जम्मू-कश्मीर: शोपियां एनकाउंटर: 20 लाख के इनाम से आर्मी का इनकार, कहा- आर्मी कैश पुरस्कार नहीं देती
आर्मी ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि अम्शीपुरा में एक कथित फर्जी एनकाउंटर में अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना कर रहे उसके कैप्टन ने 20 लाख रुपये के पुरस्कार के लिए आतंकवादियों को मारा। आर्मी ने मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट का एक तरह से प्रतिवाद किया है।
श्रीनगर। आर्मी ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि अम्शीपुरा में एक कथित फर्जी एनकाउंटर में अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना कर रहे उसके कैप्टन ने 20 लाख रुपये के पुरस्कार के लिए आतंकवादियों को मारा। आर्मी ने मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से दायर चार्जशीट का एक तरह से प्रतिवाद किया है।
श्रीनगर में रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा कि सैन्यकर्मियों के लिए युद्ध के हालात या ड्यूटी के दौरान किसी तरह की कार्रवाई के लिए कैश पुरस्कार की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया में इस तरह की खबरें हैं कि अम्शीपुरा एनकाउंटर में 20 लाख रुपये के पुरस्कार के लिए आतंकवादियों को मारा गया। यह स्पष्ट किया जाता है कि इंडियन आर्णी में इसके कर्मियों के लिए युद्ध के हालात या ड्यूटी के दौरान किसी तरह की कार्रवाई के लिए कैश पुरस्कार की कोई व्यवस्था नहीं है।
बयान में कहा गया कि खबर इंडियन आर्णी की प्रक्रियाओं के तथ्यों पर आधारित नहीं है। तीन युवकों को पिछले वर्ष जुलाई में आतंकवादी बताकर एक कथित फर्जी एनकाउंटर में मार गिराया गया था। घटना की जांच के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओक से गठित विशेष जांच दल ने अपने चार्जशीट में कहा कि फर्जी एनकाउंटर के माध्यम से आरोपी कैप्टन भूपिंदर सिंह और दो अन्य नागरिकों तबश नाजीर और बिलाल अहमद लोन ने वास्तविक अपराध के साक्ष्यों को जानबूझकर नष्ट किया। इसके अलावा आपराधिक षड्यंत्र के तहत जानबूझकर गलत सूचना फैलाई ताकि 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि को हड़प सकें। आर्मी ने मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिये थे। पुलिस ने वर्ष 2020 की 26 दिसंबर को शोपियां के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट में चार्जशीट दायर किया था।