बिहारशरीफ: कोर्ट में जज ने सुनाया श्रीकृष्ण की माखन चोरी प्रसंग, सनातन संस्कृति को आधार मान दिया फैसला

हारशरीफ किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) के प्रधान जज मानवेन्द्र मिश्र ने सनातन संस्कृति को आधार मान एक फैसला सुनाया है। उन्होंने मिठाई चोरी के आरोपित किशोर को दोष मुक्त करार दिया है। जज ने कहा कि जब भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी बाललीला हो सकती है तो बालक की मिठाई चोरी को भी अपराध नहीं माना जाना चाहिए। समाज में दोहरा मानदंड नहीं चल सकता। वह भी तब, जब किशोर के पास भोजन न हो।

बिहारशरीफ: कोर्ट में जज ने सुनाया श्रीकृष्ण की माखन चोरी  प्रसंग, सनातन संस्कृति को आधार मान दिया फैसला
  • बालक की मिठाई चोरी को भी अपराध नहीं माना जाना चाहिए
  • जज ने कर दिया बरी

पटना। बिहारशरीफ किशोर न्याय परिषद (जेजेबी) के प्रधान जज मानवेन्द्र मिश्र ने सनातन संस्कृति को आधार मान एक फैसला सुनाया है। उन्होंने मिठाई चोरी के आरोपित किशोर को दोष मुक्त करार दिया है। जज ने कहा कि जब भगवान श्रीकृष्ण की माखन चोरी बाललीला हो सकती है तो बालक की मिठाई चोरी को भी अपराध नहीं माना जाना चाहिए। समाज में दोहरा मानदंड नहीं चल सकता। वह भी तब, जब किशोर के पास भोजन न हो।

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जज ने मामले में हरनौत के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में एफआइआर दर्ज ही नहीं करनी चाहिए। सिर्फ पुलिस स्टेशन की सामान्य डायरी में घटना को दर्ज कर मामले को सुलझाना चाहिए था। जज ने चोरी का आरोप लगाने वाली महिला के एडवोकेट से सवाल किया कि यदि उस महिला की संतान उसके पर्स से पैसे निकाल लेती तो क्या वह अपने ब'चे को भी पुलिस को सौंपकर जेल भिजवा देती।

नाबालिग पर मिठाई खाने और मोबाइल चुराने का आरोप


मामला नालंदा जिले के हरनौत पुलिस स्टेशन एरिया के चेरो ओपी के एक गांव का है। किशोर पर ननिहाल में एक महिला सुनीता कुमारी के घर के फ्रिज में रखी मिठाइयां चुराकर खा लेने और मोबाइल फोन ले लेने का आरोप लगा था। सात सितंबर घटना की एफआइआर गर्द कर आठ सितंबर को बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी ने उसे किशोर कोर्ट में प्रस्तुत किया था। किशोर ने स्वीकार किया कि भूखवश उसने मिठाई चोरी की। गेम खेलने के लिए मोबाइल फोन लिया था। किशोर भोजपुर जिले आरा के निकट एक गांव का है। उसके पिता बस ड्राइवर थे, जिनकी रीढ़ की हड्डी रोड एक्सीडेंट में टूट चुकी है। वे चल नहीं सकते। घर में कमाने वाला कोई नहीं है। मां मानसिक रूप से बीमार रहती है। नाना-नानी की भी मौत हो चुकी है। किशोर के कहने पर उसे उसके बहनोई को सौंप दिया गया।
किशोर की उचित देखभाल की जाए।

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जज ने किशोर की देखभाल की योजना बनाने का निर्देश बाल संरक्षण इकाई को दिया है। भोजपुर बाल कल्याण इकाई के सहायक निदेशक विनोद ठाकुर एवं बाल कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि किशोर की उचित देखभाल तथा पठन-पाठन की व्यवस्था की जाए। सहायक निदेशक ने जज को भरोसा दिलाया है कि किशोर की समुचित देखभाल की जायेगी।