झारखंड: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के चीफ इंजीनियर निरंजन कुमार के पास 300 करोड़ की संपत्ति !
रांची में पेयजल विभाग के चीफ इंजीनियर निरंजन कुमार पर 300 करोड़ की संपत्ति का आरोप। पत्नी के नाम चार बड़े ब्रांडेड शोरूम, कई शहरों में जमीन। आय से अधिक संपत्ति, फर्जी प्रमाणपत्र और संदिग्ध डिग्री की जांच तेज। पूरा मामला पढ़ें Threesocieties.com पर।
- पत्नी के नाम पर हैं चार बड़े ब्रांडेड कंपनियों के शोरूम
- फर्जी मूल निवासी से लेकर संदिग्ध इंजीनियरिंग डिग्री तक
- निलंबित कर्मचारी के शपथपत्र ने खोली निरंजन–निवेदिता की करोड़ों की कुंडली
रांची। झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में तैनात चीफ इंजीनियर निरंजन कुमार पर काली कमाई का पहाड़ खड़ा करने का गंभीर आरोप लगा है। निलंबित उच्चवर्गीय लेखा लिपिक संतोष कुमार द्वारा विभागीय अपर सचिव को दिये गये शपथपत्र में दावा किया गया है कि निरंजन ने 300 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपत्ति अर्जित कर रखी है, जबकि उनकी पत्नी निवेदिता सिन्हा के नाम चार बड़े ब्रांडेड कपड़ों के शोरूम और कई शहरों में जमीन है।
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शपथपत्र में दी गई विस्फोटक जानकारी के बाद विभाग, एंटी करप्शन ब्यूरो, ईडी और मुख्यमंत्री कार्यालय तक मामला पहुंच चुका है। निरंजन पर फर्जी दस्तावेज, गलत मूल निवासी प्रमाणपत्र और संदिग्ध इंजीनियरिंग डिग्री का भी आरोप है।
पत्नी के नाम करोड़ों की संपत्ति— चार शोरूम और जमीनें
ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर (PMLA) को निवेदिता सिन्हा द्वारा दर्ज बयान के अनुसार, उनके नाम पर ये प्रमुख संपत्तियां पाई गयी:
पीटर इंग्लैंड शोरूम – बोकारो मॉल, बोकारो
काब शोरूम – वायरोरी मॉल, देवघर
जाकी शोरूम – थाना रोड, दुमका
किलर शोरूम – बिजली ऑफिस के सामने, साहिबगंज
जमीन-जायदाद की सूची:
17 कट्ठा जमीन – संपतचक, पटना
10 डिसमिल – महेशमारा, देवघर
40 कट्ठा – भागलपुर, बिहार
3 डिसमिल पर मकान – हरमू, रांची
1200 वर्गफीट फ्लैट – बंसल प्लाजा, रांची
तीन बैंक अकाउंट + तीन ओम गणपति अकाउंट
संदेहास्पद डिग्री और फर्जी मूल निवासी प्रमाणपत्र?
शपथपत्र के अनुसार विभाग को यह स्पष्ट जानकारी तक नहीं है कि निरंजन ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई कहां से की। ईडी को दिये बयान में निरंजन ने दावा किया कि उन्होंने एमएस रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु से 1992 में बीटेक पास किया। लेकिन शपथपत्र के अनुसार उस वर्ष निरंजन नाम का कोई छात्र संस्थान से पासआउट नहीं हुआ। इसके साथ ही दावा किया गया है कि— निरंजन बिहार के भागलपुर के मूल निवासी हैं, लेकिन उन्होंने खुद को चाईबासा निवासी बताकर फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा किया।
निरंजन जांच में सहयोग नहीं कर रहे, ‘20 IAS-IPS मेरे इशारे पर चलते हैं’— आरोप
शपथपत्र में आरोप लगाया गया है कि: निरंजन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने ईडी को बताया कि अपने मोबाइल के सभी फोटो, वीडियो और चैट उन्होंने डिलीट कर दिए। दावा किया कि पूरा विभाग और “20 IAS-IPS अधिकारी मेरे इशारे पर चलते हैं।” यह बयान जांच एजेंसियों को सतर्क कर रहा है।
1997 में सेवा जॉइन की, लेकिन संपत्ति कई सौ करोड़!
निरंजन 1997 में बिहार सरकार में सेवा में आए थे। शपथपत्र के अनुसार: उनकी आयुर्वेदिक सैलरी और आधिकारिक कमाई से 300+ करोड़ की संपत्ति सम्भव नहीं, इसलिए मामला आय से अधिक संपत्ति, भ्रष्टाचार, फर्जी दस्तावेज, और संदिग्ध निवेश की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
सख्त कार्रवाई की संभावना
विभागीय मंत्री, एसीबी, ईडी, सीएम देरी से पहले इस मामले में तेज़ी से कार्रवाई कर सकते हैं। अगर निरंजन पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं, तो: सेवा से बर्खास्तगी, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर, ईडी द्वारा बड़ी कार्रवाई, और अवैध संपत्ति जब्ती जैसे कदम उठाये जा सकते हैं।






