धनबाद के जज उत्तम आनंद मर्डर केस: व्हाट्सएप के इंडिया हेड को हाईकोर्ट ने प्रतिवादी बनाया
धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप के इंडिया को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने यह निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि इस मामले के इन्विस्टीगेशन के दौरान एक वाट्सएप चैट की जानकारी मिली है। पूरे चैटिंग की जरूरत है। चैटिंग मिलने के बाद अनुसंधान में तेजी आएगी। वाट्सएप की ओर से चैटिंग रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
- CB I से मांगी प्रगति रिपोर्ट
रांची। धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप के इंडिया को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने यह निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि इस मामले के इन्विस्टीगेशन के दौरान एक वाट्सएप चैट की जानकारी मिली है। पूरे चैटिंग की जरूरत है। चैटिंग मिलने के बाद अनुसंधान में तेजी आएगी। वाट्सएप की ओर से चैटिंग रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
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अब व्हाट्सएप चैट से खुलेगी जज मर्डर केस की पोल
सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से बताया गया कि इस मामले के अनुसंधान के दौरान एक वाट्सएप चैट की जानकारी मिली है। पूरे चैटिंग की जरूरत है। चैटिंग मिलने के बाद अनुसंधान में तेजी आएगी। वाट्सएप की ओर से चैटिंग रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। इसके बाद अदालत ने वाट्सएप के भारत प्रमुख को प्रतिवादी निर्देश देते हुए जवाब दाखिल करने को कहा है। इससे पहले सीबीआइ की ओर से प्रगति रिपोर्ट भी पेश की गई। इसमें कहा गया कि नई टीम मामले में जांच कर रही है। कुछ नए तथ्य मिले हैं, जिस पर टीम की ओर से काम किया जा रहा है। कोर्टने सीबीआइ को अगले सप्ताह प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत के बाद हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है। सीबीआइ की ओर से कोर्ट में हर वीक में सीलबंद प्रगति रिपोर्ट पेश की जाती है।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद वर्ष 2021 की 28 जुलाई से सुबह लगभग पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रणधीर वर्मा चौक के समीप ऑटो ने जज को धक्का मार दिया। वह बेहोश होकर गिर गये। घायल जज को SNMMCH ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जज के घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, इसके बाद पुलिस महकमा जज को ढूंढने में लग गया था। इसके बाद उनके एक्सीडेंट होने का पता। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। मामले में जज की पत्नी कृति सिन्हा की कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन में केस नंबर 300/21 दर्ज की गयी थी। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने गिरिडीह से ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया। मामले में झारखंड गवर्नमेंट ने एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा गया। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसी आधार पर सीबीआई बीते चार अगस्त ने मामले में एफआइआर दर्ज कर जिला पुलिस की केस को टेकओवर कर लिया था। अब सीबीआई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 इस मामले की जांच कर रही है। मामले में सीबीआई ने 20 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।
आरोपियों की हो चुकी है नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। छह अगस्त के कोर्ट के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को रिमांड पर ले गई थी। दोनों की साइ डिटेक्टर समेत अन्य जांच करायी जा चुकी है। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी।सीबीआई धनबाद रेलवे स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। सीबीआइ घटनास्थाल पर तीन बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। सीबीआई दोनों आरोपियों की अहमदाबाद में नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग करायी है।दोनों की फिस से ब्रैन मैपिंग व अन्य जांच करायी जा रही है।
जज को जानबूझकर धक्का मारा लेकिन साजिश का नहीं चला पता
सीबीआइ अभी तक सीबीआई टक्कर मारने के पीछे की मंशा नहीं भांप पाई है। लखन और राहुल सीबीआई से भी बार-बार यही कह रहे हैं कि नशे में धुत्त रहने के कारण ऑटो रोड किनारे दौड़ रहे व्यक्ति की तरफ मुड़ गया, जिससे उन्हें टक्कर लग गई। हालांकि सीबीआई दोनों के बयान को अंतिम सत्य नहीं मान रहे हैं। सीबीआइ परिस्थितिजन्य और वैज्ञानिक साक्ष्यों से टीम घटना के तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। दोनों के मोबाइल सीडीआर, घटनास्थल से मिले कॉल डंप, फोरेंसिक जांच के परिणाम के अलावा चिह्नित लोगों से लगातार हो रही पूछताछ के जरिए मामले में नये एंगल की तलाश हो रही है। दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की कर चुकी है। हाईकोर्ट सीबीआई जांच की मोनेटरिंग कर रही है। प्रत्येक सप्ताह सीबीआइ जांच की प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश करती है। सीबीआइ की अब तक की जांच से हाई कोर्ट असंतुष्ट है। सीबीआई की ओर से हाई कोर्ट में बतायी गयी है कि जज को जानबूझकर धक्का मारा गया था। हालांकि इसके पीछे साजिश का अभी तक पता नहीं चल सका है। सीबीआइ अभी तक की जांच में स्पष्ट नहीं कर पायी है कि जज की मर्डर क्यों की गयी और इस षड्यंत्र के पीछे कौन लोग हैं।