बिहार: BPSC पेपर लीक मामले में BMP-14 के डीएसपी पुलिस कस्टडी में, EOU की जांच में एक नया खुलासा
BPSC की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा केपेपर लीक मामले में ईओयू ने BMP-14 के डीएसपी रंजीत रजक को कस्टडी में लिया है। डीएसपी से पूछताछ की जा रही है। लेकर पूछता छ कर रही है। पेपर लीक मामले में इससे पहले आधा दर्जन सरकारी अफसर समेत 16 एक्युज्ड जेल जा चुके हैं, जिसमें आधा दर्जन से अधिक सरकारी अफसर शामिल हैं।
- पेपर लीक मामले में आधा दर्जन सरकारी अफसर समेत 16 आरोपी जेल में
पटना। BPSC की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा केपेपर लीक मामले में ईओयू ने BMP-14 के डीएसपी रंजीत रजक को कस्टडी में लिया है। डीएसपी से पूछताछ की जा रही है। लेकर पूछता छ कर रही है। पेपर लीक मामले में इससे पहले आधा दर्जन सरकारी अफसर समेत 16 एक्युज्ड जेल जा चुके हैं, जिसमें आधा दर्जन से अधिक सरकारी अफसर शामिल हैं।
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EOU सोर्सेज के अनुसार डीएसपी रंजीत रजक बीपीएससी पेपर लीक गैंग से जुड़े सदस्यों के लगातार संपर्क में थे। पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपितों व फरार आरोपितों के साथ डीएसपी के बातचीत ते एवीडेंस ईओयू को मिले हैं। बीपीएससी पेपर लीक होने से पहले और उसके बाद भी लगा तार संदिग्धों व आरोपितों से संपर्क में होने की जानकारी जांच टीम को मिली। इसके बाद ईओयू ने डीएसपी को कस्टडी में ले लिया है। पिछले मई में एग्जाम के दिन ही बीपीएसी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा पेपर लीक होने के बाद कैंसल कर दी गई थी।
एसएससी की एग्जाम में धांधली मामले था नेम्ड आरोपी बन गया डीएसपी
ईओयू की जांच में डीएसपी से जुड़ा एक बड़ा खुला भी हुआ है। सोर्सेज के अनुसार 2012 में एसएससी एग्जाम में हुई धांधली में भी रंजीत रजक का नाम सामने आया था। उस समय वह डीएसपी नहीं बना था। इस मामले में उसके खिलाफ नेम्ड एफआइआर दर्ज की गई थी। नेम्ड एफआइआर के बावजूद वह बीपीएससी एग्जाम पास कर कैसे डीएसपी बन गये इसको लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि ईओयू के अफसर अभी इस बावत अभी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। संभावना है कि मंगलवार को डीएसपी को अरेस्ट कर लिया जायेगा।
बीडीओ, प्रिंसिपल व प्रोफेसर समेत 16 जेल में
बीपीएससी की प्रारंभिक एग्जाम आठ मई को थी। पेपर लीक के बा द इसे कैंसिल कर दिया गया इसकी जांच कर रही ईओयू को इसके पहले भी कई अफसरों को अरेस्ट कर चुकी है, जबकि कई अब भी रडार पर हैं। इस मामले में बड़हरा बीडीओ जयवद्र्धन गुप्ता, राजस्व पदाधिकारी राहुल कुमार, सुनील कुमार सिंह, सहायक केंद्राधीक्षक अगम कुमार, कृषि विभाग में सहायक राजेश कुमार समेत कई सरकारी अफसर जेल की हवा खा रहे हैं। वाट्सएप पर वायरल पेपर प्राप्त करने और साल्व करने वाले कई परीक्षार्थी और साल्वर गैंग के सदस्यों को भी पकड़ा गया है। ईओयू की टीम ने सभी पर धोखाधड़ी, जालसाजी, पद का दुरुपयोग, आइटी एक्ट तथा बिहार परीक्षा नियंत्रण अधिनियम 1981 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।