Congress Plenary Session: 52 साल से हमारे पास अपना घर नहीं, राहुल गांधी ने BJP पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के अतिम दिन रविवार को संबोधित किया। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभवों पीएम मोदी-अडाणी के संबंध, जयशंकर के दिये चीन पर बयान समेत कई मुद्दों पर विचार रखे।
- 'हमारी पार्टी सत्याग्रही और भाजपा सत्ताग्रही'
रायपुर। राहुल गांधी ने कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के अतिम दिन रविवार को संबोधित किया। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभवों पीएम मोदी-अडाणी के संबंध, जयशंकर के दिये चीन पर बयान समेत कई मुद्दों पर विचार रखे।
यह भी पढ़ें:Delhi: द्वारका में हसबैंड ने वाइफ और दो बच्चों की मर्डर की, खुद की सुसाइड की कोशिश
राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मैं देश के सभी तबके से मिला, भारत जोड़ो यात्रा से मैंने बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा, "मैं सोचता था कि फिट हूं, 20-25 KM चल लूंगा, लेकिन यात्रा शुरू होते ही घुटने का पुराना दर्द लौट आया और 10-15 दिनों में मेरा अहंकार खत्म हो गया। भारत माता ने मुझे संदेश दिया- तुम अगर कन्याकुमारी से कश्मीर तक चलने निकले हो तो दिल से अहंकार मिटाओ, वर्ना मत चलो।
"हम हैं सत्याग्रही और बीजेपी सत्ताग्रही
राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, "हम हैं सत्याग्रही और बीजेपी सत्ताग्रही है। वे लोग सत्ता पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। मैंने अदाणी से कहा कि वो 106 नंबर से 2 पर कैसे पहुंचे।" राहुल गांधी ने कहा, "मैंने संसद में एक उद्योगपति के खिलाफ मोर्चा खोला। मैंने एक फोटो दिखाई, जिसमें मोदीजी अदाणी के साथ प्लेन में बैठे हैं। मैंने पूछा रिश्ता क्या है, तो भाजपा सरकार के सभी मंत्री अदाणी की रक्षा करने लग गये। अदाणी पर हमला करने वाला देश द्रोही और अदाणी देशभक्त बन गए। भाजपा और संघ उस व्यक्ति की रक्षा कर रहे हैं, सवाल ये है कि रक्षा क्यों कर रहे हैं। ये जो शेल कंपनियां हैं, हजारों करोड़ रुपया हिंदुस्तान भेज रही हैं, ये किसकी हैं, इसमें किसका पैसा है, जांच क्यों नहीं हो रही है, जेपीसी क्यों नहीं बन रही है।"
मेरे पास अपना घर नहीं
उन्होंने कहा, "कांग्रेस तपस्वी लोगों की पार्टी है। चार महीने की तपस्या से बहुत अच्छे परिणाम सामने आए हैं। इस तपस्या को बंद नहीं होने देना है। सभी कांग्रेस कार्यकर्ता इस तपस्या में शामिल होंगे और अपना खुन-पसीना देश को देंगे। जैसे ही हम तपस्या में खड़े होंगे, पूरा देश हमारे साथ तपस्या में खड़ा हो जाएगा क्योंकि ये देश तपस्यी का है।"उन्होंने कहा मां बैठी हैं। मैं छोटा था, 1977 की बात है। चुनाव आया, मुझे उसके बारे में कुछ नहीं मालूम था। घर में अजीब सा माहौल था। मैंने मां से पूछा मम्मी क्या हुआ। मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा हम घर क्यों छोड़ रहे हैं। पहली बार मां ने मुझे बताया कि ये हमारा घर नहीं है। ये सरकार का घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने पूछा कहां जाना है तो कहती हैं कि नहीं मालूम कहां जाना है। मैं हैरान था। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गये मेरे पास घर नहीं है। आज तक नहीं है।'राहुल गांधी ने जब घर छोड़ने का किस्सा सुनाया तो मंच पर बैठी सोनिया भावुक हो गईं।