नई दिल्ली: हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने को प्रियंका गांधी बाड्रा के साथ मयूर शेखर झा व कांग्रेसियों ने बाल्मिकी मंदिर में की पूजा

उत्तर  प्रदेश के हाथरस गैंगरेप की घटना के खिलाफ दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में दिल्ली कांग्रेस द्वारा प्रार्थना सभा आयोजित की गयी। इसमें पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ सीनीयर कांग्रेस लीडर मयूर शेखर झा ने भी  हिस्सा लिया।

नई दिल्ली: हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने को प्रियंका गांधी  बाड्रा  के साथ मयूर शेखर झा  व कांग्रेसियों ने  बाल्मिकी मंदिर में की पूजा
प्रियंका गांधी के साथ मयूर शेखर झा समेत अन्य ।

नई दिल्ली। उत्तर  प्रदेश के हाथरस गैंगरेप की घटना के खिलाफ दिल्ली के वाल्मीकि मंदिर में दिल्ली कांग्रेस द्वारा प्रार्थना सभा आयोजित की गयी। इसमें पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ सीनीयर कांग्रेस लीडर मयूर शेखर झा ने भी  हिस्सा लिया। दिल्ली कांग्रेस प्रसिडेंट समेत बड़ी संख्या में कांग्रेसी शामिल हुए।  

प्रियंका गांधी ने कहा कि इसीलिए मैं आपके बीच आई हूं, जब मैंने सुना की आपके समाज, वाल्मीकि समाज ने उनके लिए प्रार्थना सभा रखी है। मैं इसीलिए यहां आई कि आपको और उनके परिवार को कभी महसूस नहीं होने देना चाहिए कि वे अकेले हैं, हम सभी से आग्रह करते हैं, अपनी आवाज उठाओ।जो इस लड़की के साथ हुआ, जो उसके परिवार के साथ हो रहा है, उन पर अन्याय पर अन्याय हो रहा है। इसके खिलाफ इस देश की एक-एक महिला और एक-एक पुरुष की आवाज उठनी चाहिए।  प्रियंका गांधी ने कहा कि हाथरस की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सभी को मिलकर सरकार पर नैतिक और राजनीतिक दबाव बनाना होगा। उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं और मीडिया भी नैतिक लड़ाई लड़े।उन्होंने कहा कि यूपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सराकर ने पीड़िता की कोई मदद नहीं की। दुख की इस घड़ी में पीड़िता का परिवार अकेला है।

कांग्रेस नेता मयूर शेखर झा आज अपने समर्थकों के महर्षि वाल्मीकि मंदिर में प्रार्थना सभा में शामिल मयूर शेखर झा ने कहा कि बीजेपी शासित प्रदेश संविधान नहीं मनुस्मृति से चल रहा है। यही कारण है कि वहां महिलाओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है.उन्होंने कहा कि हाथरस की घटना इतनी विभस्त है कि इंसानियत शर्मसार हो जाए. दो घटनाओं की तुलना नहीं की जा सकती लेकिन जब ऐसी ही घटना दिल्ली में निर्भया के साथ हुई थी तो तत्कालीन सरकार ने पीड़िता के परिवार के साथ संवेदना दिखाई थी और उनके साथ हमेशा खड़ी रही थी। आज पीड़िता के परिवार को अंतिम संस्कार तक का हक नहीं दिया जा रहा है और उनको कैदियों की तरह घर में बंद करके रखा जा रहा है, किसी से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है।