गलवान के शहीद दीपक सिंह की वाइफ बनी आर्मी में लेफ्टिनेंट, रेखा सिंह ने पूरा किया हसबैंड का सपना
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के फरेदा गांव के रहने वाले वीर चक्र से सम्मानित गलवान के शहीद दीपक सिंह की वाइफ रेखा सिंह आर्मी में लेफ्टिनेंट बन अपने हसबैंड का सपना पूरा किया है। रेखा का 28 मई से चेन्नई में ट्रेनिंग शुरू होगा।
- चेन्नई में 28 मई से लेंगी ट्रेनिंग
भोपाल। मध्य प्रदेश के रीवा जिले के फरेदा गांव के रहने वाले वीर चक्र से सम्मानित गलवान के शहीद दीपक सिंह की वाइफ रेखा सिंह आर्मी में लेफ्टिनेंट बन अपने हसबैंड का सपना पूरा किया है। रेखा का 28 मई से चेन्नई में ट्रेनिंग शुरू होगा।
पहली बार में नहीं मिली सफलता
रेखा ने कहा कि वह अपने हसबैंड का सपना पूरा करने और बहनों को सही राह दिखाने आर्मी में आई है। अपने हसबैंड का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने जिला सैनिक कल्याण संघ के ऑफिस में जाकर चर्चा की। उन्हें जिला प्रशासन और सैनिक कल्याण संघ से उचित मार्गदर्शन और सहयोग मिला। उसके बाद उन्होंने अपनी तैयारी शुरू की और नोएडा में जाकर सेना में भर्ती होने के लिए इंटरेंस एग्जाम देने का ट्रेनिंग लिया। पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन दूसरे प्रयास में वह सफलता हासिल करते हुए लेफ्टिनेंट बन गई।
एमपी में अभी टीचर हैं शहीद की वाइफ
रेखा 28 मई से चेन्नई में ट्रेनिंग लेंगी, जिसके बाद वह आर्मी में अपनी सेवाएं देंगी। दीपक से शादी से पहले रेखा सिंह जवाहर नवोदय विद्यालय सिरमौर में टीचर थीं। रेखा के मन में शिक्षक बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे। शादी के बाद उनके हसबैंड ने दीपक सिंह ने उन्हें आर्मी में अफसर बनने के लिए प्रेरित किया। रेखा ने अपने हसबैंड के शहीद होने के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया। इसमें उनके ससुरालवालों ने भी उनका सहयोग किया। रेखा सिंह को उनके हसबैंड के शहीद होने के बाद मध्य प्रदेश शासन की तरफ से शिक्षाकर्मी वर्ग दो में नियुक्ति भी दी गई।
शहीद दीपक सिंह का जन्म 15 जुलाई 1989 को रीवा के फरेदा गांव में हुआ था। दीपक 2012 में इंडियनआर्मी के बिहार रेजिमेंट में बतौर नर्सिंग असिस्टेंट मेडिकल कोर में भर्ती हुए थे। शहीद दीपक सिंह 15 जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में अचानक हुए चीनी हमलों का मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये थे। शहीद नायक दीपक सिंह नर्सिंग सहायक की ड्यूटी कर रहे थे। हिंसक झड़प के दौरान उन्हें भी काफी चोटें आई थीं। फिर भी उन्होंने 30 सैनिकों की जान बचाई थी।
मरणोपरांत मिला था वीर चक्र
गलवान में हिंसक झड़प के दौरान वह घायल होकर भी साहस का परिचय देते रहे। हालांकि बाद में गहरे जख्मों के कारण वह शहीद हो गए थे। शहीद दीपक सिंह के देश के दिए इस बलिदान के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद की पत्नी रेखा सिंह को यह सम्मान प्रदान किया था।