साहिबगंजा महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामला: SI के पिता का नार्को टेस्ट करायेगी CBI, मांगी अनुमति
झारखंड में साहिबगंज महिला थाना प्रभारी SI रूपा तिर्की की मौत मामले की जांच कर रही CBI ने उसके पिता का देवानंद उरांव का नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग करायेगी। इस संबंध में CBI की ओर से रूपा तिर्की के पिता को पत्र लिखकर ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के लिए सहमति देने का अनुरोध किया गया है।
रांची। झारखंड में साहिबगंज महिला थाना प्रभारी SI रूपा तिर्की की मौत मामले की जांच कर रही CBI ने उसके पिता का देवानंद उरांव का नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग करायेगी। इस संबंध में CBI की ओर से रूपा तिर्की के पिता को पत्र लिखकर ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के लिए सहमति देने का अनुरोध किया गया है।
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सीबीआई की पटना ब्रांच ने पिछले 11 अप्रैल को रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव को एक पत्र भेजा है। पत्र में देवानंद उरांव से झूठ का पता लगाने, ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने का अनुरोध किया गया है। मामले की जांच कर रहे CBIअफसर गौतम अंशु ने यह पत्र लिखा है।
जांच में सहमति देने का अनुरोध
CBI की ओर से देवानंद उरांव को लिखे पत्र में कहा गया है कि आपको सूचित किया जाता है, कि इस मामले की जांच के दौरान आप पर कुछ वैज्ञानिक परीक्षणों की आवश्यकता होती है। जैसे झूठ का पता लगाना, मस्तिष्क मानचित्रण और नार्को-विश्लेषण परीक्षण. इसके लिए आपकी सहमति जरूरी है। यदि आप सहमति देते हैं तो दी गई तिथि और स्थान पर आपको विशेषज्ञ के समक्ष उपस्थित होना होगा। आपसे अनुरोध है कि कृपया जांच के हित में अपनी स्वैच्छिक सहमति दें।
सीबीआई के इस कदम ने कई लोगों को हैरानी हो रही है। अब सवाल उठ रहा हैकि क्या सीबीआई ने इस मामले में देवानंद उरांव के खिलाफ कुछ भी संदिग्ध पाया है। जानकार सोर्सेज का कहना है कि साहेबगंज पुलिस द्वारा इस मामले की जांच के दौरान देवानंद उरांव की शिव कुमार कनौजिया से बातचीत के कुछ ऑडियो क्लिप्स मिले हैं। ऑडियो में देवानंद उरांव शिव कुमार कनौजिया को अपनी बेटी से दूर रहने के लिए कहते हुए सुनाई दे रहे हैं।2018 बैच के पुलिस सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की और शिव कुमार कनौजिया एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। सीबीआई इन चीजों के मामले के तथ्यों के बारे में जानना चाहती है इसलिए वह देवानंद उरांव पर कुछ परीक्षण चाहती है।
कन्नोजिया से रिश्ते के खिलाफ था रूपा तिर्की की फैमिली
रूपा तिर्की की फैमिली उनके बैचमेट शिव कुमार कनौजिया से रिश्ते के खिलाफ था। लेकिन परिजन यह मानने को तैयार नहीं हैं कि रूपा तिर्की ने इन्हीं कारणों से सुसाइड की है। रूपा की मां पद्मावती उरांव ने अपनी कंपलेन में आरोप लगाया कि उसके साथ गलत कर मर्डर कर दी गई।
न्यायिक जांच आयोग ने माना सुसाइड
झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस वीके गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय ज्यूडिशियल कमिशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि साहिबगंज की महिला थानेदार रही एसआइ रूपा तिर्की की मर्डर नहीं हुई थी। वह अपने बैचमेट व सलर एसआइ शिव कुमार कनौजिया से शादी नहीं होने से टेंशन में थी। टेंशन व चिंता के कारण ही रूपा तिर्की ने तीन मई 2021 की शाम अपने कमरे में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी।
सरकारी क्वार्टर में रूपा में तीन मई 2021 को कर ली थी सुसाइड
