धनबाद: जज उत्तम आनंद की मौत का मामला, आरोपियों का 10 दिन बढ़ा रिमांड, नार्कों टेस्ट करायेगी CBI
सीबीआई कोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले के आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की रिमांड अवधि और 10 दिनों के लिए बढ़ा दी है
धनबाद। सीबीआई कोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले के आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा की रिमांड अवधि और 10 दिनों के लिए बढ़ा दी है। पांच दिनों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद बुधवार को सीबीआइस्पेशल क्राइम सेल ने दोनों आरोपियों का नार्को टेस्ट कराने के लिए और 10 दिनों के रिमांड पर देने की कोर्ट में आवेदन दायर की थी।
एसडीजीएम-सह-सीबीआइ के स्पेशल मजिस्ट्रेट शिखा अग्रवाल की कोर्ट सीबीआई की अरजी को स्वीकार कर लिया। इससे पूर्व दोनों आरोपियों को कोर्ट ने सात अगस्त को सीबीआइ के पांच दिनों के रिमांड पर भेजा था। जज मौत मामले की जांच कर रही सीबीआई ने मंगलवार को दोनों आरोपियों का ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट' व ‘फारेंसिक साइकोलॉजी टेस्ट' कराया था। सीबीआइ अब उसे दोनों आरोपियों का नार्को टेस्ट कराना चाहती है।
नार्कों टेस्ट की सुविधा झारखंड में नहीं। सीबीआइ दोनों को आरोपियों को नार्को टेस्ट के लिए दिल्ली, गुजरात या अन्य स्टेट ले जा सकती है।सीबीआइ ने जज मौत मामले में जांच से जुड़े अधिकांश प्वाइंट पर काम कर लिया है। क्राइम प्लेस की डिटेल जांच की जा चुकी है। जज की मौत सीन तीन-तीन बार रिक्रिएट किया जा चुका है। सीसीटीवी फुटेज की डिटेल जांच हो चुकी है।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। वॉक के दौरान ऑटो ने धक्का मार दिया जिससे उनकी मौत हो गयी। घटना के बाद एक सीसीटीवी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें स्पष्ट दिखा रहा है कि एक ऑटो में बैठे लोग किनारे की तरफ जाकर उत्तम आनंद को धक्का मारा। इसके बाद ऑोटो सीधा कर आगे की ओर से निकल गये। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।जज उत्तम आनंद के हादसे की फोटो सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई। इसमें साफ देखा जा सकता है कि ऑटो बीच सड़क से बायी ओर मुंडकर रोड के किनारे आता है। फिर धक्का मारने के बाद भाग निकलता है। घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद हादसे को मर्डर की साजिश के रूप में देखा जाने लगा।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। डीजीपी व चीफ सेकरेटरी से रिपोर्ट तलब की गयी थी। मामले में झारखंड पुलिस और स्टेट गवर्नमेंट गंभीर हुई। एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गयी थी। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद सीबीआई ने चार अगस्त को केस को टेकओवर कर पांच अगस्त से जांच शुरू कर दिया है।
सीबीआई नई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 टीम में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर लगातार पूछताछ कर रही है। सीबीआइ घटनास्थाल पर दो-दो बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। बावजूद अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है।लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और साइंटिफिक एवीडेंस से सीबीआइ टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है।