झारखंड बनने से लेकर अब तक मई महीने में एक्साइज डिपार्टमेंट ने जुटाए सबसे ज्यादा रेवन्यू: विनय चौबे
झारखंड बनने से लेकर अब तक सबसे ज्यादा रेवन्यू एक्साइज डिपार्टमेंट ने जुटाया है। यह उत्पाद विभाग ने बीते मई महीने में किया है। विभाग के सचिव विनय चौबे ने प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी है।
रांची। झारखंड बनने से लेकर अब तक सबसे ज्यादा रेवन्यू एक्साइज डिपार्टमेंट ने जुटाया है। यह उत्पाद विभाग ने बीते मई महीने में किया है। विभाग के सचिव विनय चौबे ने प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी है।
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उन्होंने कहा कि राज्य कई तरह की शराब नीतियों पर प्रयोग हुआ। लेकिन इस बार की शराब नीति राजस्व के लिए सबसे उपयुक्त है।उन्होंने कहा कि इस पहले भी झारखंड में शराब नीति को लेकर दो बार प्रयोग हो चुके हैं. लेकिन राजस्व कमायी के मामले में नयी शराब नीति काफी प्रभावी है। पिछली शराब नीति 2017 में बदली गयी है। मार्च 2017 ये ये शराब नीति प्रभावी थी। उस महीने सिर्फ 23 करोड़ रुपए की कमायी विभाग को हुई थी। वहीं उस शराब नीति को लेकर काफी अफरा-तफरी का भी माहौल हो गया था। शराब दुकानों में पुलिस लगानी पड़ी थी। जब 2019 में शराब नीति में बदलाव हुआ तो ये अप्रैल महीने से लागू हुई थी। उस महीने की बात करें तो विभाग को सिर्फ 152 करोड़ की कमायी हुई थी। वहीं अगर मार्च 2022 की बात करें तो सिर्फ 156 करोड़ और अप्रैल में 109 करोड़ की कमायी हुई थी। लेकिन मई महीने में नयी शराब नीति के तहत 188 करोड़ की कमायी हुई है. जो लगभग 36 करोड़ ज्यादा है। चौबे ने कहा कि 188 करोड़ में से 183 करोड़ सरकार की ट्रेजरी में जमा की जी चुकी है। शेष राशि ज्लद ही सरकार के अकाउंट में जमा हो जायेगी।
शराब कारोबार पर किसी को नहीं होगा एकाधिकार
एक्साइज सेकरटेरी विनय चौबे ने कहा कि इस बार की शराब नीति काफी अच्छे सिस्टम के तहत बनी है। नीति को जमीन पर उतारना काफी चैलेंजिंग था। लेकिन उत्पाद विभाग समेत तमाम साथ में काम करने वाली एजेंसियों के बदौलत अब यह नीति कारगर रूप से चल रही है। इस नीति में इस बात का ख्याल रखा गया है कि किसी के हाथ में शराब कारोबार का एकाधिकार ना थम जाए। होल सेल का काम किसी और कंपनी को तो ट्रांसपोर्टिंग काम दूसरी कंपनी को। मैन पावर की सप्लाई किसी और कंपनी को तो कैश कलेक्शन का काम किसी और कंपनी के हाथों में है। सुरक्षा गार्डों का काम किसी और को दिया गया है। ऐसे में शराब कारोबार किसी पर किसी एक का अधिकार नहीं हो पायेगा। इन सभी एजेंसियों को ऑनलाइन टेंडर के तहत बहाल किया गया है।
रेवन्यू पर सबसे ज्यादा फोकस
विनय चौबे ने बताया कि इस बार शराब नीति में रेवन्यू कमायी पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया है। इससे पहले की शराब नीतियों में सेल पर सरकार को रेवन्यू मिलता था। लेकिन इस नीति के तहत डिमांड पर ही सरकार को रेवन्यू मिलता है। इसी वजह से शराब दुकानों की स्थिति शराब रहने के बावजूद विभाग को ज्यादा कमायी हुई है। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल पूरे झारखंड में 1434 शराब की दुकानें राज्य भर में खोल दी गयी है। और भी दुकानों को जल्दी ही खोला जायेगा।
कुछ दुकानों में शुरू जल्द ही होगा लागू ऑनलाइन पेमेंट: कमिश्नर
एक्साइज डि्पार्टमेंट के कमिश्नर अमित कुमार ने कहा कि रांची समेत बड़े शहरों की कुछ दुकानों में ऑनलाइन पेमेंट शुरू हो चुका है। शेष दुकानों में भी जल्द शुरू हो जायेगा।फिलहाल पंजाब नेशनल बैंक से एग्रेमेंट हुआ है। शेष दूसरों बैंकों से भी बात चल रही है। जल्द ही ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम दुकानों में शुरू किये जाने की योजना है।