किशन मुर्मू सहित अन्य सहयोगियों ने पूजा करायी। इससे पहले सीएम हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन, बच्चे और अन्य रिश्तेदार सड़क मार्ग से श्यामली गेस्ट हाऊस पहुंच चुके थे। पहले से मौजूद सीएम के ससुर और अन्य परिजन भी साथ हो गये।
संतालियों का धार्मिक स्थल बोकारो के लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में देश-विदेश से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। लोगों ने पूजा अर्चना के लिए घंटों लाइन में लगकर पूजा किया।दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान में कार्तिक पूर्णिमा पर बोंगा बुरु (पूजा अर्चना) को लेकर सोमवार की मध्य रात्रि बाद से ही श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।  मंगलवार की देर रात तक यहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गई। देश-विदेश से जुटे संताली श्रद्धालुओं में खासा उत्साह था। वे यहां आकर धन्य मान रहे थे। यहां पुनाय थान में श्रद्धालुओं ने मरांग बुरू, लुगू बुरु, लुगू आयो, कुड़ीकिन बुरु, घांटाबाड़ी गो बाबा, बीरा गोसाईं व कपसा बाबा की पूजा अर्चना किया। पाहन किशन मुर्मू आदि ने पूजा संपन्न कराया। इसके पहले लुगुबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति द्वारा विशेष पूजा अर्चना किया गया।
पानी भरने को बेताब हुए श्रद्धालु
सीता झरना के पास स्थित पौराणिक लुगू बाबा व लुगू आयो छटका द्वार के पास पूजा अर्चना को श्रद्धालुओं कई सौ मीटर लंबी कतारें लगी थीं। छटका द्वार के ऊपर बरगद के पेड़ की जड़ों से रिसते पानी को बोतलों और बर्तनों में भरने के लिए श्रद्धालु जैसे बेचैन थे। डंडे के सहारे बोतलों को बांधकर जड़ों के नीचे रखकर पानी भरते रहे। श्रद्धालुओं में यहां पूजा अर्चना को लेकर अभूतपूर्व आस्था की भावना थी।यहां स्थित गुफा जिसे छटका यानी आंगन कहा जाता है। मान्यता है कि लुगू बाबा व लुगू आयो इसी गुफा के जरिए सात किमी ऊपर घिरी दोलान से सीता झरना पहुंचते थे। यहां स्नान ध्यान करते थे।