उत्तर प्रदेश: प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि के कमरे से तीन करोड़ कैश और 50 किलो सोना मिला
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत के एक साल बाद गुरुवार को सीबीआइ की टीम जांच के लिए प्रयागराज के अल्लापुर के मठ बाघंबरी गद्दी पहुंची। जिस कमरे में महंत की बॉडी मिली थी, सीबीआई ने उस कमरे का ताला खुलवाकर जांच की। सोर्सेज के अनुसार महंत के कमरे से तीन करोड़ रुपये कैश और 50 किलोग्राम सोना, हनुमान जी का सोने का कैश और जेवरात समेत 10 क्विंटल देशी घी औऱ कारतूस भी मिले हैं।
एक साल बाद खुला कमरे का ताला
लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि की मौत के एक साल बाद गुरुवार को सीबीआइ की टीम जांच के लिए प्रयागराज के अल्लापुर के मठ बाघंबरी गद्दी पहुंची। जिस कमरे में महंत की बॉडी मिली थी, सीबीआई ने उस कमरे का ताला खुलवाकर जांच की। सोर्सेज के अनुसार महंत के कमरे से तीन करोड़ रुपये कैश और 50 किलोग्राम सोना, हनुमान जी का सोने का कैश और जेवरात समेत 10 क्विंटल देशी घी औऱ कारतूस भी मिले हैं।
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कैश और जेवरात समेत 10 क्विंटल देशी घी औऱ कारतूस भी मिले
मुकुट, कड़ा-बाजूबंद मिला है। ये सब एक लोहे की अलमारी में बंद थे। महंथ के कमरे से करोड़ों की संपत्ति के रजिस्ट्री पेपर और नौ क्विंटल देशी घी भी मिला। सीबीआइ के एडिशनल एसपी केएस नेगी और इंस्पेक्टर की मौजूदगी में कमरे का ताला खोला गया। महंत के उस कमरे को खोला गया, जिसे लगभग एक वर्ष पहले सील किया गया था।महंथ के कमरे से लगभग तीन करोड़ रुपये कैश, कई किलो सोना, चांदी, मठ की प्रापर्टी के कागजात, 10 कुंतल देशी घी, कई कारतूस, कीमती घड़ियां सहित अन्य सामान मिले। कारतूस को पुलिस और साक्ष्य से संबंधित कुछ सामानों को सीबीआइ ने अपने कब्जे में ले लिया। नौ घंटे तक चली जांच के बाद सीबीआइ ने मठ की संपत्ति और महंत के कमरे के चाबी महंत बलवीर गिरि को सौंपकर चली गई।
सुपुर्दगीनामा महंत बलवीर गिरि को दिया गया
बाघम्बरी मठ में महंत नरेंद्र गिरि की सुसाइड के लगभग एक साल बाद उनके शयन कक्ष को गुरुवार को खोल दिया गया। सीबीआई, पुलिस, प्रशासन और बैंक अफसरों की मौजूदगी में सुपुर्दगीनामा महंत बलवीर गिरि को दिया गया। कमरे की चाभी महंत बलवीर गिरि को सौंप दी गई है। वह दो-तीन दिन में इस कक्ष में प्रवेश करेंगे। हालांकि जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड की थी वह कमरा नहीं खुल सका। तीन करोड़ रुपये गिनने के लिए मशीन का सहारा लेना पड़ा। इस कमरे में नकद, वसीयत, कारतूस, जेवरात और दूसरे सामान भी थे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत नरेंद्र गिरि के शयन कक्ष की चाभी सुपुर्द करने से पहले वह सभी सामान मिलाए गये जो उनके कमरे में थे। बाघम्बरी मठ के महंत बलवीर गिरि ने नकदी मिलने पर कुछ बोलने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि कमरे की चाभी मिल गई है। दो-तीन दिन में इस कक्ष में प्रवेश करेंगे।
बलवीर गिरि ने कमरा खोलने के लिए लगाई थी अर्जी
बाघंबरी मठ के मौजूदा महंत बलवीर गिरि ने कमरा खुलवाने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी। बलवीर ने कोर्ट से अपील की थी कि मठ में पहली मंजिल के उस कमरे को खोलने की अनुमति दी जाए। इसके बाद CBI गुरुवार को बाघंबरी मठ पहुंची। गुरुवार को सुबह 11:30 बजे से शाम सात बजे तक CBI ने हर सामान की वीडियोग्राफी कराई। हालांकि इस संबंध में CBI अफसरों ने मीडिया से बातचीत करने से मना कर दिया।
फ्लैश बैक
यूपी के प्रयागराज में बाघंबरी मठ में 20सितंबर 2021 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की बॉडी पंखे से लटका मिला था। उनके एक शिष्य ने फोन पर सूचना दी, इसके बाद पुलिस टीम पहुंची मौके पर पहुंची थी। पुलिस को महंत के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला था। पुलिस ने सुसाइड नोट को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया था। जांच पड़ताल में पता चला था कि महंत नरेंद्र गिरि लगातार टेंशन में रह रहे थे। अपने शिष्य आनंद गिरि से उनका पुराना विवाद भी चल रहा था। महंत ने अपनी मौत से कुछ दिनों पहले ही आनंद गिरि को मठ से अलग कर दिया था। हालांकि बाद में सुलह की बात कही गई थी।
आनंद गिरि, मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी व उनके बेटे संदीप जेल में
मामले जांच CBI को सौंपी गई। महंत नरेंद्र के शिष्य रहे आनंद गिरि, मंदिर के पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी व उनके बेटे संदीप के खिलाफ महंत को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को अरेस्ट किया गया था। आद्या और संदीप नैनी जेल में बंद हैं, जबकि आनंद गिरि चित्रकूट जेल में बंद हैं। आनंद गिरी कई बार कोर्ट में बेल के लिए याचिका भी दाखिल कर चुके हैं, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली। उधर, यूपी पुलिस ने गिरि के कमरे को सील कर दिया था। कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला था। सीबीआइ ने मठ के अतिथि कक्ष और महंत नरेंद्र गिरि के आराम कक्ष, शयन कक्ष सहित एक अन्य कमरे को सील कर दिया था। सील करने से पहले सीबीआइ की टीम ने वहां रखे सभी सामानों की सूची तैयार की थी। नरेंद्र गिरि की मृत्यु के बाद मठ की गद्दी बलवीर गिरि को मिली तो उन्होंने कमरे को खोलने के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी, मगर वहां से अर्जी खारिज हो गई थी। इसके बाद शासन को पत्र भेजा गया था।