बिहार: सेंट्रल मिनिस्टर बनने के बाद पहली बार पटना आये RCP सिंह का जोरदार स्वागत
सेंट्रल मिनिस्टर व जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट आरसीपी सिंह का पहली बार बिहार पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट से समर्थकों के हूजूम के साथ आरसीपी सिंह को जेडीयू ऑफिस तक लाया गया।
- एयरपोर्ट से समर्थकों के हूजूम के साथ आरसीपी सिंह पार्टी ऑफिस पहुंचे
पटना। सेंट्रल मिनिस्टर व जेडीयू के नेशनल प्रसिडेंट आरसीपी सिंह का पहली बार बिहार पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। एयरपोर्ट से समर्थकों के हूजूम के साथ आरसीपी सिंह को जेडीयू ऑफिस तक लाया गया।एयरपोर्ट से खुली जीप से चार घंटे में एयरपोर्ट से जेडीयू हेडक्वार्टर पहुंचे सेंट्रल मिनिस्टर आरसीपी सिंह की बीच में तबीयत भी खराब हो गयी। आनन-फानन में डॉक्टरी जांच के बाद जब वे कर्पूरी सभागार पहुंचे।
जेडीयू ऑफिस में घंटों से उनके इंतजार में बैठे कार्यकर्ताओं ने जमकर नीतीश, आरसीपी के नारे लगाये। प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। मौके पर आरसीपी सिंह ने कहा कि जदयू में सिर्फ एक नेता नीतीश कुमार हैं। जे़डीयू में कोई गुटबाजी नहीं है। हमारी पार्टी के नाम में ही यूनाइटेड लगा है। पार्टी के नाम के अनुरूप हम सभी यूनाइटेड हैं। सभी लीडर नीतीश कुमार हैं। बाक़ी सब लोग उन्हें मदद करते हैं। संगठन ही जेडीयू की ताकत है। आज जब मैं सेंट्रल मिनिस्टर बनकर आया हूं, तो पार्टी का हर कार्यकर्ता स्वयं को मिनिस्टर समझ रहा है।
आरसीपी सिंह ने कहा कि हममें और ललन बाबू में कोई फर्क नहीं। उनसे मेरा संबंध आज का नहीं है। छह अगस्तो को जब ललन बाबू पटना आये तब भी विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा था। आज जब मैं आया हूं, तब भी बहुतों के पेट में दर्द हो रहा है। कहा कि मेरे मिनिस्टर बनने का ये मतलब नहीं कि मैं संगठन का काम छोड़ दूंगा। संगठन के लिए जो काम आज तक करता रहा हूं, वो आगे भी करता रहूंगा। केवल जिला मुख्यालय ही नहीं बल्कि बूथ तक के साथियों के घर जाकर उनका आभार प्रकट करूंगा। उन्हीं के आशीर्वाद से पार्टी है, एमएलए और एमपी हैं। उन्हीं के आशीर्वाद से मैं मिनिस्टर हूं और नीतीश बाबू राज्य के सीएम हैं।
नीतीश कुमार के लीडरशीप में 2025 तक सरकार चलेगी
आरसीपी सिंह ने कहा कि आज बिहार और सेंट्रल दोनों जगह एनडीए की सरकार है। सेंट्रल की मोदी सरकार हो या राज्य की नीतीश सरकार... दोनों सरकारें समावेशी विकास के मॉडल पर आगे बढ़ रही हैं। जातीय जनगणना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस संबंध में अगर हमारी पार्टी या नेता की सोच को जानना हो तो सात निश्चय को समझें। आज इसकी बदौलत बिहार में हर तबके को विकास की धारा मिल रही है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य की सरकार पूरे पांच साल चलेगी। हमारे नेता का जो सपना है, बिहार को विकसित प्रदेश बनाने का, वो जरूर पूरा होगा। एक सवाल पर कहा कि आज आरक्षण कोई मुद्दा नहीं, सबका विकास करना है।
कोई भी काम बिना नीतीश बाबू की अनुमति के नहीं किया
