Dinesh Gope : PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप को दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया रांची
PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ कुलदीप यादव को झारखंड पुलिस और एनआईए की टीम को दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड पर उसे रांची लाया गया है।दिनेश गोप को गोपनीय स्थान पर रखकर स्टेट पुलिस व सेंट्ल जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही है।
रांची। PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ कुलदीप यादव को झारखंड पुलिस और एनआईए की टीम को दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड पर उसे रांची लाया गया है।दिनेश गोप को गोपनीय स्थान पर रखकर स्टेट पुलिस व सेंट्ल जांच एजेंसियां पूछताछ कर रही है।
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दिनेश गोप को एनआईए ने भगोड़ा घोषित किया हुआ था। झारखंड पुलिस ने दिनेश गोप के ऊपर 25 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। टेरर फंडिंग के मामले में जांच के बाद एनआईए ने उसे फरार दिखाते हुए उसपर चार्जशीट किया था। एनआईए ने भी उसपर पांच लाख रुपये का इनाम रखा था। कामेश्वर गोप उर्फ कैलाश नंदू का पुत्र दिनेश गोप मूल रूप से झारखंड के खूंटी जिले के कर्रा पुलिस स्टेशन एरिया के लापा मोरहाटोली का रहने वाला है। खूंटी पुलिस ने कुछ दिन पहले ही दिनेश गोप के माता-पिता से अपील की थी कि दिनेश गोप का सरेंडर करवाएं, जिसमें माता-पिता ने गोप से संपर्क नहीं होने की बात बताई थी।
दिल्ली से पकड़ा गया दिनेश गोप
झारखंड पुलिस और एनआईए के ज्वाइंट ऑपरेशन में दिनेश गोप दिल्ली में अरेस्ट हुआ है। उसे दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर झारखंड पुलिस टीम रांची आयेगी, यहां से उसे कोर्ट में पेश किया जायेगा, यहां से रेगुलर रिमांड पर लेकर झारखंड पुलिस और NIA अलग-अलग पूछताछ करेगी।
नोटबंदी के समय NIA ने दर्ज किया था FIR
NIA जिस केस में दिनेश गोप पर चार्जशीट कर चुकी है। यह नोटबंदी से जुड़ा हुआ मामला है। रांची के बेड़ो पुलिस स्टेशन में 10 नवंबर 2016 को एक FIR दर्ज हुआ था। इस FIR में नोटबंदी के समय 25.38 लाख के 500 और 1000 के पुराने नोट के साथ पेट्रोल पंप स्टाफ की गिरफ्तारी से संबंधित था। उस बात सामने आई थी कि ये रुपये पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के थे, जो लेवी-रंगदारी से जुटाये गये थे। इस मामले में रांची पुलिस ने नौ जनवरी 2017 को पहला चार्जशीट दाखिल किया था। NIA ने टेरर फंडिंग के इस केस को टेकओवर करते हुए 19 जनवरी 2018 को नया केस रजिस्टर कर जांच शुरू की थी।
इन्विस्टीगेशन के दौरान NIA दिनेश गोप और उसके सहयोगियों के कई ठिकानों पर रेड की थी। इनमें झारखंड, पश्चिम बंगाल और नई दिल्ली के ठिकाने शामिल थे। यहां से अब तक 42.79 लाख रुपये कैश, लैपटाप, मोबाइल और लेवी-रंगदारी के रुपयों के निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये थे। इस केस में एनआईए ने लगभग 70 लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्ति भी जब्त की थी।
शेल कंपनियों में इन्वेस्ट करता था लेवी के रुपये
NIA के जांच में यह खुलासा हो चुका है कि दिनेश गोप लेवी के रुपये शेल कंपनियों में इन्वेस्ट करता था। दिनेश गोप व उसके सहयोगी जिन शेल कंपनियों में लेवी के रुपये इन्वेस्ट किया, उनमें मेसर्स शिव आदि शक्ति, मेसर्स शिव शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स भव्य इंजीकॉन आदि शामिल हैं। ये कंपनियां दिनेश गोप के के फैमिली मेंबर्स के साथ पार्टनरशिप में संचालित हैं।
दो दर्जन बैंक अकाउंट्स में 2.5 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया
NIA जांच में इस बात की भी पुष्टि हो चुकी है कि लेवी-रंगदारी के रुपयों को हवाला के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया गया। दो दर्जन से अधिक बैंकों के अकाउंट में 2.5 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ। ये बैंक अकाउंट शेल कंपनियों के अलावा दिनेश गोप के फैमिली मेंबर्स के नाम पर भी हैं।