लातेहार :NIA के मृत्युंजय सिंह को अरेस्ट किया, चार पुलिसकर्मियों की मर्डर के लिए नक्सली रविंद्र गंझु को उपलब्ध कराये थे रुपये
एनआइए ने लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों की मर्डर मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू उर्फ मृत्युंजय सिंह को अरेस्ट किया है। एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि चंदवा निवासी मृत्युंजय सिंह ने घटना से एक दिन पहले चंदवा के भालुजंगा जंगल में भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली रवींद्र गंझू से मुलाकात की थी। उन्हें हमले के लिए रुपये उपलब्ध कराये गये थे।
रांची।एनआइए ने लातेहार के चंदवा में चार पुलिसकर्मियों की मर्डर मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू उर्फ मृत्युंजय सिंह को अरेस्ट किया है। एनआईए जांच में खुलासा हुआ है कि चंदवा निवासी मृत्युंजय सिंह ने घटना से एक दिन पहले चंदवा के भालुजंगा जंगल में भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली रवींद्र गंझू से मुलाकात की थी। उन्हें हमले के लिए रुपये उपलब्ध कराये गये थे।
कई ठिकानों पर की गयी थी रेड
एनआइए द्वारा लातेहार के चंदवा निवासी एक कंट्रेक्टर द्वारा नक्सलियों को लाखों की लेवी दिए जाने की जांच की जा रही है। एनआईए की टीम ने पिछले 30 जनवरी को लातेहार, पलामू और लोहरदगा में रेड की थी। रेड के दौरान एनआईए टीम ने चंदवा के हरैया चौक स्थित संतोष सिंह के घर और लोहरदगा में विपिन शाहदेव के घर दबिश देकर छानबीन की थी।उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान पकड़े गये नक्सलियों ने पांच लाख की लेवी सोनू सिंह से लेने की बात स्वीकार की थी।बाद में पूरे मामले को एनआईए ने अपने हाथ में लेकर जांच शुरू की। इसी दौरान वर्ष 2020 की 10 अक्तूबर को भी संतोष सिंह के घर पर लगातार 17 घंटे तक रेड हुई थी। इस रेड में 2.64 करोड़ कैश बरामद हुआ था।
पुलिस कर्मियों के मर्डर की एनआईए कर रही है जांच
लातेहार के चंदवा में माओवादी हमले में चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने के मामले में एनआईए ने वर्ष 2020 की दो जुलाई को केस टेकओवर कर लिया था। झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले वर्ष 2019 की 22 नवंबर की शाम लगभग सात बजे चंदवा के लुकईया मोड़ के समीप पुलिस गश्ती की टीम खड़ी थी। भाकपा माओवादियों के बाइक दस्ते ने वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दिया। माओवादी हमले में लातेहार जिला बल के चंदवा थाना में तैनात एसआई शुकरा उरांव, चालक यमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद व सिकंदर सिंह शहीद हो गये थे।
झारखंड पुलिस ने इस मामले की जांच एनआईए से कराने का प्रोपोजल सेंट्रल होम मिनिस्टरी को भेजा था। होम मिनिस्टरी ने इस मामले में एनआईए को एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी वर्ष 2020 की 22 जून को मिल गयी थी। इसके बाद एनआईए ने इस संबंध में नये सिरे से दिल्ली में केस दर्ज किया था।
15 लाख के इनामी माओवादी रवींद्र गंझू ने रची थी साजिश
लातेहार पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी थी कि पुलिस के पेट्रोलिंग वाहन पर हमले की साजिश 15 लाख के इनामी माओवादी रवींद्र गंझू ने रची थी। पुलिस ने रवींद्र की पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ऐसे में बदले की भावना से रवींद्र ने पुलिस बलों पर हमला करने की योजना बनायी। इसके बाद साजिश को अंजाम दिया।मामले में पुलिस ने कारवाई करते हुए पांच जनवरी 2020 को सात नक्सलियों बैजनाथ गंझू, सुनील गंझू, फगुना गंझू, संजय गंझू, कुअंर गंझू, राजेश गंझू और नरेश गंझू को अरेस्ट कर जेल भेजा था।