Jharkhand के IPS प्रिया दुबे के हसबैंड संतोष कुमार को बड़ी राहत, प्री मिच्योर रिटायरमेंट के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
झारखंड हाई कोर्ट से सीनीयर आइपीएस व एडीजी प्रिया दुबे के हसबैंड संतोष कुमार दुबे को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने संतोष कुमार दुबे को प्री मिच्योर रिटायरमेंट किये जाने के आदेश पर रोक लगा दी है।
रांची। झारखंड हाई कोर्ट से सीनीयर आइपीएस व एडीजी प्रिया दुबे के हसबैंड संतोष कुमार दुबे को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने संतोष कुमार दुबे को प्री मिच्योर रिटायरमेंट किये जाने के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सेंट्रल गवनर्मेंट से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई 12 फरवरी को निर्धारित की है। संतोष दुबे वर्तमान में लखनऊ में आरपीएफ, डीआइजी हैं।
हाई कोर्ट ने इस मामले में सेंट्रल गवनर्मेंट से जवाब मांगा था। लेकिन सेंट्रल गवनर्मेंट सकी ओर से जवाब दाखिल नहीं होने पर कोर्ट ने संतोष कुमार के खिलाफ डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग पर रोक को बरकरार रखा था। इस बीच उन्हें प्री मिच्योर दे दी गई।
अगली सुनवाई 12 फरवरी को निर्धारित
संतोष कुमर दूबे की ओर से हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल कर उक्त आदेश को चुनौती दी गई। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने संतोष कुमार दुबे को प्री मिच्योर रिटायरमेंट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगते हुए अगली सुनवाई 12 फरवरी को निर्धारित की है।
संतोष कुमार दुबे चक्रधरपुर, धनबाद और रांची डिवीजन में पोस्टेड थे। इस दौरान उन पर 1.48 करोड रुपये आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया। सीबीआइ ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 10 जुलाई 2013 को मामला दर्ज किया था। सीबीआई के आरोप के अनुसार, संतोष कुमार दुबे ने वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2013 के दौरान झारखंड के अलग-अलग जिलों में पोस्टिंग के दौरान यह धन अर्जित किया है। इसके बाद आरपीएफ ने उनके विरुद्ध डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग का आदेश दिया। सीबीआइ ने 28 जून 2022 को संतोष और उनकी वाइफ प्रिया दुबे एवं अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। संतोष कुमार ने डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर रखी है।