Jharkhand: पुत्रधर्म के साथ राजधर्म निभा रहे CM हेमंत सोरेन, बोले- जनता के समर्थन से मिली हिम्मत
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भावुक होते हुए कहा कि वे एक बेटे और एक मुख्यमंत्री दोनों की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। जनता के अपार समर्थन से उन्हें हिम्मत और ऊर्जा मिली है।

रांची। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन अपने पिता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन से गहरे शोक में हैं। वह अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। उनके लिए यह समय अत्यंत दुखदायी है। उनके दिल-दिमाग में बेचैनी और पीड़ा है। इसके बावजूद वे पुत्रधर्म के साथ-साथ राजधर्म को भी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं।
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बाबा दिशोम गुरु के हर सपने को पूरा करेगा उनका बेटा...
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 8, 2025
हमारे वीर पुरुखों का संघर्ष और बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा। pic.twitter.com/Ac2p1LcMjK
सीएम हेमंत अपने व्यक्तिगत दुख को दरकिनार कर हेमंत रामगढ़ के नेमरा स्थित अपने पैतृक आवास से राजधर्म का निर्वहन कर रहे हैं। नेमरा में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए सीएम हेमंत शासन-प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने में जुटे हैं। उनका यह प्रयास सुनिश्चित करता है कि झारखंड के विकास की गति में कोई रुकावट न आए।
वीरों और क्रांतिकारियों की वीर भूमि है हमारा झारखण्ड!
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 8, 2025
इसी वीर भूमि के वीर माटी पुत्र, महान झारखण्ड आंदोलनकारी, अमर वीर शहीद निर्मल महतो जी के शहादत दिवस पर शत-शत नमन।
वीर शहीद निर्मल महतो अमर रहें!
झारखण्ड के वीर अमर रहें!
अमर रहें! अमर रहें!
शोक की घड़ी में ही राज्यहित के प्रति संवेदनशीलता
सीएम शोक की इस घड़ी में भी राज्य के हितों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील हैं। वे व्यक्तिगत भावनाओं को दबाकर सरकारी कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जरूरी फाइलों का निष्पादन, वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नियमित संवाद और सरकार की गतिविधियों पर नजर रखना उनकी दिनचर्या का हिस्सा है। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिये हैं कि वे कार्यों में तत्परता बनायें रखें। और आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करें। किसी भी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। सीएम हर पल अद्यतन सूचनाओं से अवगत रहते हैं और आवश्यकतानुसार निर्देश देते हैं।
माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी पुत्र धर्म के साथ साथ राजधर्म भी निभा रहे हैं..
— Vinod Kumar Pandey (@VinodPandeyJMM) August 8, 2025
वो लगातार आधिकारियों के संपर्क मे हैं और जरूरी कामों को निपटाने का काम कर रहे हैं। और परंपराओं के अनुसार पुत्र धर्म को भी निभाने का काम कर रहे हैं।@HemantSorenJMM @JmmJharkhand pic.twitter.com/vw9KvCUD0iखेती-किसानी हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ के साथ-साथ हमारी अस्मिता, संस्कृति और परंपरा की पहचान है। खेतों की हरियाली किसानों की कड़ी मेहनत को दर्शाता है। जब फसलें लहलहाएंगी, तो यह उनके चेहरे की मुस्कान बनेगी।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 8, 2025
अबुआ सरकार हमारे राज्य के मेहनतकश किसानों को खुशहाल और सशक्त बनाने के लिए… pic.twitter.com/avicKJ5stW
जनता के अपार समर्थन से मिली हिम्मत
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन के निधन के बाद जनता का अपार समर्थन उनके परिवार के लिए ढाल बना। इस कठिन समय में जनता की संवेदनशीलता और साथ ने उन्हें अपने कर्तव्यों को निभाने की हिम्मत दी।उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य की जनता मेरे परिवार के साथ खड़ी रही, उसने मुझे इन विषम परिस्थितियों में भी राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की शक्ति दी।
बाबा के वादों को पूरा करने का संकल्प
शिबू सोरेन झारखंड के लिए एक प्रेरणास्रोत थे। वे हमेशा जनता के हितों के लिए लड़े और व्यक्तिगत स्वार्थों को कभी तरजीह नहीं दी। मुख्यमंत्री ने कहा - बाबा कहते थे कि सार्वजनिक जीवन में जनता के लिए हमेशा खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने कभी झुकना नहीं सीखा। झारखंड का अस्तित्व उनकी देन है। वे हमेशा उनके लिए मार्गदर्शक रहेंगे, भले ही उनका साया अब न हो।
सीएम हेमंत सोरेन का यह समर्पण झारखंड की जनता के लिए एक मिसाल है। व्यक्तिगत दुख को पीछे छोड़कर वे राजधर्म का पालन कर रहे हैं, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शिबू सोरेन के आदर्शों को जीवित रखते हुए वे झारखंड को विकास और समृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कटिबद्ध हैं।
