67 साल बाद फिर टाटा सन्स का हुआ Air India, टाटा 18000 करोड़ में एयर इंडिया की डील जीती
Air India 67 साल बाद फिर Tata Sons की हो गयी है। Dipam सेकरटेरी के अनुसार मिनिस्टर्स ग्रुप ने Air India के विनिवेश प्रक्रिया में Tata Sons की बोली को स्वी कार कर लिया है। इससे टाटा Air India को 67 साल बाद ग्रुप में जोड़ने में कामयाब रहा है। Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली जायेगी।
- Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा ग्रुप के पास
नई दिल्ली। Air India 67 साल बाद फिर Tata Sons की हो गयी है। Dipam सेकरटेरी के अनुसार मिनिस्टर्स ग्रुप ने Air India के विनिवेश प्रक्रिया में Tata Sons की बोली को स्वी कार कर लिया है। इससे टाटा Air India को 67 साल बाद ग्रुप में जोड़ने में कामयाब रहा है। Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली जायेगी।
1932 में टाटा एयरलाइंस था नाम
टाटा ग्रुप ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। इसके बाद सरकार ने 1953 में एयरलाइन का Nationalisation कर दिया।Dipam सेकरेटरी तुहिन कांत पांडे ने कहा कि Tata Sons ने एंटरप्राइज वैल्यू 18000 करोड़ रुपये लगाई थी। इस बिड में दो बोली लगाने वाले ग्रुप ने हिस्साव लिया था। पांच बिडर्स को अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंंकि उनकी बोली वे निर्धारित मानदंड से मेल नहीं खा रही थी। बिडर्स को विश्वारस में लेते हुए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से आगे बढ़ाया गया।
Talace Pvt की होगी एयरलाइन
Dipam सेकरेटरी ने बताया कि टाटा सन्स की इकाई Talace Pvt Ltd ने 18 हजार करोड़ रुपये में यह बोली जीती है। यह डील दिसंबर 2021 तक पूरी होने की संभावना है। इस बिड को पास करने के लिए होम मिनिस्टर अमित शाह की अध्यवक्षता में मिनिस्चर्स का पैनल बना था। इसमें दो बिडर के बीच कड़ा मुकाबला था। एयर इंडिया के एक्स चेयरमैन रोहित नंदन ने कहा कि सरकार का यह फैसला एविएशन इंडस्ट्री के लिए बहुत अच्छां है। इस डील से पूरी एविएशन इंडस्ट्री का विकास होगा।उल्लेखनीय है टाटा सन्स और इंडस्ट्रलिस्ट अजय सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में Air India के लिए वित्तीय बोलियां जमा की थीं। स्पाइसजेट के प्रवर्तक सिंह ने कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर एयरलाइन के लिए एक ज्वाइं बोली लगाई थी।
एयर इंडिया का परिचालन
Covid महामारी आने से पहले, एयरलाइन ने एक स्टैंडअलोन आधार पर 50 से अधिक घरेलू और 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों का संचालन किया। इसने कोरोना महामारी से पहले 120 से अधिक विमानों का संचालन किया। उस अवधि के दौरान, एयरलाइन में नौ हाजर से अधिक स्थायी और चार हजार कंट्रेक्ट स्टाफ थे।