Bihar: पैन कार्ड मामले में बोकारो MLA श्वेता सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
झारखंड में बोकारो से कांग्रेस एमएलए श्वेता सिंह पैन कार्ड और वोटर आईडी को लेकर विवादों में हैं। एक्स एमएलए बिरंची नारायण ने उन पर चुनाव में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। मामले में गवर्नर से कंपलेन की है। बीजेपी ने भी इस मामले की जांच की मांग की है। श्वेता सिंह के हसबैंड संग्राम सिंह ने आरोपों को निराधार बताया है। कहा कि वे कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।

- BJP ने गवर्नर से मिल किया जांच की मांग
रांची। झारखंड में बोकारो से कांग्रेस एमएलए श्वेता सिंह पैन कार्ड और वोटर आईडी को लेकर विवादों में हैं। एक्स एमएलए बिरंची नारायण ने उन पर चुनाव में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है। मामले में गवर्नर से कंपलेन की है। बीजेपी ने भी इस मामले की जांच की मांग की है। श्वेता सिंह के हसबैंड संग्राम सिंह ने आरोपों को निराधार बताया है। कहा कि वे कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
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रांची के एमएलए सीपी सिंह, एक्स एमएलए बिरंची नारायण और बीजेपी के अन्य नेताओं ने राजभवन में शनिवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की। उन्होंने गवर्नर को एक ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन के माध्यम से एक्स ए मएलए बिरंची नारायण ने कहा है कि बोकारो की एमएलए श्वेता सिंह ने 2024 विधानसभा चुनाव में बीएसएल, एचएससीएल पूल में दस-बारह वर्ष पूर्व आवंटित क्वार्टर से संबंधित सूचना को छिपाया।
इस संबंध में जानकारी मिली है कि उन्होंने उस आवंटित क्वार्टर का किराया भी बकाया रखा है। नियमत: शपथ पत्र में नो ड्यूज सर्टिफिकेट संलग्न करना होता है, जो उन्होंने जानबूझ कर नहीं दिया। इस प्रकार श्वेता सिंह ने गलत जानकारी शपथ पत्र के रुप में नोटरी पब्लिक से सत्यापित करके प्रस्तुत किया। यह एक गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा गया कि एमएलए श्वेता सिंह के पास वर्तमान में चार वोटर आईडी कार्ड हैं। यह भी एक गंभीर अपराध है। आखिर एक व्यक्ति चार जगह से मतदाता कैसे हो सकता है। इसी प्रकार उनके पास दो पैन कार्ड हैं। यही पैन नंबर उन्होंने विधानसभा चुनाव 2024 के नामांकन फार्म में भरा है।
सवाल उठता है कि जब पहले से उनके नाम पैन कार्ड था, जो उन्होंने दूसरा पैन कार्ड क्यों और किन परिस्थितियों में बनवाया, यह जांच का विषय है।ऐसा प्रतीत होता है कि निश्चित रुप से आधार कार्ड में भी जरूर छेड़छाड़ हुआ होगा। यह भी जांच का विषय है। इसलिए यथाशीघ्र संपूर्ण मामले की जांच कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।
एक्स एमएलए अर्धज्ञानी, महामहिम को कर रहे बदनाम
बोकारो एमएलए श्वेता सिंह के पति संग्राम सिंह ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी का झंडा पूर्व विधायक ढो रहे हैं उसका सिंबल भी उनके पिता स्वर्गीय समरेश सिंह की देन है। एक्स एमएलए अपने हार का गम बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। एक जुलाई 2023 को वैसे सभी पैन कार्ड निरस्त हो गये जो कि आधार लिंक नहीं थे। श्वेता सिंह 2015 से अब तक एक ही पैन पर रिटर्न फाइल कर रही हैं।उन्होंने कहा कि रही बात वोटर कार्ड का हटाने का तो प्रत्येक वर्ष में मतदाता पुनरीक्षण किया जाता है। एक वोटर कार्ड के अलावा कोई और नहीं है। यदि है तो संबंधित बूथ लेबल कार्यकर्ता की जवाबदेही है।पूर्व विधायक डर गये हैं, इसलिए जनता के समर्थन का उल्लंघन कर रहे हैं। यदि वे चाहते हैं कि इस प्रकार जनता काम छोड़कर व्यक्तिगत लड़ाई लड़ना तो समरेश सिंह का परिवार उनके सामने खड़ा है, जो अब तक हम लोग नहीं चाहते थे वह करना पड़ेगा। मामला अब व्यक्तिगत हो गया तो बात दूर तक जाएगी। उनके सभी आरोप का जवाब है।
बोकारो डीसी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी रिपोर्ट
एमएलए श्वेता सिंह की मुश्किलें एक से अधिक पैन कार्ड और वोटर आईकार्ड मामले में बढ़ती जा रही है। बोकारो डीसी जाधव विजया नारायण राव ने श्वेता सिंह के खिलाफ मिली शिकायत की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन अधिकारी झारखंड को भेज दी है। डीसी को मिली शिकायत में बीजेपी की ओर से श्वेता सिंह द्वारा विधानसभा चुनाव में नामांकन के समय दायर शपथपत्र में गलत सूचना देने का आरोप लगाया गया था। शिकायत में बीएसएल द्वारा आवंटित आवास का नो ड्यूज सर्टिफिकेट संलग्न नहीं कर गलत जानकारी शपथपत्र के साथ देने, चार वोटर आइडी कार्ड तथा दो पैन कार्ड रखने का आरोप लगाये गये हैं। बीजेपी इस मामले की शीघ्र निष्पक्ष जांच कराने और भारत निर्वाचन आयोग एवं आयकर विभाग द्वारा निर्धारित नियमों, विधिक प्रावधानों के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के लिए पहल करने का आग्रह किया है।
मामले की प्रारंभिक जांच के दौरान पाया गया कि श्वेता सिंह के पास दो पैन नंबर है। एक पैन रामगढ़ और दूसरा गुड़गांव से जारी किया गया है। पैन नंबर-CWTPS5392A रामगढ़ से और CECPS8218E गुड़गांव से जारी किया गया है।गुड़गांव से जारी किये गये पैन से रिटर्न दायर नहीं किया गया है। रामगढ़ से जारी किये गये पैन से रिटर्न दायर किया जाता है।उपायुक्त को मिली शिकायत में कहा गया था कि श्वेता सिंह पर सरकारी बकाया होने का बावजूद बकाया नहीं होने की गलत जानकारी दी गयी है। मामले की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि श्वेता सिंह को बोकारो स्टील सिटी में एक क्वार्टर आवंटित किया गया है। इसके किराया और बिजली बिल मद का 45 हजार रुपये से अधिक का बकाया है। लेकिन श्वेता सिंह ने नामांकन के समय दायर शपथ पत्र में सरकार या सरकारी संस्था का बकाया नहीं होने की उल्लेख किया है।उपायुक्त ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के निर्देश के आलोक में अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दी है।