पटना: इंडिगो मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस मामले में मुख्य आरोपी रितुराज का सहयोगी आर्यन अरेस्ट
पुलिस ने इंडिगो एयरलाइंस के पटना एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस में मामले में फरार चौथे व अंतिम आरोपित आर्यन जायसवाल उर्फ अभ्यानंद उर्फ मुनचुन उर्फ सन्नी (धनसुरपुर, सालिमपुर) को अरेस्ट कर लिया है। पटना पुलिस की टीम ने न्यू बाइपास इलाके से आर्यन को दबोची है।
पटना। पुलिस ने इंडिगो एयरलाइंस के पटना एयरपोर्ट स्टेशन मैनेजर रूपेश सिंह मर्डर केस में मामले में फरार चौथे व अंतिम आरोपित आर्यन जायसवाल उर्फ अभ्यानंद उर्फ मुनचुन उर्फ सन्नी (धनसुरपुर, सालिमपुर) को अरेस्ट कर लिया है। पटना पुलिस की टीम ने न्यू बाइपास इलाके से आर्यन को दबोची है। वह पहचान छिपाने के लिए मास्क और हेलमेट लगाकर कहीं और जाने की फिराक में था।एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी है।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस रूपेश मर्डर केस में मेन एक्युज्ड ऋतुराज के अलावा सौरभ व पुष्कर की पहले ही अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है। वहीं आर्यन फरार चल रहा था। पुलिस पूछताछ में पता चला कि वारदात के दिन आर्यन ही ऋतुराज की बाइक चला रहा था।पटना में 12 जनवरी को रूपेश सिंह की मर्डर होने के अगले दिन आर्यन पकड़े जाने के भय से छतीसगढ़ भाग गया था। इसके बाद वह कई राज्यों मसलन पश्चिम बंगाल,झारखंड, उत्तराखंड में अपनी पहचान छिपा कर रहा था्।आर्यन को लगा कि घर में कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया के बाद अब मामला शांत हो गया है। इसलिए पटना चला आया और पकड़ा गया।
एसएसपी ने बताया कि पुलिस पूछताछ में आर्यन ने अपनी संलिप्तता को भी स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि घटना का कोई नया कारण सामने नहीं आया है।आर्यन ने भी रितुराज के दिये गये बयान को ही दोहराया है। रूपेश सिंह मर्डर केस के तीन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गयी है। जल्द ही इसके खिलाफ भी चार्जशीट दायर हो जायेगी। आर्यन के घर की कुर्की-जब्ती भी की जा चुकी है।
आर्यन चला रहा था अपाची बाइक, पीछे बैठा था रितुराज
रूपेश सिंह की मर्डर करने के लिए चार लोग आये थे।इनमें एक आर्यन भी था। यह अपाची बाइक चला रहा था और रितुराज पीछे बैठा था। इसे केवल इतनी जानकारी थी कि रूपेश सिंह के साथ मारपीट करनी है. लेकिन वहां जाने के बाद रितुराज ने रूपेश सिंह पर फायरिंग कर दी। इसके बाद वहां से वह रितुराज को लेकर सगुना मोड़ के पास आया। वहां रितुराज बाइक से उतर गया और पैदल अपने घर चला गया। आर्यन बाइक से न्यू बाइपास पर आ गया।
मर्डर के आठ माह पहले ही ऋतुराज से हुई थी दोस्ती
पुलिस की पूछताछ में आर्यन ने बताया है रुपेश की मर्डर के आठ माह पहले आर्यन और ऋतुराज के बीच दोस्ती हुई थी। ऋतुराज अक्सर आर्यन की स्कार्पियो किराये पर ले जाया करता था। इस दौरान दोनों की नजदीकियां बढ़ गई। आर्यन ने बताया कि ऋतुराज का एयरपोर्ट के आसपास एक कार सवार के साथ बहस हुई थी। कार सवार उसके साथ गाली गलौज कर थप्पड़ जड़ दिया। उस समय ऋतुराज इस कारण चुप रह गया क्योंकि जिस बाइक पर वह सवार था वह चोरी की थी। ऋतुराज को माफी भी मांगनी पड़ी थी। इसके बाद से ऋतुराज उस कार सवार से बदला लेने की योजना बनाने लगा।
एक दिन राजवंशी नगर मंदिर के पास ऋतुराज, आर्यन और पुष्कर बाइक चोरी की फिराक में थे। जब वह एमजी हेक्टर कार और उसे चला रहे व्यक्ति भी दिख गया। फिर पांच से छह बार ऋतुराज कार कार सवार से बदला लेने के लिए का पीछा किया, लेकिन, कामयाब नहीं हुआ। इसके बाद फिर 12 जनवरी की शाम कार और कार सवार दिख गया। इसके बाद उसका पीछा कर अपार्टमेंट के सामने ही ऋतुराज ने उसे गोलियों से भून डाला। वारदात के अगले दिन चारों आरोपितों को पता चला कि जिस कार सवार की मर्डर में वह शामिल थे, वह इंडिगो स्टेशन मैनेजर रूपेश थे। इसके बाद चारों एक दूसरे से अलग होकर छुपकर रहने लगे।
फ्लैश बैक
राजधानी पटना के शास्त्रीनगर पुलिस स्टेशन एरिया के पुनाईचक स्थित कुसुम विलास अपार्टमेंट के सामने 12 जनवरी की शाम कार सवार रुपेश कुमार सिंह को गोलियों से भून दिया गया था। पुलिस छानबीन में मुख्य आरोपित और शूटर ऋतुराज का नाम सामने आया। एसआइटी ने दो फरवरी रामकृष्णा नगर पुलिस स्टेशन एरिया से मर्डर में इस्तेमाल पिस्टल के साथ ऋतुराज को अरेस्ट कर लिया। उससे पूछताछ में सौरभ, पुष्कर और आर्यन की संलिप्ता की भी पता चला। पुलिस । 23 मार्च को सौरभ उर्फ पवन और पांच अप्रैल को तीसरे आरोपित पुष्कर उर्फ छोटू उर्फ बउआ की दबोची। आर्यन फरार चल रहा था। आर्यन की खोज में पुलिस यूपी, झारखंड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र सहित एक अन्य स्टेट में रेड की। वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही अपना ठिकाना बदल देता था।