महिला थाना प्रभारी सह 2018 बैच के सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की की बॉडी पुलिस लाइन स्थित उनके क्वार्टर में तीन मई की रात फंदे से लटका मिला था। इस मामले में यूडी केस दर्ज किया गया था। बाद में राजमहल इंस्पेक्टर राजेश कुमार के बयान पर उस केस को मर्डर के लिए उकसाने की धाराओं में परिवर्तित किया गया। जांच के लिए गठित एसआइटी ने आठ मई को चाईबासा में पोस्टेडे एसआइ शिव कुमार कनौजिया को पूछताछ के लिए बुलाया था। एसआइटी के प्रमुख तत्कालीन डीएसपी संजय कुमार के समक्ष उसका बयान कलमबंद हुआ था। पूछताछ के बाद शिव को नौ मई को अरेस्ट कर ज्यूडिशियल में भेज दिया गया था। बाद में कांड की जांच साहिबगंज इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी को सौंपी गई। उन्होंने तीन जून को ही यहां कोर्ट में कनौजिया के विरुद्ध चार्जशीट समर्पित कर दिया था। मामले का ट्रायल चल रहा है। इसी बीच कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने जांच शुरू कर दी। मामला में शिव कुमार कनौजिया को बेल मिल चुकी है।
रूपा की मां ने पंकज मिश्रा व दो बैचमेट पर लगाये हैं गंभीर आरोप
रूपा तिर्की की मां पद्यमावती उराईन ने सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत तीन लोगों के खिलाफ प्रताड़ित करने की शिकायत की थी। मनीषा कुमारी व ज्योत्सना महतो पर प्रताडऩा का आरोप लगाया। कहा था कि दोनों उसे जेएमएम लीडर पंकज मिश्रा के पास ले गई थी। रूपा तिर्की की मां ने तीन लोगों पर एफआइआर दर्ज करने की मांग की थी। हालांकि, उस आवेदन पर एफआइआर दर्ज नहीं की गई। इस आरोप पर सीबीआइ ने पंकज मिश्रा से पूछताछ की।हालांकि पुलिस का कहना था कि सब इंस्पेक्टर शिव कुमार कनाैजिया और तिर्की के बीच लव अफेयर था। दोनों के बीच विवाद हुआ। डिप्रेशन में तिर्की ने सुसाइड कर ली। लेकिन परिजन और विरोधी दलों के नेता इसे मानने को तैयार नहीं हुए। बाद में रांची हाई कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश दिया है। सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। पंकज मिश्रा झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि के साथ-साथ झामुमो के केंद्रीय सचिव हैं। हेमंत सोरेन साहिबगंज के बरहड़वा विधानसभा क्षेत्र से एमएलए हैं। सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा हैं।सीएम की अनुपस्थिति में उनका सारा काम पंकज ही देखते हैं। सीबीआइ पंकज मिश्रा से भी पूछताछ कर चुकी है।
सीबीआइ ने सात सितंबर 2021 को दर्ज की है FIR
महिला सब इंस्पेक्टर रूपा तिर्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में सीबीआइ की पटना एसीबी ने सात सितंबर को FIR दर्ज की थी। सीबीआइ ने राजमहल के पुलिस इंस्पेक्टर राजेश कुमार के बयान पर साहिबगंज के बोरियो पुलिस स्टेशन में एसआइ शिव कुमार कनौजिया के खिलाफ सुसाइड के लिए प्रेरित करने से संबंधित सेक्शन में दर्ज FIR को टेकओवर किया था। सीबीआइ ने यह FIR हाई कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की थी। हाई कोर्ट में रूपा तिर्की के पिता देवानंद उरांव ने याचिका दायर कर यह मांग की थी कि उनकी पुत्री रूपा तिर्की की मर्डर की गई है। उन्होंने पुलिस पर मामले को रफा-दफा करने का आरोप लगाते हुए सीबीआइ से जांच का आग्रह किया था। हाई कोर्ट ने एक सितंबर 2021 को ही सीबीआइ को आदेश दिया था कि वे इस केस को टेकओवर करते हुए जांच शुरू करें।
रूपा तिर्की की मौत के बाद दर्ज हुई थी दो अलग-अलग FIR
रूपा तिर्की की तीन मई को संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी। साहिबगंज स्थित सरकारी क्वार्टर में रूपा की बॉडी फंदे से लटकता मिला था। इस मामले में पहले यूडी केस दर्ज हुआ था। बाद में साहिबगंज के बोरियो पुलिस स्टेशन में नौ मई 2021 को एसआइ शिव कुमार कनौजिया पर सुसाइडके लिए प्रेरित करने की सेक्शन में FIR दर्ज की गई थी। एसआइ शिव कुमार कनौजिया देवघर जिले के मधुपुर स्थित भेड़वा का रहने वाला है। हाई कोर्ट ने एक सितंबर को जो आदेश दिया था, उसमें बताया था कि प्रारंभिक रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि इसमें कई मामले संदेहास्पद हैं। रूपा तिर्की की मौत के बाद उनका बिसरा सुरक्षित नहीं रखा जाना, शरीर पर पांच स्थानों पर जख्म होना, रूपा के परिजनों को प्रलोभन दिया जाना, पेट्रोल पंप देने तक देने की बात कहा जाना संदेह पैदा करता है। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने सीबीआइ को जांच करने का आदेश दिया था।