बिहार के लाल IPS हरिनाथ मिश्रा संभालेंगे पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था
बिहार के लाल IPS हरिनाथ मिश्रा को देश में एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। भागलपुर के भीखनपुर में जन्मे हरिनाथ मिश्र को पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था देख रही एसपीजी का चीफ बनाया गया है।
- बैंक स्टाफ से सिक्युरिटी चीफ तक का सफर...
पटना। बिहार के लाल IPS हरिनाथ मिश्रा को देश में एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है। भागलपुर के भीखनपुर में जन्मे हरिनाथ मिश्र को पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था देख रही एसपीजी का चीफ बनाया गया है।
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भागलपुर के भीखनपुर में जन्मे आईपीएस हरिनाथ मिश्रा पिता भोला मिश्रा, माता दिव्या मिश्रा के सानिध्य में दुर्गा स्थान स्थान के समीप पुश्तैनी घर में बचपन से जवान हुए।कैबिनेट सचिवालय में सुरक्षा सचिव पद पर जाने के पूर्व हरिनाथ मिश्र के करियर का संघर्ष निचले पायदान से आरंभ हुआ। अब सुरक्षा सचिव पद पर पहुंच पीएम की सिक्युरिटी संभालेंगे। हरिनाथ मिश्र ने मेहनत के पहले पड़ाव में स्टेट बैंक की नौकरी हासिल की थी। उनकी पहली तैनाती स्टेट बैंक की कहलगांव ब्रांच में हुई थी, उसके बाद उन्हें बहुत जल्द जोनल ऑफिस, भागलपुर बुला लिया गया।
एसबीआई के जोनल ऑफिस में काम करते हुए यूपीएससी की तैयारी भी करते रहे हरिनाथ मिश्र
एसबीआई के जोनल ऑफिस में काम करते हुए हरिनाथ मिश्र यूपीएससी की तैयारी भी करते रहे। यूपीएससी की परीक्षा पास कर उन्होंने आईपीएस बनने का लक्ष्य हासिल कर लिया।हरिनाथ मिश्र के पिता भोला मिश्र एनई रेलवे बरारी में तब ट्रेन गार्ड फिर स्टेशन मास्टर पद पर तैनात थे। भीखनपुर में तब छोटी लाइन का रेलवे स्टेशन भी था। वहां से वह बरारी-भागलपुर और लत्तीपुर तक नौकरी करते रहे।
भोला मिश्रा ने अपने पांचों बेटों की परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। पांच बेटों में सबसे बड़े ओंकारनाथ मिश्रा, हरिनाथ मिश्रा, उमानाथ मिश्रा, रविंद्र नाथ मिश्रा और अमरनाथ मिश्रा पारिवारिक संस्कार और लगन के बूते अच्छे मुकाम पर गये।हरिनाथ मिश्रा के बड़े भाई ओंकारनाथ मिश्र रेडियो स्टेशन में उदघोषक के रूप में काफी ख्याति पायी। दूसरे नंबर पर हरिनाथ ने आईपीएस अफसर का मुकाम हासिल किया। तीसरे नंबर के उमानाथ बैंक में बड़े अफसर का पद हासिल किया।चौथे नंबर के रविंद्र नाथ मिश्रा ने आइआरएस सेवा का मुकाम पाया।छोटे भाई अमरनाथ मिश्रा शिक्षा जगत का मुकाम हासिल किया। हरिनाथ के भतीजे नीलोत्पल मिश्रा भी आईपीएस बनने में सफल हुए। वर्तमान में महराष्ट्र कैडर में तैनात हैं।
केरल काडर में आईपीएस बने हरिनाथ मिश्रा
हरिनाथ मिश्र की मिलनसारिता की लोग खूब चर्चा करते हैं। लोगों का कहना है कि जिस तरह तरह स्टेट बैंक में किरानी रहते सहजता से रहा करते और किसी से मिला करते थे, उसी तरह अईपीएस के बाद भी हरिनाथ के स्वभाव में कोई तब्दीली नहीं आयी।केरल काडर में आईपीएस बने हरिनाथ मिश्रा और उनके सभी भाइयों के लगन से गोल हासिल होने पर भीखनपुर में बेहतर शिक्षा का माहौल बना।
लोकल लोगों का कहना है कि भोला बाबू के पांचों लड़कों के बेहतर मुकाम तक पहुंचने से माहौल बदला। मोहल्ले में पढ़ाई की जो लौ हरिनाथ मिश्र ने जगाई तो फिर उस परिवार से ही आईपीएस और आईआरएस सेवा में चयन हुआ। भीखनपुर और आसपास के कई युवाओं ने बेहतर मुकाम हासिल किया। उन भाइयों में किसी को कोई अहम नहीं किसी को घमंड छुआ नहीं।आज भी हर साल अपने घर में प्रतिष्ठापित कुल देवी माता काली महारानी की पूजा में पूरे परिवार का जुटान होता है। यहां जब भी हरिनाथ मिश्र होते या परिवार के अन्य सदस्य, मिलने वालों से बड़े सादगी से मिलते।
मलयालम भाषा पर भी रही बेहतर पकड़
हिंदी भाषी हरिनाथ मिश्र केरल काडर में तैनाती बाद से वहां की मलयालम भाषा पर काफी पकड़ बना रखी है। मलयालम भाषा में किताबें भी लिखी हैं। अंग नगरी में अंगिका से नाता रखने वाले हरिनाथ मिश्र ने मलयालम जैसे कठिन भाषा पर अपनी पकड़ बनायी। यह अंगक्षेत्र के लोगों के लिए भी गौरव की बात है।