धनबाद: BCCL आर्थिक संकट से खुद निबटे,नये कंज्यूमर तलाशे, CIL नहीं करेगी मदद: चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल
CIL चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि यह सही है कि BCCL की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कंपनी को वर्तमान परिस्थिति से उबरने के लिए खुद ही प्रयास करना होगा, दूसरा कोई विकल्प नहीं है। BCCL की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए CIL फाइनेंसियल मदद नहीं करेगी।
- पावर कंपनियों के भरोसे बैठने ही नही रहे
- 30 मिलियन टन कोल प्रोडक्शन-डिस्पैच से खुद दूर होगी प्रोबलम
धनबाद। CIL चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा है कि यह सही है कि BCCL की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन BCCL के पास प्राइम कोकिंग कोल का भंडार है। कंपनी को वर्तमान परिस्थिति से उबरने के लिए खुद ही प्रयास करना होगा, दूसरा कोई विकल्प नहीं है। BCCL की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए CIL फाइनेंसियल मदद नहीं करेगी। चेयरमैन सोमवार को कोयला नगर गेस्ट हाउस में कंपनी CMD व Board of directors के साथ रिव्यू मीटिंग में यह बातें कही।
CIL चेयरमैन ने कहा कि BCCL जिस दिन 30 मिलियन टन प्रोडक्शन व उतना ही कोल डिस्पैच करने लगेगी, उस दिन से कंपनी का सारा संकट स्वत: समाप्त हो जायेगा। उन्होंने कंपनी की फाइनेंसियल सिचुएशन, प्रोडक्शन, डिस्पैच, नयी प्रोजेक्ट व वाशरी की डिटेल जानकारी हसिल की। अफसरों को नयी वाशरी को टाइम पर चालू करने व ऑक्शन कोल सेल बढ़ाने पर जोर दिया।
नन पावर कंज्यूमर तलाशने होंगे
चेयरमैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कोल प्रोडक्शन के साथ डिस्पैच में वृद्धि हो इसके लिए बीसीसीएल को पावर कंपनियों के भरोसे बैठने की बजाय नये व गैर पावर कंज्यूमर तलाशने होंगे।
लगातार ऑक्शन होने से लिंकेज की जरुरत नहीं
सीआइएल चेयरमैन ने कहा कि वर्तमान समय मं पावर सेक्टर खुद संकट में हैं। इसलिए कुछ परेशानी हैष। बीसीसीएल का सबसे अधिक बकाया डीवीसी के पास है। स्टेट गवर्नमेंट से डीवीसी को बकाया पैसे मिलने की उम्मीद है। इसलिए जल्द स्थिति सुधरेगी। हालांकि बीसीसीएल को स्टील व अन्य सेक्टर की ओर भी ध्यान देना होगा।लगातार ऑक्शन होते रहने से लिंकेज की जरुरत नहीं पड़ेगी। यह तभी संभव है, जब उसके अनुसार कोल प्रोडक्शन सुनिश्चित हो सके। कोल का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन होगा तो सेल भी जरुर होगा। कोल प्राइस घटने की संभावना से इनकार करते हुए चेयरमैन ने कहा कि बीसीसीएल के कोयले की कीमत गुणवत्ता के मुताबिक अधिक नहीं है। मार्केट में कोयले की मांग कुछ कम है, जो जल्द ही ठीक हो जायेगी।
25-30 वर्षों का फ्युचर है कोल का, विकल्प तलाशना होगा
प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि कोल का फ्युचर 25-30 वर्षों का है। इसलिए अगले 25 वर्ष में CIL को कोयले का विकल्प तलाश लेना होगा। क्योंकि उसके बाद ग्रीन इनर्जी की मांग के कारण कोयले की मांग में कमी आयेगी। ऐसे में CIL ने नये क्षेत्रों में भी अवसर तलाशना शुरू कर दिया है। सोलर इनर्जी इसी का एक प्रयास है। सीबीएम प्रोजेक्ट पर भी काम करना शुरू कर दिया गया है। चेयरमैन ने झारखंड में भी कोल से हटकर अन्य एरिया में इन्वेस्ट करने की बात कही।
चेयरमैन के साथ रिव्यू मीटिंग में बीसीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह, डीएफ समीरण दत्ता, डीटी (पीपी) राकेश कुमार समेत अन्य अफसर उपस्थित थे।