Dhanbad: धनंजय यादव मर्डर केस में विक्की अरेस्ट, मास्टरमाइंड रामबाबू धिक्कार समेत 12 आरोपी पुलिस पकड़ से दूर
झरिया पुलिस स्टेशन की पुलिस ने सिंह मेंशन समर्थक धनंजय यादव मर्डर केस का खुलासा करने का दावा किया है। पुलिस मर्डर केस में अहम किरदार होटल संचालक विक्की वर्मा को अरेस्ट किया है।
धनबाद। झरिया पुलिस स्टेशन की पुलिस ने सिंह मेंशन समर्थक धनंजय यादव मर्डर केस का खुलासा करने का दावा किया है। पुलिस मर्डर केस में अहम किरदार होटल संचालक विक्की वर्मा को अरेस्ट किया है।
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सिंदरी एसडीपीओ अभिषेक कुमार व झरिया थाना प्रभारी संतोष सिंह ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस में बताया कि धनंजय की मर्डर में विक्की वर्मा सहित 13 लोग शामिल थे। विक्की वर्मा को अरेस्ट कर लिया गया है। विक्की वर्मा ने मर्डर केस में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर लिया है। मुख्य आरोपी रामबाबू धिक्कार सहित 12 आरोपी फरार हैं।
धनजय मर्डर केस का मास्टर माइंड है रामबाबू धिक्कार
सिंदरी एसडीपीओ ने बताया कि विक्की वर्मा के होटल में खाना खाकर धनंजय यादव पैसे नही देता था। ऐसे कई विवाद थे जिससे विक्की वर्मा भीतर ही भीतर धनंजय यादव से चिढ़ा हुआ था। इसी बात का फायदा रामबाबू धिकार ने उठाया। उसने धनंजय यादव की मर्डर की साजिश रची। पैसे देकर क्रिमिनलों से विक्की वर्मा की यूपी के मिर्ज़ापुर और फिर बोकारो मीटिंग करवाई। उन्होंने कहा कि विक्की ने बारीकी से धनंजय यादव की हर गतिविधियों की रेकी की। उसने क्रिमिनलों को धनंजय की हर गतिविधि की जानकारी दी। धनंजय की मर्डर के समय मौके पर विक्की भी मौजूद रहा।
एफआइआर में रघुकुल समर्थक समेत दर्जन भर नेम्ड
झरिया सिंह नगर में 31 जुलाई की आधी रात सिंह मेंशन समर्थक धनंजय यादव की घर में घुसकर मर्डर कर दी गई थी। धनंजय की बहन ऐना कोलियरी निवासी मीना देवी ने झरिया पुलिस स्टेशन में रघुकुल समर्थक रामबाबू धिक्कार समेत दर्जन भर क्रिमिनलों पर मर्डर का आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई है। पोस्टमार्टम में पता चला है कि धनंजय के बॉडी पर धारदार हथियार से 20 वार किये गये थे। मीना ने बताया कि रामबाबू व उसके साथी देर रात घर में घुस आए। गुलगुलिया बस्ती के राजा धिक्कार के हाथ में पिस्टल व नियर कलाली कतरास मोड़ के महेश यादव के हाथ में भुजाली थी। नियर कलाली का सद्दाम अंसारी हाथ में बम लिए था। गुलगुलिया बस्ती के ही कैलाश धिक्कार, रंजीत धिक्कार व राहुल धिक्कार भी हाथ में भुजाली लिए थे। भाई तब भोजन कर रहा था। घर में घुसते ही सद्दाम ने बम फेंका, वह नहीं फुटा।मीना का कहना है कि आरोपितों ने भाई के सिर, गर्दन, पेट, छाती, हाथ व दोनों पैरों पर भुजाली से वार किए। रामबाबू धिक्कार व राजा धिक्कार ने उसे कई गोलियां मारीं। इससे भाई की जान चली गई।बड़ी भाभी, मां तथा मैं बचाने गए, तो आरोपितों ने धक्का देकर गिरा दिया। भाभी के सिर व पसली पर पिस्टल से प्रहार किया। इसके बाद सभी राजापुर की ओर भाग गये। सभी अपराधी चार पहिया वाहन से आये थे।
आरोपी ले गये धनंजय का मोबाइल
क्रिमिनल मर्डर के बाद धनंजय का मोबाइल ले गये। उसका अंतिम लोकेशन राजापुर में मिला। पुलिस को संदेह है कि मोबाइल में कुछ ऐसा था, जिसे छिपाने को क्रिमिनल ले गये। रामबाबू से उसके मोबाइल पर हो रही बातचीत के आधार पर भी पुलिस लोकेशन का पता लगा रही है। घटनास्थल से दो खोखा, एक बम और दो भुजाली बरामद हुए।
धनंजय और रामबाबू के बीच हिंसक झड़प
