बिहार: बक्सर के एक ही घाट पर जलीं 789 बॉडी, कोरोना से इस जिले में केवल छह मौतें, पटना हाईकोर्ट भी आंकड़े देख हैरान
पटना हाईकोर्ट ने बक्सर के पास गंगा में बहती बॉडी के आंकड़ों पर संदेह जताया है। बिहार गवर्नमेंट की ओर से सोमवार को कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में विरोधाभास था। चीफ सेकरेटरी द्वारा दाखिल जवाब में बताया गया कि कोरोना की दूसरी लहर में एक से 13 मई के बीच बक्सर में सिर्फ छह मौतें हुईं है। जबकि पटना कमिश्नर की रिपोर्ट में कहा गया कि पांच मई से 14 मई के बीच बक्सर के सिर्फ एक घाट पर 789 बॉडी जलाई गईं। लोकल लोग बताते हैं कि ये आंकड़ा सामान्य दिनों के लिहाज से लगभग दोगुना है। हाई कोर्ट ने दोनों रिपोर्ट में अंतर को 19 मई तक स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
- बिहार और यूपी के बीच बक्सर के पास गंगा में मिली बॉडी पर हाईकोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट
पटना। पटना हाईकोर्ट ने बक्सर के पास गंगा में बहती बॉडी के आंकड़ों पर संदेह जताया है। बिहार गवर्नमेंट की ओर से सोमवार को कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में विरोधाभास था। चीफ सेकरेटरी द्वारा दाखिल जवाब में बताया गया कि कोरोना की दूसरी लहर में एक से 13 मई के बीच बक्सर में सिर्फ छह मौतें हुईं है। जबकि पटना कमिश्नर की रिपोर्ट में कहा गया कि पांच मई से 14 मई के बीच बक्सर के सिर्फ एक घाट पर 789 बॉडी जलाई गईं। लोकल लोग बताते हैं कि ये आंकड़ा सामान्य दिनों के लिहाज से लगभग दोगुना है। हाई कोर्ट ने दोनों रिपोर्ट में अंतर को 19 मई तक स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने जवाब देने के लिए दिया बुधवार तक का समय
चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस एस कुमार की बेंच ने शिवानी कौशिक की लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। इस दौरान सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने चीफ सेकरटेरी एवं पटना कमिश्नर की 34 पन्नों की डिटेल रिपोर्ट पेश की। दोनों के आंकड़े अलग-अलग थे। इसपर कोर्ट ने एडवोकेट जनरल से पूछा कि बक्सर में जब सिर्फ छह मौतें ही कोरोना से हुई है तो सिर्फ एक श्मशान (मुक्तिधाम चरित्र वन) में दस दिनों में 789 बॉडी कैसे जलाई गईं? बेंच ने यह भी स्पष्ट करने को कहा कि जलाई गई बॉडी में कितने कोरोना से मरे थे और छह मौतें कब और कहां हुईं? बुधवार तक जवाब देना है।
बिहार का ऑक्सीजन कोटा चार सौ मीट्रिक टन
कोरोना मामले पर सुनवाई के दौरान सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से एडिशनल सॉलिसीटर जनरल डॉ. केएन सिंह ने पटना हाईकोर्ट को बताया कि बिहार के लिए रोजाना सप्लाई होने वाली तरल ऑक्सीजन के कोटे को चार सौ मीट्रिक टन तक बढ़ाने का निर्णय सेंट्रल ने लिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की बेंच ने सेंट्रल गवर्नमेंट की इस रिपोर्ट के बाद स्टेट के हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेकरेटरी को दो दिनों में जवाब देने का निर्देश दिया कि वह चार सौ एमटी तरल ऑक्सीजन का सौ फीसद उठाव कैसे करेंगे। तरल ऑक्सीजन लाने के लिए पर्याप्त टैंकरों की व्यवस्था है या नहीं? अदालत ने बुधवार तक उन्हें इस संबंध में बताने को कहा।