गिरिडीह: 25 लाख का इनामी नक्सली अजय महतो के गांव पर्वतपुर में सीआरपीएफ पिकेट पर ग्रामीणों का हंगमा, बैरिकेडिंग तोड़ी
5 लाख रुपये के इनामी भाकपा माओवादी नक्सली कमांडर अजय महतो के गांव पांडेयडीह के पर्वतपुर में सीआरपीएफ पिकेट खोलने के विरोध में ग्रामीणों ने बुधवार की शाम पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का हजूम बैंरिकेडिंग तोड़कर पांडेयडीह में बने पुलिस कैंप में घुस नारेबाजी करने लगे। पुलिस जवानों ने संयम का परिचय देते हुए ग्रामीणों को शांत कराकर कैंप से बाहर निकाला।
- पारंपरिक हथियारों से लैश ग्रामीणों घंटो प्रदर्शन व सभा
- सीआरपीएफ पिकेट निर्माण का विरोध
गिरिडीह। 25 लाख रुपये के इनामी भाकपा माओवादी नक्सली कमांडर अजय महतो के गांव पांडेयडीह के पर्वतपुर में सीआरपीएफ पिकेट खोलने के विरोध में ग्रामीणों ने बुधवार की शाम पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन किया। पारंपरिक हथियार के साथ ग्रामीणों का हजूम बैंरिकेडिंग तोड़कर पांडेयडीह में बने पुलिस कैंप में घुस नारेबाजी करने लगे। पुलिस जवानों ने संयम का परिचय देते हुए ग्रामीणों को शांत कराकर कैंप से बाहर निकाला।
पारंपरिक हथियारों से लैस सैकड़ों ग्रामीणों का जुलूस पर्वतपुर पहुंचकर जमकर बवाल काटा।सीआरपीएफ कैंप का विरोध कर रहे ग्रामीण प्रदर्शन व सभा किया। ग्रामीणों के प्रदर्शन को देखते हुए डीएसपी, सीओ व बड़ी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गयी थी। ग्रामीणों का हुजूम पारंपरिक हथियार के साथ पांडेयडीह सीआरपीएफ कैंप में पहुंच जमकर नारेबाजी की। पुलिसकर्मियों ने आक्रोशित ग्रामीणों का विरोध किया, लेकिन संयम बरतते हुए कैंप से ग्रामीणोंको कैंप से बाहर निकाला।
गिरिडीह एमएवए सुदिव्य कुमार सोनू ने ग्रामीणों के साथ बैठककर बातचीत की। मांझी-हड़ाम सहित अन्य समाज के लोगों ने एमएलए को अपनी समस्या बतायी। लोगों का कहना था कि एरिया में पुलिस कैंप की जरूरत नहीं है। हॉस्पीटल व स्कूल बननी चाहिए। एमएलए ने कहा कि इस मामले को लेकर पांच लोगों का एक डेलीगेशन को सीएम से मिलवा कर उनके समक्ष बातों को रखने का काम करेंगे।
सीआरपीएफ पिकेट खोलने का ग्रामीण कर रहे विरोध
25 लाख का इनामी नक्सली अजय महतो के गांव पांडेयडीह उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सीआरपीएफ पिकेट खोला गया है।ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। आरोप है कि इस साजिश के पीछे हार्डकोर नक्सली अजय महतो का हाथ है। हालांकि इसकी कोई ऑफिसियल पुष्टि नहीं हो पाई है।