परिजन का कहना है कि 19 जनवरी को धनंजय और रामबाबू के बीच हिंसक झड़प हुई थी। धनंजय की जान को खतरा था। विरोधी अक्सर रात में आते थे। पुलिस शिथिल हो गई इसलिए धनंजय को आरोपियों ने मार दिया। कुछ लोगों का कहना था कि गोलियों की आवाज सुनाई नहीं दी इसलिए लगता है कि अपराधियों ने पिस्टल में साइलेंसर लगाया था।
धनंजय को मारी गईं तीन गोलियां, एक सिर के आर-पार
धनंजय यादव को अपराधियों ने तीन गोलियां मारी थीं। दो सीने में लगीं, एक सिर में लगकर पार हो गई। धारदार हथियार से शरीर पर 20 प्रहार किये गये, इससे शरीर के अधिकांश हिस्से लहूलुहान हो गये। सिर में गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी। एसएनएमएमसीएच की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बातें सामने आईं है।
सात साल पुरानी दुश्मनी में धनंजय को गंवानी पड़ी जान
धनंजय यादव और रामबाबू धिक्कार के बीच पिछले सात साल से दुश्मनी चल रही थी। धनंजय के घर के बाहर वर्ष 2017 में बम फेंका गया था। तत्कालीन झरिया थानेदार सह इंस्पेक्टर उपेंद्र राय ने मामला दर्ज कर रामबाबू धिक्कार सहित कई लोगों को जेल भेजा था। 18 जनवरी 2023 को झरिया कतरास मोड़ स्थित गुलगुलिया पट्टी में खूनी संघर्ष हुआ था। दोनों ओर से तलवार व बम चले थे। निरंजन तांती की तलवार से मर्डर कर दी गई थी। दोनों ओर से आधा दर्जन लोग घायल हुए थे। पुलिस ने चंदन सिन्हा, लल्लन भूईया, भोला भूईया, गार्डन मियां, रघुकुल समर्थक व आरोपी श्याम बाबू धिक्कार, चंदन धिक्कार व बहन एतवारी देवी को गिरफ्तार कर धनबाद जेल भेजी थी। मुख्य आरोपी रामबाबू धिक्कार पुलिस पकड़ से बाहर था।
मासूम बच्चियों के सामने पिता के खून से खेली होली
झरिया के सिंह नगर मोहल्ले के धनंजय यादव के घर एक कमरे में चारों ओर खून फैला था। कमरे में मौजूद पलंग पर दो साल की बच्ची परी बैठी थी। पास में ही छह माह की उसकी बहन सो रही थी। फर्श पर धनंजय की बॉडी पड़ा था। धनंजय ही दोनों बच्चियों के पिता था।
आरोपियों को टकटकी लगाए देखते रहे बच्चे
दोनों नन्हीं बच्चियों के सामने उसके पिता धनंजय की मर्डर की गई। इन बच्चियों ने तो अभी दुनिया को देखना शुरू ही किया था। यह खौफनाक दृश्य उनको जीवन भर का जख्म दे गया है। परी की आंखों के सामने ही सात क्रिमिनल कमरे में घुसे थे। किसी के हाथ में भुजाली थी, तो किसी के हाथ में पिस्टल। नन्हीं बिटिया को तो यह पता ही नहीं था कि ये उसके पिता का काल बनकर आये हैं। वह टकटकी लगाये उनको देखने लगी, तभी पिता पर इन सभी ने ताबड़तोड़ भुजाली के प्रहार शुरू कर दिया। बच्ची रो पड़ी, दहशत में उसने आंखें मूंद लीं। कुछ देर बाद जब उसने आंखें खोलीं तो उसको दुलार करने वाला पिता दुनिया से जा चुका था। वह फर्श पर पड़ा था निस्तेज। खून की धारा बह रही थी। वह उसे देखने लगी, फिर रो पड़ी।
वाइफ और बेटियों की जिंदगी के लिए धनंजय ने आवाज नहीं निकाली
क्रिमिनल जिस समय घर में घुसे, धनंजय भोजन कर रहा था। तभी दरवाजा खटखटाया गया। वाइफ पूनम ने दरवाजा खोला। तभी आर्म्स से लैश क्रिमिनल घर में घुस आये। पिस्टल दिखाकर सबको कब्जे में ले लिया। धनंजय की वाइफ की गर्दन पर भुजाली रख दी। आरोपी कह रहे थे, धनंजय ने विरोध किया तो वाइफऔर दोनों बेटियों को जान से मार देंगे। तब धनंजय ने हाथ जोड़ दिए, परिवार की जिंदगी के लिए वह उनके सामने खड़ा हो गया। बस यही कहा, मुझे मार दो, वाइफ और बच्चों को छोड़ दो। इसके बाद क्रिमिनलों ने धनंजय पर भुजाली से कई प्रहार किये। दो क्रिमिनलों ने धनंजय को गोली मार दी। उसकी जान चली गई। बावजूद जाते-जाते क्रिमिनलों ने धनंजय की बॉडी पर बम भी फेंका। वह फटा नहीं। अन्यथा पत्नी, भाभी और बेटियों की भी जान चली जाती। भाभी गुलाबी ने प्रतिकार किया, तो पिस्टल के बट से उसके सिर पर प्रहार कर दिया।