राजधर्म और पुत्रधर्म का अनुकरणीय संतुलन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 24 जून से दिल्ली में थे। दिशोम गुरु की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति के कारण उन्हें दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बतायी जा रही थी। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन न केवल अपने पुत्र धर्म का बखूबी निर्वहन करते रहे, बल्कि झारखंड के राजकाज पर भी पूरी तत्परता से नजर रखे हुए थे। यह दोहरी जिम्मेदारी का निर्वहन उनकी नेतृत्व क्षमता और जनसेवा के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
झारखंड आंदोलन के नायक शिबू सोरेन किडनी से संबंधित गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। उनकी देखभाल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम दिन-रात काम कर रही थी।सीएम हेमंत सोरेन स्वयं अस्पताल में मौजूद रहकर पिता के स्वास्थ्य की स्थिति पर लगातार नजर रखते रहे। विदेशी चिकित्सकों से भी परामर्श लेते रहे उनकी स्थिति को लेकर झारखंड में जनता के बीच चिंता का माहौल रहा। रजरप्पा मंदिर सहित कई स्थानों पर शिबू सोरेन के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किये गये। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हॉस्पिटल पहुंचकर शिबू सोरेन के स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की थी।प्रशासनिक कार्यों का सुचारू संचालन
इस नाजुक दौर में भी हेमंत सोरेन ने झारखंड के प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दिल्ली में रहते हुए वे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स के माध्यम से न केवल सीनीयर अफसरों को निर्देश दे रहे हैं, बल्कि जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान भी सुनिश्चित करते रहे।उन्होंने एक दर्जन से अधिक जनशिकायतों का निपटारा किया, जिनमें स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और दिव्यांगजनों से संबंधित मामले प्रमुख हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने घायल अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी विमल लकड़ा को बेहतर इलाज और मूकबधिर सौम्या को आवश्यक मशीन उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी से लेकर विभिन्न जिलों के डीसी तक को एक्स पर टैग कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की। उनकी यह डिजिटल सक्रियता झारखंड की राजनीति में एक नई मिसाल कायम किया। उनके ट्विटर हैंडल पर 10.1 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उन्हें न केवल झारखंड, बल्कि देश के कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तुलना में इंटरनेट मीडिया पर अधिक प्रभावशाली बनाता है।
वर्चुअल समीक्षा बैठकों से देते रहे निर्देश
प्रशासनिक कार्यों के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने विशेष बैठकों में अपनी अनुपस्थिति में अन्य अफसरों को अधिकृत किया था। उन्होंने चीफ सेकरेटरी, डीजीपी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठकें कीं, जिनमें लॉ एंड ऑर्डर, क्राइम कंट्रोल, इलिगल माइनिंग और साइबर क्राइम जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी। उन्होंने नई दिल्ली में नवनिर्मित झारखंड भवन का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के निर्देश दिए। हेमंत सोरेन की यह कार्यशैली उनकी संवेदनशीलता और कर्तव्यनिष्ठा का परिचायक है। एक ओर जहां वे अपने पिता की सेवा में तत्पर रहे, वहीं दूसरी ओर जनता की समस्याओं के प्रति उनकी सजगता उनकी नेतृत्व क्षमता को और मजबूत करती है। उनके इस संतुलित दृष्टिकोण की सराहना हो रही है और इंटरनेट मीडिया पर उनके समर्थन में कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनता से उनके लिए प्रार्थना करने की अपील की थी। उनकी इस दोहरी जिम्मेदारी के निर्वहन ने न केवल उनकी छवि को और निखारा है, बल्कि यह भी साबित किया है कि कुशल नेतृत्व कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता निकाल लेता है।
वेंटिलेटर पर रखे गये थे शिबू सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन (81)की हालत काफी नाजुक थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उन्हें 24 जून को किडनी संबंधी परेशानियों के कारण दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल कराया गया था। शिबू सोरेन फिलहाल वेंटिलेटर पर रहे,और उनकी हालत गंभीर थी। उन्हें जून के आखिरी हफ्ते में किडनी संबंधी समस्या के चलते एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शिबू सोरेन के बेटे और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने 24 जून को अपने पिता के हॉस्पिटल में एडमिट होने पर कहा था कि उन्हें हाल ही में यहां एडमिट कराया गया था। हम उनसे मिलने आये थे। उनकी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की जांच की जा रही है। जुलाई का अंत में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिता शिबू सोरेन के स्वास्थ्य पर बड़ा अपडेट दिया था। उन्होंने बताया था कि पिता की हालत फिलहाल स्थिर बना हुआ है। उनके अनुसार डॉक्टरों ने इस पर बहुत स्पष्ट रूप से कुछ नहीं बताया कि वह कब तक पूरी तरह ठीक हो जायेंगे। सीएम हेमंत सोरेन लगातार दिल्ली में रहकर उनकी देखभाल करते रहे। झारख्रंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक, झारखंड के एक्स सीएम व राज्यसभा मेंबर दिशोम गुरु शिबू सोरेन का चार अगस्त की सुबह गंगाराम हॉस्पिटल में निधन हो गया।