आरसीपी ने साफ-साफ कहा कि आज तक मैंने कोई भी काम बिना नीतीश बाबू की अनुमति के नहीं किया। मीडिया में क्या चलाया गया मेरे बारे में, कहा गया कि गये थे बरतुहारी करने और खुद दूल्हा बन गये। क्या बिना नीतीश कुमार से पूछे मैं पीएम के पास चला गया कि मुझे मिनिस्टर बना दीजिये? यह गलत प्रचार है। ऐसा होने लगा तो कल किसी पार्टी का एमपी प्रधानमंत्री के पास जायेगा। कहेगा कि हमको मंत्री बना दीजिए। ऐसे एमपी को पीएम अपने कैबिनेट में जगह दे देंगे क्या? हम सहयोगी दल हैं, बीजेपी ने नाम मांगा, नीतीश कुमार से बात हुई। सहमति बनने पर मेरा शपथ हुआ। कहा कि 2019 और 2021 में फर्क नहीं है क्या? अभी बीजेपी के 303 एमपी हैं, हमारी जरूरत है क्या वहां? यह तो पीएम मोदी का बड़प्पन है, उनकी दरियादिली और उदारता है। यदि हम सेंट्रल में शामिल नहीं होते तो लोगों में असमंजस की स्थिति होती।
संगठन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी
उन्होंने मिनिस्टर रहते हुए संगठन में काम करने के बारे में भी अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। बोले-बीते 11 वर्षों से वह संगठन की मजबूती के लिए काम करते रहे हैं। मंत्री बन जाने से वह संगठन का काम नहीं करेंगे, यह संभव नहीं है। संगठन को जब कभी उनकी जरूरत महसूस होगी, उपलब्ध रहेंगे।
जातीय जनगणना के सवाल पर इतिहास बताने लगे आरसीपी
आरसीपी ने जातीय जनगणना के बारे में सीएम नीतीश से अलग राय रखी। आरसीपी के अनुसार जब सभी लोगों को समान सुविधाएं मिल रही हैं, जातीय जनगणना अप्रसांगिक हो गई है। आरसीपी सिंह जातीय जनगणना के सवाल पर गोल-मोल जवाब देते रहे। उन्होंने कहा कि पार्टी की यह मांग तो है ही लेकिन हमारे नेता सीएम नीतीश कुमार इससे बहुत आगे चले गये हैं। जातीय जनगणना बरसों से मुद्दा रहा है। कई अन्य पार्टियां भी इसकी मांग करती रही है। एक समय में इसलिए भी इसकी ज्यादा मांग होती थी कि इस देश में आरक्षण एक मुद्दा था। मगर अब आरक्षण उस तरह मुद्दा नहीं रहा।
आरसीपी ने कहा कि अब नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना समावेशी विकास कर रही है। पहली योजना है, जिससे हर जाति-धर्म के लोगों को लाभ मिलता है। सेंट्रल की मोदी सरकार भी सबका साथ, सबका विकास और अब सबका प्रयास की बात कह रही है। नरेंद्र मोदी पीएम बने तो सामान्य श्रेणी के आर्थिक पिछड़ा वर्ग को भी आरक्षण दिया। ऐसे में आरक्षण अब उस प्रकार का मुद्दा नहीं, जैसा 70, 80 और 90 के दशक में होता था। हमारी गाड़ी बहुत आगे बढ़ गई है। उन्होंने इतिहास के हवाले से कहा कि हड़प्पा और मगध साम्राज्य में भी जनगणना होती थी। उसका मकसद अधिक से अधिक टैक्स की वसूली करना था। अंग्रेजों ने सबसे पहले जनगणना कराई मगर इसका उद्देश्य भी विकास नहीं, अपना शासन मजबूत करना था। भारत में भी पहले जनगणना में कास्ट और सब कास्ट का कॉलम था। 13 से 14 कॉलम थे मगर आजादी के बाद 1951 में इसे हटा दिया गया।
कई स्टेट करा चुके हैं सर्वे
आरसीपी ने कहा कि जनगणना कराना गृह मंत्रालय का काम है। जब 2011 में कांग्रेस की सरकार थी, उस समय सामाजिक-आर्थिक सर्वे कराया गया था। यूपी में भी 1994 में सर्वे हुआ था कि पिछड़ी जाति कितनी है। कनार्टक में भी सर्वे हुआ। बहुत सारे राज्य अपना सर्वे कराते हैं। समावेशी समाज का विकास यह दिखाता है कि सभी का विकास करना है। उन्होंने कहा कि संविधान में एसएसी-एसटी को आरक्षण आबादी के अनुसार देने का प्रावधान है, इसलिए एससी-एसटी की गणना होती है। आरसीपी सिंह के स्वागत की तैयारी पिछले कई दिनों से चल रही थी। पटना एयरपोर्ट से जदयू कार्यालय तक बैनर और होर्डिंग जोर-शोर से लगाये गये थे। स्वागत समारोह में प्रदेश अध्यक्ष अभय कुशवाहा, एमपी चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, दुलालचंद गोस्वामी, गिरिधारी यादव, महाबली सिंह, मिनिस्टर शीला मंडल, सुनील कुमार एवं जयंत राज सहित कई एमएलए शामिल हुए।