धनबाद:किसान उत्पादक संगठन एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से संबंधित बैठक आयोजित 

डीसी उमा शंकर सिंह की अध्यक्षता में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआइएफ) की जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक समाहरणालय के सभागार में आयोजित की गई।

धनबाद:किसान उत्पादक संगठन एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से संबंधित बैठक आयोजित 

धनबाद। डीसी उमा शंकर सिंह की अध्यक्षता में किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआइएफ) की जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक समाहरणालय के सभागार में आयोजित की गई।

इस अवसर पर डीसी ने कहा कि सरकार की इस योजना से किसानों को सशक्त बनाने और उनकी आय दोगुनी करने के प्रयास किए जा रहे है। छोटे और सीमांत किसानों के पास उत्पादन तकनीक, सेवाएँ, बाज़ारीकरण और मूल्यवर्धन के लिए आर्थिक सामर्थ्य नहीं होता है। एफपीओ के स्थापित होने से किसानों को बेहतर इनपुट गुणवत्ता, तकनीक, मशीनीकरण, ऋण और बाज़ार तक पहुँच मिलेगी। इससे किसान अपनी लागत बचा पाएँगे और एफपीओ सामूहिक रूप से मोल-भाव करके उन्हें फसल का बेहतर दाम भी दिलाये्गा।

उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य एक क्लस्टर में किसी एक उत्पाद की विशेषज्ञता, प्रसंस्करण, बाज़ारीकरण, ब्रांडिंग और निर्यात को बेहतर करना है। एफपीओ के माध्यम से किसान अपने उत्पाद पर ऋण भी ले सकते हैं। इससे किसान कम आपूर्ति वाले समय में अपना उत्पाद बेचकर अधिक दाम कमा सकते हैं। डीसी ने जिला विकास प्रबन्धक (नाबार्ड), जिला सहकारिता पदाधिकारी तथा जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) तथा प्रोग्रेसिव फार्मर्स से समन्वय स्थापित करके एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की सुविधा देने हेतु आवश्यक कार्रवाई करें और अधिक से अधिक किसानों को जोड़ें। इसके साथ ही जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जिला में कितने सक्रिय पैक्स उसकी सूची नाबार्ड तथा इस समिति को उपलब्ध कराए।

डीडीएम नाबार्ड रवि कुमार लोहानी ने बताया कि वर्तमान में जिले में 3 एफपीओ कार्यरत है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अगले 5 साल में 10 हजार एफपीओ गठन करने का लक्ष्य रखा है। एफपीओ की स्थापना व प्रचार के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), एस.एफ.ए.सी. और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को चुना गया है। जो किसान संगठनों में फसल किसानी, कृषि बाज़ार, मूल्यवर्धन और प्रसंस्करण, सामाजिक सक्रियता, विधि एवं खाता और सूचना प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञ होंगे जो हर समस्या का समाधान दे पायेंगे।इस फंड के अंतर्गत फाइनेंसिंग सुविधा, उत्पादित फसल से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और फसलों के भंडारण से जुडे इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए दी जाएगी। इस फ़ंड के अंतर्गत मुख्यत: प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स), फार्मर प्रोड्यूसर ऑगेनाइजेशन, कंपनियां और स्टार्टअप आदि को बैंको के माध्यम से फाइनेंसिंग सुविधा उपलब्ध कारवाई जाएगी हैं। जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर में कोल्ड चेन, आधुनिक स्टोरेज फैसिलिटी, फसल को खेतों से मार्केट तक ले जाने के लिए बेहतर ट्रांसपोर्टेशन फैसिलिटी उपलब्ध कराना शामिल हैं। 

बैठक में डीडीसी दशरथ चन्द्र दास, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड रवि कुमार लोहानी, जिला कृषि पदाधिकारी असीम रंजन एक्का, अग्रणी जिला प्रबंधक अमीत कुमार, जिला उद्यान पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी के प्रतिनिधि, कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक, बाजार समिति सचिव सहित अन्य संबंधित अफसर उपस्थित थे।