जमशेदपुर: बहुचर्चित परमजीत सिंह मर्डर केस में डॉन अखिलेश सिंह बरी,
जमशेदपुर के बहुचर्चित परमजीत सिंह मर्डर केस में डॉन अखिलेश सिंह बरी हो गया है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की कोर्ट ने मानगो निवासी परमजीत सिंह की जेल में हुई मर्डर के मामले में साजिशकर्ता गैंगस्टर अखिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
- अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की कोर्ट ने अखिलेश को किया बरी
- घाघीडीह जेल में गोली मार कर दी गई थी मर्डर
- अभियोजन पक्ष अखिलेश सिंह के खिलाफ मर्डर में साजिश रचने के आरोप का कोई साक्ष्य एकत्र नहीं कर पाया
- कंपलेनेट भी डॉन को पहचानने से मुकर गया
जमशेदपुर। जमशेदपुर के बहुचर्चित परमजीत सिंह मर्डर केस में डॉन अखिलेश सिंह बरी हो गया है। अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की कोर्ट ने मानगो निवासी परमजीत सिंह की जेल में हुई मर्डर के मामले में साजिशकर्ता गैंगस्टर अखिलेश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
अभियोजन पक्ष अखिलेश सिंह के खिलाफ मर्डर में साजिश रचने के आरोप का कोई साक्ष्य एकत्र नहीं कर पाई। जिस समय में परमजीत सिंह की मर्डर हुई थी उस समय अखिलेश सिंह फरार था। सुनवाई के दौरान कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता जयप्रकाश और अधिवक्ता प्रियंका सिंघल, आरोपित पक्ष की ओर से विद्या सिंह और जीके घोष समेत अन्य अधिवक्ता उपस्थित थे।इससे पहले इस मर्डर में भोला सिंह और मनोरंजन सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुना चुकी है। दोनों वर्तमान में झारखंड हाई कोर्ट से बेल पर है।
घाघीडीह सेंट्रल जेल में हुई थी मर्डर
घाघीडीह सेंट्रल जेल में वर्ष 2009 की 20 मार्च को आपसी रंजिश और वर्चस्व में परमजीत सिंह की गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। मर्डर के प्रतिशोध में परमजीत के गुर्गो ने अखिलेश सिंह के गुर्गों पर हमला बोल दिया था। गौतम सिंह की पीट-पीटकर मर्डर कर दी थी। परमजीत सिंह की मर्डर मामले में बर्मामाइंस इस्ट प्लांट बस्ती निवासी हरपाल सिंह हीरे की शिकायत पर अखिलेश सिंह, मनोज सिंह उर्फ भोला सिंह, मनोरंजन सिंह उर्फ लल्लू सिंह समेत अन्य के खिलाफ परसुडीह पुलिस स्टेशन में एफअाइआर दर्ज की गई थी। मर्डर के समय हरपाल सिंह हीरे कार्तिक समेत जेल में बंद था। मर्डर केस में गवाही में हरपाल सिंह हीरे ने कोर्ट में अखिलेश सिंह को पहचानने से इंकार कर दिया था। परमजीत सिंह और अखिलेश सिंह गैंग में वर्चस्व में परमजीत सिंह की मर्डर कर दी गई थी। जब मर्डर हुई थी अखिलेश सिंह फरार था। 2011 में दिल्ली से गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ मामले में अलग से सुनवाई चल रही थी।