बिहार: बहुमंजिले भवन में होगा पुलिस स्टेशन, अब बिल्डिंग अब नहीं रहेंगे जर्जर, सबको मिली जमीन
अब बिहार के सभी पुलिस स्टेशन को या तो जमीन मिल गई या फिर चिह्नित भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी पुलिस स्टेशन का अपना बहुमंजिला भवन बनेगा। ऑफिस, बैरक और आवास एक जगह होगा। ड्यूटी के बाद पुलिसकर्मी सुरक्षित और निश्चिंत होकर आराम करेंगे।
- पुलिस स्टेशन में एक ही जगह ऑफिस और बैरक
पटना। अब बिहार के सभी पुलिस स्टेशन को या तो जमीन मिल गई या फिर चिह्नित भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी पुलिस स्टेशन का अपना बहुमंजिला भवन बनेगा। ऑफिस, बैरक और आवास एक जगह होगा। ड्यूटी के बाद पुलिसकर्मी सुरक्षित और निश्चिंत होकर आराम करेंगे।
यह भी पढ़ें:झारखंड: राजभवन के समक्ष सत्तापक्ष का महाधरना, बंधु तिर्की ने कहा- जरूरत पड़े तो बीजेपी वालों को पटक-पटक कर मारो
196 पुलिस स्टेशन व ओपी थे भूमिहीन
बिहार के नोटिफाइड पुलिस स्टेशन और ओपी में 196 ऐसे थे जिनके पास अपनी जमीन नहीं थी। इसी कारण इनके भवन निर्माण का रास्ता साफ नहीं हो पा रहा था। स्टेट गवर्नमेंट के निर्देश के बाद होम डिपार्टमेंट और पुलिस हेडक्वार्टर ने जिला प्रशासन के साथ भूमिहीन पुलिस स्टेशन के लिए जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मुहिम चलाई। होम डिपार्टमेंट द्वारा पिछले दिनों इसकी समीक्षा की गई।
रिपोर्ट के अनुसार 196 भूमिहीन पुलिस स्टेशन और ओपी के लिए अभियान चलाकर 169 को जमीन उपलब्ध करा दी गई है। वहीं शेष बचे 27 पुलिस स्टेशन के लिए भी जमीन चिह्नित हो गई है। उसका हस्तांतरण प्रक्रियाधीन है। भूमिहीन सभी 196 पुलिस स्टेशन के लिए न सिर्फ जमीन चिह्नित की गई बल्कि 27 को छोड़ बाकी को यह उपलब्ध भी करा दी गई। इन 27 पुलिस स्टेशन और ओपी के लिए जमीन का हस्तांतरण प्रक्रिया जल्द ही इसे भी पूरा कर लिए जाने की संभावना है। ऐसे में अब राज्य का कोई भी पुलिस स्टेशन और पुलिस आउट पोस्ट बगैर जमीन के नहीं रह गया है।
1031 पुलिस स्टेशन और 172 ओपी हैं नोटिफाइड
स्टेट में कुल नोटिफिकेशन पुलिस स्टेशन की संख्या 1031 है। इसमें 977 कार्यरत हैं। वहीं, नोटिफाइड ओपी की संख्या 172 है। वैसे राज्य में वर्तमान में 289 ओपी कार्यरत हैं। इसमें 117 नोटिफाइड होने की प्रक्रिया में हैं।बिहार में अधिकांश पुलिस स्टेशन और पुलिस आउट पोस्ट (ओपी) के लिए न बहुमंजिला बिल्डिंग का निर्माण हुआ है। बोलेरो और अर्टिगा जैसी गाड़ियां पुलिस स्टेशन को मुहैया कराई गई हैं। बावजूद इसके राज्य में कई थाना ऐसे थे जिनके पास अपनी जमीन तक नहीं थी।