30 साल बाद बूढ़ा पहाड़ नक्सलियों से हुआ मुक्त, CRPF डीजी का झारखंड नक्सल मुक्त होने का दावा
सुरक्षा बलों ने झारखंड में लगभग एक महीने के ऑपरेशन के बाद बूढ़ा पहाड़ एरिया को नक्सल मुक्त करा को बड़ी सफलता हासिल की है। बुढ़ा पहाड़ 30 साल बाद नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुआ है।
- स्टेट में केवल रंगदारी गिरोह के रूप में नक्सलियों की मौजूदगी
नई दिल्ली। सुरक्षा बलों ने झारखंड में लगभग एक महीने के ऑपरेशन के बाद बूढ़ा पहाड़ एरिया को नक्सल मुक्त करा को बड़ी सफलता हासिल की है। बुढ़ा पहाड़ 30 साल बाद नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुआ है।
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सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने कहा है कि अब हम कह सकते हैं कि झारखंड नक्सल मुक्त हो गया है। वे लोग रंगदारी गैंग के रूप में भले ही बचे हों, लेकिन अब किसी इलाके में उनका वर्चस्व नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड में अब कोई ऐसी जगह नहीं बची है जहां फोर्स नहीं पहुंच सकती।' सेंट्रल होम मिनिस्टर अमित शाह पुलिस और सीआरपीएफ को इस कामयाबी के लिए बधाई दी है।
नक्सली हमले मेंम 77 परसेंट की कमी
सीआरपीएफ डीजी ने कहा, हाल के दिनों में नक्सली हमले तेजी से कम हुए हैं। इसमें कम से कम 77 परसेंट की कमी देखी गई है। 2009 में सबसे ज्यादा नक्सली हमले हुए थे। हमले में होने वाली मौतों में 85 परसेंट की कमी आई है। होम मिनिस्टर ने ट्वीट करके बधाई दी और कहा, देश की आंतरिक सुरक्षा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशभर में वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में सुरक्षाबलों ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है।
30 साल से था नक्सलियों का कब्जा
सीआरपीएफ डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि बूढ़ा पहाड़ इलाके में पिछले 30 साल से नक्सलियों का कब्जा था। हेलिकॉप्टर की मदद से यहां सुरक्षाबल पहुंचे और स्थायी कैंप बनाया। इसके बाद यहां तीन ऑपरेशन चलाये गये। इनका नाम ऑपरेशन ऑक्टोपस, बुलबुल और थंडरस्टोर्म था। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है।
पहली बार बूढा पहाड़, चक्रबंधा व भीमबांध के दुर्गम क्षेत्रों से माओवादियों को सफलतापूर्वक निकालकर सुरक्षाबलों के स्थायी कैंप स्थापित किये गए हैं।@narendramodi जी के नेतृत्व में आतंकवाद व LWE के विरुद्ध गृह मंत्रालय की जीरो टॉलेरेंस की नीति जारी रहेगी और ये लड़ाई आगे और तेज होगी।
— Amit Shah (@AmitShah) September 21, 2022
सेंट्रल होम मिनिस्टर ने झारखंड पुलिस की थपथपाई पीठ
सेंट्रल होम मिनिस्टरअमित शाह ने नक्सलियों के विरुद्ध पूरे देश में चल रहे अभियान के दौरान मिल रहीं सफलताओं पर सुरक्षा बलों की पीठ थपथपाई है। उन्होंने ट्वीट किया है कि देश की आंतरिक सुरक्षा में एक ऐतिहासिक पड़ाव पार हुआ है। पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में धुर वामपंथी उग्रवाद के विरुद्ध चल रही निर्णायक लड़ाई में सुरक्षाबलों ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। इसके लिए सीआरपीएफ, सुरक्षा एजेंसियों व राज्य पुलिस बलों को उन्होंने बधाई भी दी है।अमित शाह ने कहा है कि पहली बार बूढ़ा पहाड़, चक्रबंधा व भीमबांध के दुर्गम क्षेत्रों से माओवादियों को सफलतापूर्वक निकालकर सुरक्षा बलों के स्थायी कैंप स्थापित किये गये हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आतंकवाद व वामपंथी उग्रवादियों के विरुद्ध गृह मंत्रालय की जीरो टालरेंस की नीति जारी रहेगी और ये लड़ाई आगे और तेज होगी।
उल्लेखनीय है कि माओवादियों के गढ़ में महीनों तक चले अभियानों में सुरक्षा बलों को अप्रत्याशित सफलता प्राप्त हुई है। इसमें सुरक्षा बलों ने देशभर में 14 माओवादियों को मार गिराया व 590 से अधिक की गिरफ्तारी या सरेंडर कराया।
बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के लिए सुरक्षित गढ़
झारखंड व छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ अब पूरी तरह सुरक्षा बलों के कब्जे में आ गया है। इसकी घोषणा हाल ही में झारखंड पुलिस ने की है। बूढ़ा पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने अपने कैंप स्थापित किये हैं। गांव तक जाने की सड़क, नदी-नालों पर पुल-पुलिया व नक्सलियों के गढ़ में स्कूल, क्लब व कैंप स्थापित कर सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों का विश्वास जीतने का प्रयास तेज कर दिया है। डीजीपी नीरज सिन्हा ने चार दिन पहले बूढ़ा पहाड़ पर तिरंगा लहराकर जवानों के साथ जीत का जश्न मनाया था।