गुजरात: पीएम मोदी की मां हीराबेन ने टीवी पर देखा राम मंदिर 'भूमि पूजन' समारोह
पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में अपने निवास पर अयोध्या में राम मंदिर का 'भूमि पूजन' देखा। हीराबेन टीवी के सामने हाथ जो़ड़े बैठीं हुईं नजर आईं हैं। वहीं, टीवी पर पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या में पूजा करते हुए दिख रहे हैं।
- टीवी देखते हाथ जोड़े नजर आईं मोदी की मां
अहमदाबाद। पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन ने बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में अपने निवास पर अयोध्या में राम मंदिर का 'भूमि पूजन' देखा। हीराबेन टीवी के सामने हाथ जो़ड़े बैठीं हुईं नजर आईं हैं। वहीं, टीवी पर पीएम नरेंद्र मोदी अयोध्या में पूजा करते हुए दिख रहे हैं।
पीएम मोदी ने अयोध्या में भूमि पूजन समारोह के दौरान हनुमानगढ़ी पहुंचकर पूजा-अर्चना की और इसके बाद राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर भगवान राम को दंडवत प्रणाम किया। राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त की तिथि को स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया।
पीएम मोदी ने रामराज्य का संकल्प दोहराते हुए आस्था-निष्ठा इस चौपाई से अभिव्यक्त भी की- 'राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम..।' अवधपुरी की परंपरा निभाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हनुमान गढ़ी में बजरंगबली का दर्शन कर जन्मभूमि पहुंचे। भारतीय परिधान सुनहरा कुर्ता, सफेद धोती के साथ भगवा गमछा डाले मोदी ने रामलला के सामने पहुंचकर साष्टांग प्रणाम किया। मंदिर के संकल्प को सिद्ध करने के लिए ठीक 29 वर्ष बाद अयोध्या पहुंचे मोदी भक्तिभाव में डूबे थे। शंखध्वनि के बीच वह भूमिपूजन स्थल पर पहुंचे। अनुष्ठान के यजमान के रूप में शिलापूजन के लिए उनके सहित सरसंघचालक मोहन भागवत, गवर्नर आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ आसन पर बैठ गये।
नौ शिलाओं का पूजन कर मंदिर की नींव रख दी गई, इसके बाद भूमिपूजन पूरा हुआ। इसके बाद मंच पर पहुंचते ही पीएम ने अनुष्ठान के साक्षी बने 36 परंपराओं के संतों को भी दंडवत प्रणाम किया। संबोधन की शुरुआत सियावर रामचंद्र के जयघोष के साथ करते हुए मोदी बोले कि यह जयघोष सियाराम की नगरी में ही सुनाई नहीं दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में पहुंची है। आमंत्रण के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास का आभार जताते हुए कहा कि मुझे तो आना ही था- 'राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम..।' उन्होंने कहा कि आज (बुधवार को) सरयू के किनारे स्वर्णिम अध्याय रचा जा रहा है। पूरा देश राममय है, रोमांचित है, भावुक है। सदियों का इंतजार आज खत्म हो रहा है।