झारखंड: रांची की योग शिक्षिका राफिया नाज को धमकी, बाबूलाल मरांडी ने सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की
योग शिक्षिक राफिया नाज को लगातार धमकियां मिल रही है। राफिया व उनकी फैमिली के लोग भयभीत है। एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने स्टेट गवर्नमेंट से तत्काल राफिया को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है।
- राफिया की फैमिली भयभीत है
- पुलिस करने पर भी नहीं करती है कार्रवाई
रांची। योग शिक्षिक राफिया नाज को लगातार धमकियां मिल रही है। राफिया व उनकी फैमिली के लोग भयभीत है। एक्स सीएम व बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने स्टेट गवर्नमेंट से तत्काल राफिया को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। बाबूलाल ने इस संदर्भ में सीएम हेमंत सोरेन को पत्र भी लिखा है। पत्र की प्रतिलिपि पीएम, होम मिनिस्टर के साथ-साथ चीफ सेकरेटरी व डीजीपी को भी दी है।बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में राफिया नाज की सिक्युरिटी का मामला उठाते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त योग शिक्षिका राफिया नाज बचपन से योग से जुड़ी हैं। वह 52 से अधिक गोल्ड मेडल हासिल की है। लेकिन यह दुर्भाग्य है कि इन्हें योग छोडऩे के लिए धमकियां दी जाती हैं। इनके ऊपर हमले होते हैं। जब ये कंपलेन करती हैं तो कोई कार्रवाई नहीं होती।एसएसपी व डीजीपी से कंपलेन करने पर भी कार्रवाई नहीं होती। आखिर पुलिस जिसका काम है लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना, वही अपना काम नहीं करेगी तो लोग कहां जायेंगें।उन्होंने कहा कि राफिया को डेली धमकी दी जा रही है। कुछ सिरफिरे लोग इन्हें परेशान कर रहे हैं। लेकिन क्रिमिनलों पर कार्रवाई की जगह उन्हें यूं ही छोड़ दिया जाता है। उन्होंने स्टेट गवर्नमेंट से मांग की कि तत्काल इन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए, ताकि ये बच्चों को योगा सिखा सकें।
एक्स सीएम ने कहा कि राफिया को पूर्व में सुरक्षा दी गई थी लेकिन हेमंत सोरेन गवर्नमेंट ने वह सुरक्षा हटा ली। आज इनका पूरा फैमिली भयभीत है, लगातार धमकियां मिल रहीं हैं। कंपलेन करने पर पुलिस कहती हैं कि अपना मोबाइल बंद कर लो। क्या लोग मोबाइल और इंटरनेट यूज करना छोड़ दें। लेकिन पुलिस कुछ नहीं करेगी। बाबूलाल ने स्टेट गवर्नमेंट से मांग की कि तत्काल राफिया को सुरक्षा मुहैया कराई जाए ताकि किसी प्रकार की घटना घटित न हो और इनका फैमिली सम्मान से रह सके।
योग का विरोध करने वालों को मैं किसी धर्म का नहीं मानती : राफिया
योग शिक्षिका राफिया नाज ने कहा कि योग करने वाला गुनहगार नहीं होता।र जो लोग इसका विरोध करते हैं, मैं उन्हें उनके धर्म का नहीं मानती। ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में राफिया ने कहा कि अगर मुझे कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। उन्होंने बताया कि उन्हें पूरे देश के कोने-कोने से धमकियां मिल रहीं हैं। कहा जाता है कि तुम्हारा करियर बर्बाद कर देंगे। ये ऐसे लोग हैं जो योग को नहीं समझते हैं।ऐसे लोगों को मैं किसी धर्म का नहीं मानती हूं।
उन्होंने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की देन है। कहा, पुलिस से शिकायत करने पर मोबाइल का प्रयोग न करने की सलाह दी जाती है। क्या मोबाइल प्रयोग न करने, सिम बदल लेने और सोशल मीडिया से दूर हो जाने से समस्याएं खत्म हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी कंपलेन सीएम और डीजीपी से भी की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि ये लोग ऑन कैमरा और ऑफ कैमरे में अलग-अलग तरह की बातें करते हैं। सिस्टम बातें रखने नहीं देता। मुझे मारा जाता है और कंपलेन करने पर कहा जाता है कि तुम चुप रहो। लेकिन मैं चुप कैसे रहूं। मेरा कुरान इसकी इजाजत नहीं देता। उन्होंने कहा कि धमकी मामले में अब तक मैं इतनी एफआइआर की हैं कि पूरी एक किताब बन गई है। मैने योग किया है कोई चोरी नहीं की है।
गवर्नमेंट ने हटा ली सिक्युरिटी
राफिया ने बताया कि पिछली गवर्नमेंट में उन्हें सिक्युरिटी मुहैया कराई गई थी। लेकिन हेमंत सोरेन गवर्नमेंट ने मार्च 2020 में सुरक्षा वापस ले ली। गवर्नमेंट बदलने से क्या सुरक्षा के मायने बदल जाते हैं। सीएम को को मेल करने पर भी मेरी सुरक्षा का संज्ञान नहीं लिया गया। राफिया ने कहा कि अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदार पुलिस होगी।