उत्तर प्रदेश: वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा

वाराणसी में वर्ष 2006 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में दोषी आतंकी वलीउल्लाह को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की कोर्ट ने सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने शनिवार को वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था।

उत्तर प्रदेश: वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में आतंकी वलीउल्लाह को फांसी की सजा
  • 18 लोगों की मौत व 50 लोग हुए थे घायल

लखनऊ। वाराणसी में वर्ष 2006 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में दोषी आतंकी वलीउल्लाह को जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की कोर्ट ने सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने शनिवार को वलीउल्लाह को दोषी करार दिया था।

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वाराणसी में हुआ बम ब्लास्ट में 18 लोगों की मौत हुई थी और 50 लोग घायल हुए थे। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद शर्मा ने बताया कि सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम बम विस्फोट हुए थे। पहला बम विस्फोट उक्त तिथि को शाम 6.15 बजे वाराणसी के लंका थाना पुलिस स्टेशन एरिया में संकटमोचन मंदिर में हुआ था। इसमें सात लोग मारे मारे गये थे और जबकि 26 घायल हुए थे।

उसी दिन 15 मिनट के बाद 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट पुलिस स्टेशन एरिया में जम्मू रेलवे फाटक की रेलिंग के पास कुकर बम मिला था। पुलिस की मुस्तैदी के चलते यहां विस्फोट होने से बचा गया था।इन दोनों मामलों में हत्या, हत्या का प्रयास, चोटिल व अंग भंग करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व आतंकी गतिविधि के आरोप में कोर्ट आतंकी वलीउल्लाह को दोषी करार दे चुकी है। जीआरपी वाराणसी एरिया में वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के सामने हुए धमाके, जिसमें नौ लोग मारे गये थे। 50 लोग घायल हुए थे। इसमें साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट उसे बरी कर चुकी है।

16 साल बाद मिला इंसाफ

वलीउल्लाह उर्फ टुंडा इस समय डासना जेल में बंद है। वलीउल्लाह के खिलाफ छह मुकदमे चल रहे थे। जिनमें से चार में उसे दोषी करार दिया गया है।वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में पांच जून को सेशन कोर्ट में हुई। सुनवाई के बाद दोषी वली उल्लाह को दो मामलों में दोषी ठहराया था, जिसका फैसला कोर्ट ने आज सुनाया। कोर्ट ने उनमें से एक मामले में आजीवन कारावास तो वहीं दूसरे मामले में दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई।

16 साल बाद मिला इंसाफ

वाराणसी में संकटमोचन मंदिर और कैंट स्‍टेशन पर 16 साल पहले सात मार्च 2006 को विस्फोट हुए थे। सीरियल ब्‍लास्‍ट में 18 लोगो की मौत हो गई थी। मौलाना जुबैर को मार गिराया गया था। वाराणसी में अधिवक्ताओं ने वलीउल्लाह की पैरवी करने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट के आदेश पर 24 दिसंबर 2006 को यह मामला सुनवाई के लिए गाजियाबाद ट्रांसफर हुआ था। वलीउल्लाह प्रयागराज की फूलपुर स्थित नलकूप कालोनी का रहने वाला है।