बिहार: पैसा लेकर फ्लैट न देने वाले बिल्डरों पर अब दर्ज FIR, डीजीपी ने दिया आदेश
बिहार में कस्टमर्स से पैसे लेकर घर या फ्लैट उपलब्ध न कराने वाले बिल्डरों के विरुद्ध जांच कर एफआइआर दर्ज की जायेगी। डीजीपी एसके सिंघल ने मंगलवार को पुलिस हेडक्वार्टर में सीनीयर पुलिस अफसरों के साथ बैठक में इस बाबत निर्देश दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए सभी पुलिस अफसरों से दोषी बिल्डरों के विरुद्ध कार्रवाई कर सूचना देने को कहा है, ताकि इससे जुड़ा शपथ पत्र हाईकोर्ट में समर्पित किया जा सके।
पटना। बिहार में कस्टमर्स से पैसे लेकर घर या फ्लैट उपलब्ध न कराने वाले बिल्डरों के विरुद्ध जांच कर एफआइआर दर्ज की जायेगी। डीजीपी एसके सिंघल ने मंगलवार को पुलिस हेडक्वार्टर में सीनीयर पुलिस अफसरों के साथ बैठक में इस बाबत निर्देश दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए सभी पुलिस अफसरों से दोषी बिल्डरों के विरुद्ध कार्रवाई कर सूचना देने को कहा है, ताकि इससे जुड़ा शपथ पत्र हाईकोर्ट में समर्पित किया जा सके।
यह भी पढ़ें:बिहार:आंगनबाड़ी में बहाली प्रक्रिया बदली, शराब धंधा छोड़ने पर मिलेंगे एक लाख, कैबिनेट ने 31 प्रोपोजल को दी मंजूरी
रेप,एससी-एसटी एवं पाक्सो एक्ट के डिस्पोजल का टास्क
डीजीपी ने अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट, पाक्सो एक्ट और रेप की धाराओं में दर्ज कांडों में पुलिस को 60 दिनों के अंदर अंतिम प्रपत्र समर्पित कर कांडों का डिस्पोजल करने का टास्क दिया गया है। इन सभी कांडों की मानीटरिंग के लिए प्रत्येक जिले में एक अफसर और दो कांस्टेबल को प्रतिनियुक्त कर कोषांग का गठन करने का निर्देश एसपी को दिया गया है। डीजीपी ने पुलिस अफसरों को छोटी-छोटी टीम बनाकर जिम्मेदारियों का निबटारा करने का टास्क दिया ताकि निष्पादन के कामों में तेजी आ सके। सीआइडी के अंतर्गत कमजोर वर्ग को एससी-एसटी एक्ट से जुड़े कांडों की रिपोर्ट पुलिस हेडक्वार्टर को भेजने को कहा गया है, ताकि 15 दिसंबर के बाद उसकी समीक्षा की जा सके।
तीन दिनों में मांगी गई डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग की रिपोर्ट
एडीजी हेडक्वार्टर जितेंद्र सिंह गंगवार ने क्षेत्रीय पदाधिकारियों को भ्रष्टाचार के मामले में फंसे अफसरों से जुड़ी रिपोर्ट तीन दिनों के अंदर पुलिस हेडक्वार्टर को भेजने को कहा है। उन्होंने कहा कि घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये मामलों से जुड़ी 50 डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग को जुलाई में चिह्नित किया गया था। इनका शीघ्र डिस्पोजल कर रिपोर्ट भेजी जाए। कुछ जिलों में ट्रांसफर के बावजूद पदाधिकारियों व कर्मियों को विरमित न किए जाने पर एतराज जताते हुए एडीजी ने बुधवार शाम तक इसकी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
बैठक में सीआइडी के एडीजी जितेंद्र कुमार, एडीजी कमजोर वर्ग आर मल्लर विझी, एडीजी विधि-व्यवस्था संजय सिंह, आइजी हेडक्वार्टर विनय कुमार, डीआइजी दलजीत सिंह, डीजाइजी कार्मिक रंजीत कुमार मिश्रा, डीआइजी प्रशासन विकास बर्मन, डीआइजी रेल राजीव रंजन आदि उपस्थित थे।