कोल इंडिया एपेक्स जेसीसी की बैठक: अविवाहित बहन को भी आश्रित के रूप में किया जायेगा शामिल
कोल इंडिया एपेक्स जेसीसी की परिचयात्मक बैठक में वाइफ-हसबैंड दोनों के कर्मचारी होने की स्थिति में प्रति लाभार्थी को 25000 रुपया तक बाह्य उपचार के मुद्दे पर पुनर्विचार करने पर सहमति बनी है। कोलकाता में हुई बैठक की अध्यक्षता सीआइएल चेयरमैन पीएम प्रसाद ने की।
- बैठक में कई मुद्दों पर बनी सहमति
- वाइफ-हसबैंड दोनों के कर्मचारी होने की स्थिति में प्रति लाभार्थी को 25,000 तक बाह्य उपचार के मुद्दे पर पुनर्विचार पर सहमति
कोलकाता। कोल इंडिया एपेक्स जेसीसी की परिचयात्मक बैठक में वाइफ-हसबैंड दोनों के कर्मचारी होने की स्थिति में प्रति लाभार्थी को 25000 रुपया तक बाह्य उपचार के मुद्दे पर पुनर्विचार करने पर सहमति बनी है। कोलकाता में हुई बैठक की अध्यक्षता सीआइएल चेयरमैन पीएम प्रसाद ने की।
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बैठक में अनुग्रह राशि दुर्घटना ग्रस्त श्रमिकों (स्थायी एवं कट्रेक्ट श्रमिक) के आश्रितों को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये देने पर सहमति बनी है। वहीं चिकित्सा उद्देश्य के लिए अविवाहित बहन को आश्रित के रूप में शामिल किया जायेगा। बैठक में मौजूद एक यूनियन लीडर ने बताया कि आश्रित व भूमि विस्थापितों को उनकी योग्यता के अनुसार नियोजन के मुद्दे पर कोल इंडिया प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच की जायेगी। मेडिकल एग्जीक्यूटिव (डॉक्टर्स) की भर्ती में देरी को देखते हुए बहाली प्रक्रिया का अधिकार सीआइएल को दिया जाये, ताकि इस प्रक्रिया को न्यूनतम समय सीमा के साथ सरल बनाया जा सके। बहाली करते समय, उम्मीदवारों की पोस्टिंग उनकी पसंद की कंपनी के अनुसार की जाये। बैठक में चर्चा के बाद इस बात पर सहमति बनी कि बहाली की प्रक्रिया को कोल इंडिया सेंट्रलाइज किया जायेगा।
जिन मुद्दों पर बनी सहमति
कर्मचारियों के आश्रितों की ट्यूशन फीस और हॉस्टल शुल्क की प्रतिपूर्ति की सुविधा इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स इन मैनेजमेंट (आइपीएम) बीबीए, एमबीए जैसे पाठ्यक्रमों व आइआइएम में भी दिया जायेगा।
शारीरिक रूप से विकलांग आश्रितों के मामलों पर कार्रवाई की जाये व कोल इंडिया द्वारा चिन्हित नौकरियों के अनुसार रोजगार प्रदान किया जायेगा।
कोर्ट में लंबित प्रकरणों की आउट ऑफ कोर्ट समझौता से संबंधित प्रशासनिक आदेश (14-04-2016) को अक्षरशः लागू किया जायेगा।
मैनेजमेंट द्वारा आश्रित को रोजगार यह कह कर देने से इनकार कर दिया जाता है कि यदि परिवार का कोई सदस्य रोजगार पर है। इस बात पर सहमति बनी कि इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार लागू किया जायेगा।
कर्मचारी सात वर्ष से अधिक समय से लापता है और कोर्ट द्वारा उसे मृत घोषित होने पर आश्रित को रोजगार दिया जायेगा।
विवाहित पुत्रियों को आश्रित रोजगार देने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देशानुसार एसइसीएल की तरह आश्रित रोजगार के निराकरण करे लिए सीआइएल मैनेजमेंट द्वारा भी परिपत्र जारी किया जायेगा, ताकि इसे सामान्य तौर पर लागू किया जा सके।
महिला वीआरएस के मुद्दे पर पुराने लंबित मामलों की निराकरण पर सहमति।
बैठक में में कोल इंडिया डीपी विनय रंजन समेत अन्य अफसर व यूनियन लीडर उपस्थित थे।